Madhya Pradesh League 2025: भारतीय क्रिकेट का इतिहास राजघरानों से जुड़ा रहा है. पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह से लेकर इंदौर के महाराजा यशवंतराव होलकर तक, कई शाही परिवारों ने क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. अब इस गौरवशाली परंपरा में एक नया नाम जुड़ रहा है अनिकेत वर्मा.
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मध्य प्रदेश लीग (एमपीएल) के पहले ही सीजन में अनिकेत ने अपने बल्ले से तूफान मचा दिया और हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. इस लीग के पीछे ग्वालियर के 'युवराज' महानार्यमन सिंधिया की मेहनत और दूरदर्शिता है, जिन्होंने छुपी प्रतिभाओं को सामने लाने का बीड़ा उठाया है.
अनिकेत ने लगाया छक्कों का तूफान
युवा क्रिकेटर अनिकेत वर्मा ने मध्य प्रदेश लीग में अपनी बल्लेबाजी से सभी को हैरान कर दिया. पिछले सीजन में एक मैच में उन्होंने सिर्फ 32 गेंदों में शतक ठोक डाला, जिसमें 13 छक्के शामिल थे. यह पारी न केवल उनकी हिटिंग क्षमता को दर्शाती है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और मेहनत का भी सबूत है.
अनिकेत की पारी में बनाया रिकॉर्ड
पूरे टूर्नामेंट में अनिकेत ने छह मैचों में 54.6 की औसत और 195 की शानदार स्ट्राइक रेट से 273 रन बनाए, जो किसी भी बल्लेबाज द्वारा सबसे ज्यादा थे. उनके 25 छक्कों ने टूर्नामेंट में सर्वाधिक छक्कों का रिकॉर्ड भी बनाया. इस प्रदर्शन ने उन्हें सनराइजर्स हैदराबाद जैसी आईपीएल फ्रेंचाइजी तक पहुंचाया. अनिकेत दो साल पहले डिवीजनल टूर्नामेंट में चंबल के खिलाफ 407 रनों की शानदार पारी भी खेल चुके हैं.
अनिकेत की संघर्ष पूर्ण यात्रा
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अनिकेत जब केवल तीन महीने के थे, तभी उनकी मां का निधन हो गया था. उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली, जिसके बाद अनिकेत का पालन-पोषण उनके चाचा अमित और उनकी मां ने किया. 10 साल की उम्र में अनिकेत का दाखिला घर के पास रेलवे यूथ अकादमी में कराया गया था. वहां कोच नंदजीत सिंह ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें अंकुर अकादमी भेजा.
अंकुर अकादमी में चीफ कोच ज्योति प्रकाश त्यागी ने उन्हें और निखारा. कोविड-काल के दौरान अनिकेत ने फेथ अकादमी ज्वाइन कर ली, और तब से वे वहीं के खिलाड़ी हैं.
प्रतिभाओं को मौका देने का मंच एमपीएल
मध्य प्रदेश लीग की शुरुआत महानार्यमन सिंधिया ने की, जो ग्वालियर के शाही परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके दादा स्व. माधवराव सिंधिया बीसीसीआई के अध्यक्ष रह चुके हैं, और पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्री हैं. महानार्यमन बताते हैं कि उनके परिवार का क्रिकेट से गहरा नाता रहा है. उनके दादा की प्रेरणा से शुरू हुई 'सिंधिया ट्रॉफी' को पुनर्जनम देने की इच्छा ने एमपीएल को जन्म दिया.
इस लीग का मकसद मध्य प्रदेश के उन खिलाड़ियों को मौका देना है, जिन्हें रणजी जैसे बड़े मंच तक पहुंचने का अवसर नहीं मिला. अनिकेत वर्मा, माधव तिवारी (दिल्ली कैपिटल्स) और शिवम शुक्ला (केकेआर) जैसे खिलाड़ी इस लीग की देन हैं, जिन्होंने यहां से आईपीएल तक का सफर तय किया.
नौकरी और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी
मध्य प्रदेश लीग सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं है. यह देश की एकमात्र लीग है, जो खिलाड़ियों को रोजगार भी देती है. महानार्यमन ने सभी फ्रेंचाइजी टीमों को निर्देश दिया है कि वे हर सीजन में कम से कम दो खिलाड़ियों को नौकरी दें. इसके अलावा, पर्यावरण संरक्षण के लिए लीग में हर डॉट बॉल पर 10 पौधे लगाए जाते हैं. टीमों के नाम भी वन्यजीवों पर आधारित हैं, ताकि जैव विविधता के प्रति जागरूकता फैले.
अमेरिकी फिल्म से प्रेरणा
महानार्यमन सिंधिया को एमपीएल की शुरुआत का विचार एक अमेरिकी फिल्म 'मिलियन डॉलर आर्म' से मिला. इस फिल्म में भारत में बेसबॉल प्रतिभाओं की खोज दिखाई गई थी. इससे प्रेरित होकर उन्होंने मध्य प्रदेश के हर संभाग में टैलेंट हंट प्रतियोगिताएं शुरू कीं.
इनमें उन खिलाड़ियों को मौका दिया गया, जो पहले कभी संभागीय या राज्य टीमों का हिस्सा नहीं रहे. अनिकेत जैसे कई खिलाड़ी इसी टैलेंट हंट से निकलकर लीग की टीमों में शामिल हुए और चमके.
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