Doiwala Road Accident: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के नजदीक डोईवाला के पास गुरुवार तड़के एक बड़ा सड़क हादसा हो गया. यहां दिल्ली से देहरादून आ रही एक निजी एसी स्लीपर बस गन्ने से ओवरलोडेड एक ट्रैक्टर-ट्रॉली से टकरा गई. टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस का ड्राइवर साइड का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. हादसे के बाद बस में चीख पुकार मच गई. यात्री जान बचाने के लिए बस के दरवाजे की तरफ भागने लगे. बता दें कि बस पिछली रात करीब 12 बजे दिल्ली के कश्मीरी गेट बस अड्डे से देहरादून के आईएसबीटी के लिए रवाना हुई थी. इस हादसे में यात्रियों को मामूली चोटें आई हैं. वहीं, गाजियाबाद निवासी 51 वर्षीय योगेंद्र सिंह बुरी तरह घायल हुए हैं, जिन्हे मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने अस्पताल पहुंचाया.
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यह हादसा सुबह 5:00 से 5:15 बजे के बीच हुआ. हादसे से पहले बस ने नेपाली फार्म के पास कुछ यात्रियों को उतारा. इस बीच जैसे ही बस डोईवाला में नुन्नावाला गुरुद्वारा के नजदीक पहुंची तो अचानक एक तेज टक्कर की आवाज आई. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बस के अंदर बैठे सभी यात्री अपनी सीटों से उछलकर नीचे गिर पड़े. इसके बाद बस में अफरा-तफरी मच गई. यात्रियों की चीखने चिल्लाने लगे.
गन्ने के ढेर में दबे बस ड्राइवर और ऑपरेटर
इस बीच कुछ यात्री बस से बाहर निकलने की कोशिश करने लगे. इसके लिए जब बीच का दरवाजा खोला गया तो सामने का भयानक मंजर देखकर सभी दंग रह गए. बस आगे चल रही गन्ने से भरी ओवरलोडेड ट्रैक्टर की ट्रॉली में लदे गन्ने बस का शीशा तोड़कर अंदर अस घुसे थे. यहां वही एरिया था जहां ड्राइवर और ऑपरेटर बैठे थे. ऐसे में ये दोनों गन्ने के ढेर की नीचे दब गए थे. बस में आग लगने की आशंका के चलते यात्रियों को घबराहट होने लगी. ऐसे में तुरंत ही इमरजेंसी एग्जिट की तलाश शुरू हुई. इस बीच कुछ यात्रियों ने अगले शीशे से महिलाओं को सुरक्षित बाहर निकाला गया.
ट्रैक्टर-ट्रॉली में आई थी तकनीकी खराबी- स्थानीय लोगों
फिर इसके बाद कुछ यात्री इमरजेंसी एग्जिट से बाहर निकले. वहीं, अन्य यात्रियों और मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने मिलकर बस के अगले हिस्से में फंसे गन्ने के ढेर को हटाना शुरू किया. इस ढेर के नीचे बस ऑपरेटर और बस ड्राइवर दबे हुए थे. ऑपरेटर लगातार मदद की के लिए आवाज लगा रहा था. वहीं, गन्ने के ढेर के नीचे दबे होने के कारण बस ड्राइवर का कहीं कुछ पता नहीं चल रहा था. ऐसे में पहले मौके से बस ऑपरेटर को बाहर निकाला गया और एक तरफ बैठाया गया. स्थानीय लोगों के मुताबिक, ट्रैक्टर-ट्रॉली में कोई तकनीकी खराबी आ गई थी, जिसके कारण वह बीच रास्ते में रुक गई थी.
SDRF ने कड़ी मशक्कत के बाद किया रेस्क्यू
इस हादसे में कई यात्रियों को मामूली खरोंचें आई हैं. वहीं, बस ऑपरेटर भी गंभीर रूप से जख्मी हुआ है. लेकिन सबसे गंभीर स्थिति बस ड्राइवर की है, क्योंकि दुर्घटना के बाद से वो बस के अंदर बुरी तरह से फंसे हुआ था. बता दें कि मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस और एंबुलेंस को घटना की सूचना समय पर दे दी थी लेकिन हादसे के 30 से 40 मिनट तक कोई सहायता नहीं पहुंची.
आखिरकार, सुबह करीब 5:55 बजे SDRF जौलीग्रांट की अलर्ट टीम प्रभारी मुख्य आरक्षी रोबिन कुमार के नेतृत्व में घटनास्थल पर पहुंची. टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर कड़ी मशक्कत के बाद ड्राइवर को बाहर निकाला. इसके बाद उसे 108 एंबुलेंस की मदद से अस्पताल भेजा गया. इस हादसे में ड्राइवर को गंभीर चोटें लगी हैं.
बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई बस
आपको बता दें कि दुर्घटनाग्रस्त हुआ वाहन एक निजी कंपनी की एसी स्लीपर (2+1) बस थी. इस बस में एक तरफ सोने के लिए बर्थ और दूसरी तरफ बैठने के लिए दो-दो सीटें मौजूद थी. साथ ही इनके सीटों के ऊपर भी सोने की व्यवस्था थी. इस भीषण टक्कर के बाद बस का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. उसके सामने का शीशा पूरी तरह से टूट चुका है. दुर्घटना के दौरान गन्ने बस का शीशा तोड़कर अगली सीटों के पर आ गए थे. इनके नीचे बस के ड्राइवर और ऑपरेटर फंस गए थे.
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