भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाले लोकपाल अब चलेंगे सुपर लग्जरी कारों में...5 करोड़ में खरीदी जाएंगी 7 BMW

भारत में भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था लोकपाल के चेयरपर्सन और उसके सभी मेंबर अब लग्जरी BMW कार में सफर करते हुए नजर आएंगे. इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है. इसके तहत सात गाड़ियां खरीदी जा रही हैं. इन सभी कारों की कीमत करीब 5 करोड़ रुपये होगी.

BMW Car
BMW Car सांकेतिक तस्वीर (Photo-BMW)

संजय शर्मा

21 Oct 2025 (अपडेटेड: 21 Oct 2025, 06:29 PM)

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भारत में भ्रष्टाचार पर पैनी नजर रखने वाली संस्था लोकपाल के अध्यक्ष और इसके सभी सदस्य अब जल्द ही BMW कार में सवारी करते दिखेंगे.  इसके लिए पिछले सप्ताह ही टेंडर जारी कर दिए गए हैं. इसके तहत BMW 3 सीरीज के 330 Li मॉडल की कुल सात कारें खरीदी जाएंगी. इस सीरीज की एक कार की किमत लगभग 70 लाख रुपये बताई जा रहा है. इस हिसाब से 7 लग्जरी कारों की खरीद पर लगभग पांच करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा.

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जल्द होगी लग्जरी कारों की डिलीवरी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये सभी लग्जरी गाड़ियां सभी सफेद रंग की होगी. इनकी डिलीवरी अगले महीने तक होने की उम्मीद है. ये गाड़ियां इसी साल यानी 2025 में भ्रष्टाचार और मनमानी पर निगाह रखने वाले लोकपाल की आधिकारिक सवारी बन जाएंगी.

कंपनी को ड्राइवरों को देनी होगी ट्रेनिंग

इन नई गाड़ियों की डिलीवरी होने के बाद BMW कंपनी को लोकपाल के ड्राइवर और अन्य स्टाफ को कम से कम सात दिन की ट्रेनिंग देनी होगी. इस ट्रेनिंग में कर्मचारियों को कार का सिस्टम विस्तार से समझाना होगा. ताकि वे गाड़ी चलाने में किसी तरह की काेई दिक्कत का सामना न करना पड़े.

BMW 3 Series LWB की खासियत

  • इसमें 2.0 लीटर का पेट्रोल इंजन दिया गया है
     
  • इंजन 258 bhp की पावर और 400 Nm टॉर्क जनरेट करता है
     
  • यह कार सिर्फ 6.2 सेकंड में 0 से 100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ लेती है
     
  • इसमें 12.3 इंच का डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर मिलता है
     
  • साथ ही 14.9 इंच का इंफोटेनमेंट सिस्टम दिया गया है
     
  • कार में पैनोरमिक सनरूफ और एम्बियंट लाइटिंग जैसे लग्जरी फीचर्स हैं
     
  • थ्री-जोन क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम के साथ केबिन का कम्फर्ट और बढ़ जाता है.

क्या है लोकपाल?

लोकपाल (Lokpal) भारत में भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए स्थापित की गई एक स्वतंत्र संस्था है. ये एक भ्रष्टाचार निरोधक प्राधिकरण के रूप में काम करता है, जो सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों, जैसे सरकारी अधिकारी, मंत्री और राजनेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच करता है. लोकपाल का गठन लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत किया गया था.

संस्थान में एक चेयरपर्सन और अधिकतम आठ सदस्य शामिल होते हैं. इनमें चार न्यायिक सदस्य होते हैं. लोकपाल चेयरपर्सन को वेतन, भत्ते और सुविधाएं सुप्रीम काेर्ट के चीफ जस्टिस के बराबर होती है. वहीं, अन्य सदस्यों को सुप्रीम कोर्ट के जज के समान मानदेय और सुविधाएं दी जाती हैं.

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