Weather Update in MP: मध्य प्रदेश इन दिनों भीषण सर्दी की चपेट में है. पिछले करीब पंद्रह दिनों से तापमान लगातार नीचे जा रहा है, जिससे आम लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सुबह-सुबह कई इलाकों में घना कोहरा छाया रहता है, जबकि बर्फीली हवाएं शरीर को काटने जैसी ठंड पैदा कर रही हैं. हालात इतने गंभीर हैं कि शाम ढलते ही लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हो रहे हैं. बाजारों और सड़कों पर सामान्य दिनों की तुलना में गतिविधियां काफी कम दिखाई दे रही हैं.
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मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के 12 जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया है. इनमें से सबसे ज्यादा सर्दी का प्रकोप राजगढ़ में देखा गया. यहां तापमान गिरकर 7.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. यह प्रदेश का अब तक का सबसे कम तापमान रहा है.
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मध्य प्रदेश पर शीतलहर की मार कितनी गंभीर है. कई स्थानों पर लोग आग जलाकर, हीटर का इस्तेमाल कर और मोटे ऊनी कपड़े पहनकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन तेज हवाएं हर उपाय को कमजोर साबित कर रही हैं. अगले 24 घंटो के लिए मौसम विभाग ने 6 जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट जारी किया है. जिसमें राजगढ़ भोपाल, इंदौर, उज्जैन, खरगोन और विदिशा शामिल है.
48 घंटों तक रहेगा ठंड का प्रकोप
मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल और इंदौर संभाग में अगले कुछ दिनों तक शीतलहर की स्थिति बनी रह सकती है. वहीं जबलपुर अंचल में भी ठंड और बढ़ने की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग का कहना है कि आगामी 48 घंटों तक तापमान में किसी बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है, इसलिए लोगों को सतर्क और सजग रहने की आवश्यकता है. विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को बाहर निकलते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.
मौसम वैज्ञानिकों ने इस कड़ाके की ठंड के पीछे उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ को मुख्य कारण बताया है. विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हो रही बर्फबारी से उठने वाली बर्फीली हवाएं सीधे मध्य प्रदेश की ओर प्रवेश कर रही हैं. यही हवाएं प्रदेश में तापमान में निरंतर गिरावट का कारण बनी हुई हैं. सर्द हवाओं का यह दौर फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है और आने वाले दिनों में भी हालात इसी तरह बने रहने की संभावना है.
कोहरे से लिपटी नजर आईं सड़कें
प्रदेश के प्रमुख शहरों में भी न्यूनतम तापमान काफी ज्यादा नीचे गया है. सुबह के समय सड़कें कोहरे की चादर में लिपटी रहती हैं, जिससे यातायात प्रभावित होता है. कई जिलों में स्कूल समय में परिवर्तन किया गया है ताकि बच्चे सुबह की कड़कड़ाती ठंड से बच सकें. ग्रामीण क्षेत्रों में भी ठंड का असर ज्यादा महसूस किया जा रहा है, जहां लोग पारंपरिक तरीकों से ही खुद को गर्म रखने का प्रयास कर रहे हैं.
कुल मिलाकर, मध्य प्रदेश में इस समय सर्दी अपने चरम पर है और फिलहाल इससे राहत की उम्मीद कम ही दिखाई दे रही है. मौसम विभाग के अनुसार, लोगों को अभी कुछ और दिनों तक ठिठुरन भरी सुबहें और सर्द हवाओं का सामना करना पड़ेगा. सावधानी बरतना ही फिलहाल सबसे बेहतर उपाय है.
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