पहले सरकार गिराने को लेकर बयानबाजी, अब हो गए एक ? दिग्विजय ने कमलनाथ के साथ तस्वीर साझा कर क्या कहा

कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच हाल की बयानबाजी के बाद अब मेलमिलाप की तस्वीर सामने आई है. दोनों नेताओं ने 50 साल की दोस्ती का हवाला देकर कांग्रेस में एकजुटता का संदेश दिया है.

कमलनाथ और दिग्विजय सिंह
कमलनाथ और दिग्विजय सिंह

आशुतोष शुक्ला

12 Sep 2025 (अपडेटेड: 12 Sep 2025, 05:00 PM)

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एमपी की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है, हालांकि इस बार ये हलचल किसी जुबानी जंग से नहीं, बल्कि दो दिग्गज नेताओं की एक साथ तस्वीर से मची है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ एक फोटो शेयर की है, जिसमें दोनों नेता मुस्कुराते नजर आ रहे हैं.

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दिग्विजय सिंह ने इस तस्वीर के साथ लिखा:

 

"कमलनाथ जी और मेरे लगभग 50 सालों के पारिवारिक संबंध रहे हैं. हमारे राजनैतिक जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहे हैं और ये स्वाभाविक भी हैं. हमारा सारा राजनैतिक जीवन कांग्रेस में रहते हुए विचारधारा की लड़ाई एकजुट होकर लड़ते हुए बीता है और आगे भी लड़ते रहेंगे. छोटे-मोटे मतभेद रहे हैं लेकिन मनभेद कभी नहीं."

 

यह पोस्ट ऐसे वक्त पर आई है जब दोनों नेताओं के बीच हाल ही में तीखी बयानबाजी देखने को मिली थी.

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कैसे शुरू हुआ विवाद?

दरअसल, कुछ दिन पहले एमपीतक पॉडकास्ट पर दिए एक इंटरव्यू में दिग्विजय सिंह ने 2020 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिरने को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक उद्योगपति के घर डिनर हुआ था, जिसमें कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल थे और वो खुद भी वहां मौजूद थे. इस डिनर में एक विशलिस्ट तैयार की गई थी, लेकिन बाद में उसका पालन नहीं हुआ. नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस सरकार गिर गई.

दिग्विजय सिंह के इस बयान के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई. जवाब में कमलनाथ ने भी सोशल मीडिया पर पलटवार किया. उन्होंने लिखा-

"मध्य प्रदेश में 2020 में मेरे नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने को लेकर हाल ही में कुछ बयानबाजी की गई है. मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि पुरानी बातें उखाड़ने से कोई फायदा नहीं. लेकिन यह सच है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह लगता था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं. इसी नाराजगी में उन्होंने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ा और हमारी सरकार गिरायी."

अब क्या बदला?

अब जबकि दोनों नेताओं की साथ में तस्वीर सामने आई है, तो इसे कांग्रेस के अंदरूनी मतभेद खत्म करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. इस बात का साफ संकेत है कि दोनों दिग्गज नेता आने वाले समय में पार्टी को एकजुट रखने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं.

इस मेल-मिलाप को कांग्रेस की आगामी रणनीति और मध्य प्रदेश में पार्टी को फिर से मजबूत करने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है.

राजनीति में मतभेद आम बात है, लेकिन जब नेता अपने निजी मतभेदों को भुलाकर पार्टी की एकता की बात करते हैं, तो इससे कार्यकर्ताओं और समर्थकों को एक अच्छा संदेश जाता है. कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की यह तस्वीर भी यही कह रही है "मनभेद नहीं, मतभेद भी अब खत्म कीजिए!"

अब देखना यह होगा कि क्या इस मेलमिलाप का असर मध्य प्रदेश कांग्रेस की रणनीति और संगठन पर भी दिखेगा या फिर यह सिर्फ एक दिखावटी एकजुटता है.

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