Minimum Amount Due in Credit Card: क्रेडिट कार्ड 'MAD' पेमेंट के चक्कर में फंसे तो बुरी तरह से कट जाएगी जेब !

Personal Finance: पर्सनल फाइनेंस (Parsonal Finance) की इस सीरीज में हम आपको क्रेडिट कार्ड के मिनिमम ड्यू अमाउंट को पे करने के फायदे और नुकसान की पूरी डिटेल बताने जा रहे हैं. 

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तस्वीर: न्यूज तक.

बृजेश उपाध्याय

25 Apr 2025 (अपडेटेड: 25 Apr 2025, 01:48 PM)

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Credit Card News: क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के पास बिल जेनरेट होने के बाद दो ऑप्शन आते हैं. एक पूरा अमाउंट पे करने का और दूसरा 'मिनिमम ड्यू अमाउंट' पे करने का. मिनिमम अमाउंट ड्यू 15 फीसदी से लेकर 25 फीसदी तक होता है. यूजर सोचते हैं कि केवल 25 फीसदी अमाउंट ही पे करने का मौका मिल रहा है. ऐसे में वो इसका लाभ ले लेते हैं. कभी-कभार मजबूरीवश तो ठीक है पर हर बार इस मौके का लाभ लेना आपको महंगा पड़ा सकता है. 

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यही गलती हर्ष भी अक्सर करते हैं. एक निजी कंपनी में काम करने वाले हर्ष ने 1 लाख रुपए तक का क्रेडिट कार्ड लिया है. हर्ष अपना सिबिल स्कोर बढ़ाने के लिए इस कार्ड का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते हैं. वे इससे हर महीने करीब 15-16000 रुपए ही खर्च करते हैं. हर्ष का बिल बनता है तो वे इस बिल का मिनिमम अमाउंट ड्यू जो करीब 4000 रुपए के आसपास होता है उसे पे कर देते हैं. 

पर्सनल फाइनेंस (Personal Finance) की इस सीरीज में हम आपको क्रेडिट कार्ड के मिनिमम ड्यू अमाउंट को पे करने के फायदे और नुकसान की पूरी डिटेल बताने जा रहे हैं. 

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मिनिमम अमाउंट ड्यू (MAD) क्या है? 

 क्रेडिट कार्ड का 'मिनिमम अमाउंट ड्यू' (MAD) चुकाना कई लोगों के लिए एक आसान विकल्प लगता है, लेकिन यह सुविधा आपके इकोनॉमिक हेल्थ पर लंबे समय तक प्रभाव डाल सकता है. बैंक क्रेडिट कार्ड पर क्यों देते हैं MAD (Minimum Amount Due) का विकल्प? आइए जानें...

बैंक अपने क्रेडिट कार्ड के ग्राहक को फुल बिल पेमेंट के साथ मिनिमम अमाउंट ड्यू का भी ऑप्शन देना है. ये इसलिए होता है कि यदि ग्राहक के पास उस मंथ में पैसे की किल्लत हो तो वो MAD चुकाकर लेट फी से बच सकता है. साथ ही आपका क्रेडिट कार्ड भी एक्टिव रहेगा. लेट पेमेंट करने से बेहतर है कि MAD चुकाकर आप अपना सिबिल स्कोर खराब होने से भी बचा सकते हैं. 

बार-बार MAD पेमेंट के क्या हैं नुकसान 

यदि आप बार-बार मिनिमम अमाउंट ड्यू को ही चुका रहे हैं तो आप लंबे समय के लिए अपना जेब पर बुरा असर डालने के साथ ही अपना सिबिल भी खराब कर रहे हैं. बैंक MAD पर भले ही लेट पेमेंट नहीं लेते हों पर जो अमाउंट बचता है उसपर भारी-भरकम ब्याज वसूलता है. जिससे वो अमाउंट बढ़ता जाता है. बार-बार MAD या अक्सर MAD चुकाने पर सिबिल स्कोर पर भी नकारात्मक असर पड़ता है. अक्सर बैंक बाकी बची राशि पर 36% से 42 फीसदी सालाना के दर से ब्याज ले सकते हैं. 

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क्या करें? 

क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं तो अनुशासन बेहद जरूरी है. आप बिल को समय पर चुकाएं. क्रेडिट कार्ड के खर्चों को नियंत्रण में रखते हुए कोशिश करें कि MAD न चुकाना पड़ा. यदि ऐसी सिचुएशन आ ही जाए तो कोशिश करिए कि ये बार-बार न हो. 

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