UPI New Rules: GPay, phonepe, Paytm करते हैं इस्तेमाल तो जान लें नए नियम, 31 जुलाई से होंगे लागू

UPI पहले से और तेज़ हो गया है. 16 जून से ट्रांजेक्शन टाइम कम हुआ है और 31 जुलाई से बैलेंस चेक और ऑटो पे पर लिमिट लागू होगी. जानें नया अपडेट की फुल डिटेल.

UPI New Rules, UPI Speed Change, Balance Check Limit, Autopay UPI, GPay Limit, PhonePe Rules, यूपीआई बदलाव, गूगल पे लिमिट, यूपीआई स्पीड अपडेट
तस्वीर: AI

News Tak Desk

• 10:57 AM • 20 Jun 2025

follow google news

चाहे ऑटोरिक्शा का पेमेंट हो, ठेले पर फल-सब्जी खरीदने, पानी-पुरी खाने से लेकर बड़े मॉल में शॉपिंग करना हो, लोग झट से UPI पेमेंट का सहारा लेते हैं. पूरे महीने में कितना खर्च हुआ ये भी UPI बता देता है. सारे खर्च का रिकॉर्ड रखने के साथ पैसे का आदान-प्रदान सेकेंडों में करता है. 

Read more!

पिछले दिनों में UPI सिस्टम पीक ऑवर में लोड बढ़ने के कारण कई बार ठप हो गए. एक consultancy कंपनी PWC की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1000 रुपए के ट्रांजेक्शन पर इन्वॉल्व पार्टीज को ढाई रुपए खर्च करने पड़ते हैं. ये पैसे यूजर्स से वसूले नहीं जाते. यानी यूजर्स बढ़ने के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं बढ़ पा रहा है. वजह है खर्च की भरपाई ही नहीं हो पा रही. 

पेमेंट सुधार के लिए किए गए बदलाव 

UPI में सुधार लाने के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं. ये स्पीड से काम करे इसके लिए ट्रांजेक्शन टाइम में बदलाव किया गया है. ये बदलाव 16 जून से लागू हो चुका है. अभी कुछ और बदलाव 31 जुलाई से लागू हो जाएंगे. 

Personal Finance की इस सीरीज में इस पूरे बदलाव को रौनक की कहानी से समझते हैं. रौनक हर दिन कम से कम 15 बार अपना बैंक बैलेंस चेक करते हैं. कभी GPay से, कभी PhonePe से. अब उसे अपनी ये आदत बदलनी होगी. क्योंकि देश का सबसे भरोसेमंद डिजिटल पेमेंट सिस्टम UPI (यूपीआई) अब और फास्ट, स्मार्ट और लिमिटेड बनने जा रहा है. 

UPI से पेमेंट करने पर देना होगा चार्ज? क्यों बार-बार ठप हो रहा ये? इसके पीछे की असली कहानी क्या है?

16 जून 2025 से लागू हुआ बड़ा बदलाव

  • अब GPay, PhonePe, Paytm जैसे ऐप्स पर ट्रांजेक्शन का रिस्पॉन्स टाइम सिर्फ 10 सेकंड होगा (पहले 30 सेकंड लगते थे). 
  • ‘पे’ या ‘कलेक्ट’ ऑपरेशन अब 15 की बजाय 10 सेकंड में वैलिडेट होंगे. 
  • ‘ट्रांजेक्शन रिवर्सल’ यानी गलत पेमेंट को वापस लेने की प्रक्रिया भी अब सुपरफास्ट होगी. 
  • यानी पेमेंट्स, रिफंड्स और कंफर्मेशन अब और स्मूद होंगे. इससे न सिर्फ यूज़र्स को फायदा होगा, बल्कि सर्वर लोड भी कम होगा. 

31 जुलाई से लागू होंगी ये लिमिट्स (Day-wise)

  • NPCI ने कुछ कामों पर रोज की सीमा तय कर दी है.
  • सर्विस लिमिट (रोजाना)
  • बैलेंस चेक    50 बार से अधिक नहीं
  • अकाउंट लिस्ट देखना    25 बार तक
  • ऑटो पे पेमेंट: 1 बार ट्राई + 3 रीट्राई (पीक टाइम के बाहर)

पीक टाइम (Peak Hours)

  • सुबह 10:00 से दोपहर 1:00 तक
  • शाम 5:00 से रात 9:30 तक

बैंकों और ऐप्स को 31 जुलाई 2025 तक इन नए नियमों को लागू करना जरूरी है.

क्यों हो रहे हैं ये बदलाव?

  • हर महीने बिलियनों ट्रांजेक्शन हो रहे हैं.
  • सर्वर लोड कम होगा.
  • फेल ट्रांजेक्शन की संख्या घटेगी.
  • यूजर्स को फास्ट और फ्रिक्शनलेस एक्सपीरियंस मिलेगा.

रौनक जैसे यूजर्स को क्या करना होगा?

  • बार-बार बैलेंस चेक करने की आदत बदलें
  • ट्रांजेक्शन फेल हुआ तो दोबारा पीक टाइम के बाहर कोशिश करें.
  • बैकअप ऐप्स (जैसे भीम, मोबाइल बैंकिंग) तैयार रखें.

3000 रुपये से ज्यादा के UPI पेमेंट पर लगेगा शुल्क? वित्त मंत्रालय ने किया क्लियर
 

    follow google newsfollow whatsapp