FD पर बैंकों ने ब्याज दर घटाया तो कम होगा मुनाफा? सरकार का ये नया नियम नहीं होने देगा नुकसान, जानें डिटेल
Personal Finance: सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से TDS के नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिससे बुजुर्गों और सामान्य लोगों को FD से होने वाले इनकम पर फायदा होगा.
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Personal Finance: बैंकों ने 1 मई से फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दरें घटा दी हैं, जिससे मंथली ब्याज इनकम पर थोड़ा असर अब जरूर पड़ने वाला है. हालांकि बहुत घबराने की जरूरत नहीं है. सरकार के नए TDS (Tax Deducted at Source) नियमों के चलते अब उस ब्याज इनकम पर टैक्स कटौती उतनी नहीं होगी जो पहले होती थी. ऐसे में हो सकता है कि मंथली, तिमाही या सालाना रिटर्न पर कोई असर न हो. ये भी हो सकता है कि ये असर न के बराबर हो. यानी TDS का नया नियम मंथली कैश फ्लो को संभाल लेगा.
सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से TDS के नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिससे बुजुर्गों और मध्यम वर्ग के निवेशकों को सीधा फायदा मिलेगा. ये वही लोग हैं जो FD, MIS या पोस्ट ऑफिस जैसी स्कीम में बड़ी रकम लगाकर हर महीने ब्याज से खर्च चलाते हैं. अब उन्हें ब्याज कम मिलने की चिंता से ज्यादा TDS बचत का सुकूंन मिलेगा.
अब कम कटेगा टैक्स! जानें नया नियम
बुजुर्गों को राहत
60 साल या उससे ऊपर की उम्र के निवेशकों के लिए FD पर मिलने वाले ब्याज इनकम पर TDS छूट की सीमा 50,000 से बढ़ाकर 1 लाख रुपए सालाना कर दी गई है. यानी अब सालाना 1 लाख तक ब्याज कमाने पर कोई टैक्स नहीं कटेगा. इससे ज्यादा होने पर ही 10% TDS देना होगा.
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सामान्य नागरिकों को भी फायदा
सामान्य नागरिकों को अब तक 40,000 रुपए सालाना से ज्यादा ब्याज के इनकम पर 10 फीसदी TDS देना होता था, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दी गई है. यानी FD, RD या MIS में निवेश करने वालों को अब अधिक ब्याज मिलने के बावजूद TDS से राहत मिलेगी.
यहां देखें एक कैलकुलेशन
केस स्टडी: रामेश्वर श्रीवास्तव की FD इनकम पर असर
- उम्र: 62 साल (वरिष्ठ नागरिक)
- निवेश राशि: ₹20 लाख
- बैंक: HDFC Bank
- FD अवधि: 5 साल
स्थिति | पुराना नियम | नया नियम |
ब्याज दर | 7.5% | 7.0% |
सालाना ब्याज | ₹1,50,000 | ₹1,40,000 |
सालाना टीडीएस कटौती | ₹10,000 | ₹4,000 |
मंथली इनकम (TDS के बाद) | ₹11,667 | ₹11,334 |
निष्कर्ष:ब्याज दर घटने से रामेश्वर जी की मंथली इनकम ₹1,166 कम हुई, लेकिन TDS में ₹500 प्रति माह की बचत हुई. यानी नेट नुकसान केवल ₹333 महीना हुआ। कुल मिलाकर मंथली आमदनी पर बहुत बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा.
TDS बचाने के ये उपाय जान लें वरना फालतू में कटेगा पैसा
अगर आपकी कुल आय टैक्स के दायरे में नहीं आती तो आप बैंक में फॉर्म 15G (60 साल से कम) या 15H (60 साल से ऊपर) जमा कर सकते हैं.इसके बाद वो पैसे भी बचा सकते हैं जो नए नियम के बावजूद कर रहे हैं. यदि TDS कट भी गया है तो ITR फाइल करके टैक्स रिफंड लिया जा सकता है. इसके लिए पैन नंबर बैंक में अपडेट कराना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर बैंक 10% की जगह 20% तक TDS काट सकता है.
इन निवेशों पर भी TDS में बदलाव
इनकम का सोर्स | पहले TDS सीमा | नई TDS सीमा |
बुजुर्गों की ब्याज इनकम | ₹50,000/वर्ष | ₹1,00,000/वर्ष |
सामान्य नागरिकों की ब्याज इनकम | ₹40,000/वर्ष | ₹50,000/वर्ष |
म्यूचुअल फंड डिविडेंड | ₹5,000 | ₹10,000 |
बीमा एजेंट का कमीशन | ₹15,000 | ₹20,000 |
किराया | ₹2.4 लाख/वर्ष | ₹6 लाख/वर्ष |
लॉटरी/हॉर्स रेसिंग जीत | कुल ₹10,000/वर्ष |
एक बार में ₹10,000 से अधिक |
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