Haryana War Mock Drill Details: पहलगाम हमले और भारत-पाक तनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है. हरियाणा के 11 जिलों में 7 मई 2025 को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल(War Mock Drill) आयोजित होगी. इस ड्रिल में रात में सायरन बजेंगे, ब्लैकआउट होगा और NCC-NSS के साथ स्थानीय नागरिक हिस्सा लेंगे. 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद यह पहली बार है जब देशभर में इतने बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस ड्रिल हो रही है. इसका उद्देश्य युद्ध या आपात स्थिति में नागरिकों को तैयार करना है.
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दो कैटेगरी में बांटे गए 11 जिले विभाजन
केंद्र सरकार की 2005 की सिविल डिफेंस लिस्ट के आधार पर हरियाणा के कुल 11 जिलों को शामिल किया गया है, जिन्हें उनकी रणनीतिक और सामरिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए चुना गया है. इन जिलों को दो श्रेणियों में बांटा गया है सेकेंड और थर्ड कैटेगरी.
सेकेंड कैटेगरी में हरियाणा के 10 जिले आते हैं—अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर. वहीं थर्ड कैटेगरी में झज्जर को शामिल किया गया है. इन जिलों को सिविल डिफेंस के तहत इसलिए प्राथमिकता दी गई है क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा और आपात स्थिति में प्रबंधन की दृष्टि से अहम भूमिका निभा सकते हैं.
मॉक ड्रिल में क्या होगा?
यह ड्रिल युद्ध जैसे हालात का यथार्थ अनुकरण करेगी, जिसमें नागरिकों की सुरक्षा, प्रतिक्रिया और जागरूकता की तैयारियों को परखा जाएगा. इसकी प्रमुख गतिविधियों में सबसे पहले सायरन और हूटर शामिल होंगे, जो हवाई हमले की चेतावनी देंगे और इसके बाद नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा. रात के समय ब्लैकआउट किया जाएगा, जिसके तहत दुश्मन की निगरानी से बचने के लिए सभी प्रकार की लाइट्स—चाहे वे घरेलू हों, सड़क की हों या टोल पर लगी हों—बंद कर दी जाएंगी.
इसके अलावा निकासी और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर घायलों को प्राथमिक चिकित्सा दी जाएगी. साथ ही, जागरूकता प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिसमें आपातकाल की स्थिति में संयम बनाए रखने, सहयोग करने और बचाव के प्रभावी तरीकों की जानकारी लोगों को दी जाएगी.
यहां देखें पूरी लिस्ट: देशभर में 7 मई का बजेगा युद्ध का 'सायरन', 244 जिलों में 'War' मॉकड्रिल की तैयारी, यहां देखें लिस्ट !
1971 के बाद सबसे बड़ी ड्रिल
1962, 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान ऐसी ड्रिल हुई थीं. 1971 के बाद यह पहला मौका है जब इतने बड़े स्तर पर अभ्यास हो रहा है. पहलगाम हमले और भारत-पाक तनाव ने इसकी जरूरत को रेखांकित किया है.
सायरन बजने पर क्या करें?
ड्रिल के दौरान नागरिकों को सतर्क रहने की विशेष आवश्यकता होगी. सायरन बजते ही घबराने की बजाय शांति बनाए रखें और तुरंत नजदीकी शेल्टर या सुरक्षित स्थान पर चले जाएं. सभी प्रकार की लाइट्स जैसे घर की लाइट, मोबाइल की टॉर्च आदि तुरंत बंद कर दें ताकि ब्लैकआउट प्रभावी ढंग से लागू हो सके. यदि आसपास कोई घायल व्यक्ति हो तो उसकी मदद करें और स्थानीय प्रशासन या राहत दल के निर्देशों का पूरी तरह पालन करें. अफवाहों से बचना बेहद जरूरी है, इसलिए केवल आधिकारिक स्रोतों से मिलने वाली सूचनाओं पर ही भरोसा करें और दूसरों को भी वही जानकारी साझा करें.
समय और तैयारियां
ड्रिल का सटीक समय अभी घोषित नहीं हुआ है, लेकिन शहरों में समय अलग-अलग हो सकता है. गुरुग्राम, फरीदाबाद जैसे जिलों में विशेष इंतजाम हैं. ड्रिल के बाद जिला प्रशासन “Action Taken Report” जमा करेगा.
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