लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी फिलहाल मलेशिया की यात्रा पर है, लेकिन उनके इस यात्रा ने एक नई बहस छेड़ दी है. हाल ही में राहुल गांधी की मलेशिया के एक पर्यटक स्थल 'लंगकावी' में स्कूटी चलाते और कार में घूमते ए तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं. लेकिन इन तस्वीरों को कांग्रेस के किसी हैंडल से नहीं बल्कि सबसे पहले बीजेपी के आईटी सेल द्वारा साझा की गई थीं.
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इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जैसे कि क्या बीजेपी जानबूझकर राहुल गांधी के ठिकाने और सुरक्षा से जुड़ी गुप्त जानकारी लीक कर रही है? क्या उनका मकसद राहुल गांधी की सुरक्षा को खतरे में डालना है? आइए विस्तार से जानते है पूरी कहानी.
सुरक्षा में चूक या जानबूझकर लीक की जा रही जानकारी?
राहुल गांधी की ये तस्वीरें लीक होने के बाद सबसे बड़ा सवाल उनकी सुरक्षा पर उठ रहा है. यह बात चौंकाने वाली है कि उनकी यात्रा की जानकारी कांग्रेस पार्टी से नहीं, बल्कि बीजेपी के आईटी सेल से मिल रही है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी के प्रचार-प्रसार का ठेका बीजेपी ने ले लिया है, या फिर उनकी सुरक्षा से जुड़ी गुप्त जानकारी जानबूझकर लीक की जा रही है? यह भी आशंका जताई जा रही है कि ऐसा करके उनकी सुरक्षा को खतरे में डाला जा रहा है.
पिछले महीने बिहार में राहुल गांधी की 'वोट अधिकार यात्रा' के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ था. तब खबरें आई थीं कि तीन आतंकवादी उनकी यात्रा को निशाना बना सकते हैं. इसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई थी और उनकी यात्रा को सीमित कर दिया गया था. लेकिन 24 घंटे बाद ही बिहार के एडीजीपी ने साफ किया था कि ऐसी कोई आतंकी घुसपैठ नहीं हुई थी. तब भी यह आरोप लगे थे कि उनकी यात्रा को रोकने के लिए ऐसा किया गया था. अब मलेशिया में उनकी तस्वीरों का लीक होना भी इसी तरह की रणनीति का हिस्सा लग रहा है.
प्रधानमंत्री की बजाय राहुल गांधी से क्यों पूछे जा रहे हैं सवाल?
राहुल गांधी की मलेशिया यात्रा के दौरान जब पंजाब बाढ़ से जूझ रहा था, तो सोशल मीडिया पर लोगों ने उनसे सवाल करना शुरू कर दिया. उन पर आरोप लगाए गए कि जब देश में बाढ़ आई है तो वह विदेश में छुट्टी मना रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि प्रधानमंत्री की बजाय राहुल गांधी से ही क्यों सवाल पूछे जा रहे हैं? बाढ़ राहत का काम केंद्र सरकार का होता है और प्रधानमंत्री को ही वहां जाकर स्थिति का जायजा लेना चाहिए था.
यह एक दिलचस्प पहलू है कि जब राहुल गांधी देश में होते हैं और किसानों, मजदूरों, छात्रों और मोटर मैकेनिकों से मिलते हैं, तो बीजेपी इसे "ड्रामा" और "इवेंट मैनेजमेंट" कहती है. लेकिन जब वह विदेश जाते हैं, तो उन पर अंतरराष्ट्रीय साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया जाता है.
क्या बीजेपी राहुल गांधी से छुटकारा चाहती है?
इस पूरे घटनाक्रम को देखकर एक गंभीर सवाल उठता है कि क्या बीजेपी और मोदी सरकार राहुल गांधी से छुटकारा पाना चाहती है? क्या राहुल गांधी उनकी जासूसी करवा रहे हैं? जिस तरह से उनकी निजी तस्वीरें लीक की जा रही हैं और हर कदम पर नजर रखी जा रही है, उससे यही लगता है कि राहुल गांधी मोदी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं. ऐसा लगता है कि राहुल गांधी अब बीजेपी नेताओं के सपनों में भी आने लगे हैं और उन्हें सताने लगे हैं, तभी तो उनके हर कदम पर इतना तीखा रिएक्शन देखने को मिल रहा है.
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