टैक्सी ड्राइवर के बेटे दीपक कांडपाल ने रचा इतिहास! NDA पास कर सेना में बने बड़े अफसर
उत्तराखंड के बागेश्वर के दीपक कांडपाल ने NDA पुणे की पासिंग आउट परेड में टॉप परफॉर्मर बनकर इतिहास रच दिया. टैक्सी ड्राइवर के बेटे दीपक को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए गोल्ड मेडल मिला. एक साधारण परिवार से निकलकर सेना में अफसर बनने का उनका ये सफर युवाओं के लिए प्रेरणा बन गया है. अब पूरे इलाके में दीपक की कामयाबी की चर्चाएं हो रही हैं.

Deepak Kandpal Bageshwar : उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के दीपक कांडपाल ने नेशनल डिफेंस अकैडमी (NDA) पुणे से पास आउट होकर इतिहास रच दिया है. खड़कवासला स्थित खेतरपाल परेड ग्राउंड में आयोजित 149वीं कोर्स की पासिंग आउट परेड में दीपक टॉप परफॉर्मर बनकर उभरे. इस दौरान बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया.
आपको बता दें कि दीपक एक बेहद ही साधारण परिवार से आते हैं. उनके पिता पेशे से टैक्सी ड्राइवर हैं. बेटे की इस शानदार कामयाबी से परिवार में खुशी का माहौल है और घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. दीपक की सफलता पूरे क्षेत्र में गर्व का विषय बन गई है.
बागेश्वर से ही की शुरुआती पढ़ाई
आपको बता दें कि दीपक बागेश्वर जिले के ही गरुड़ शहर के पास एक किराए के कमरे में रहते हैं. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई बागेश्वर से ही पूरी की. फिर इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय गगरियगोल चले गए. यहां से उन्होंने 12 वीं में अपने जिले में टॉप किया. इसके बाद आगे हायर स्टडीज के लिए दिल्ली चले गए. अब यहां वो कॉलेज की पढ़ाई के साथ साथ ही NDA एग्जाम की तैयारी भी करने लगे. इस बीच साल 2022 में वे NDA का एग्जाम क्रैक कर पुणे नेशनल डिफेंस एकेडमी में ट्रेनिंग के लिए चले गए.
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328 कैडेट्स ग्रेजुएट हुए
आपको बता दें कि इस साल NDA से कुल 328 कैडेट्स ग्रेजुएट हुए. पासिंग आउट परेड को कैडेट सिद्धार्थ सिंह ने लीड किया. वहीं, पिछले दिनों हुई कॉन्वोकेशन सेरेमनी में सभी को एकेडमिक डिग्री दी गई. ग्रेजुएट होने वाले कैडेट्स में से 216 ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से अलग अलग स्ट्रीम में बैचलर डिग्री हासिल की. इनमें
• 72 ने साइंस स्ट्रीम
• 92 ने कंप्यूटर साइंस
• 52 ने आर्ट्स से
गेस्ट के तौर पर शामिल हुए नेवी चीफ
इस दौरान परेड में चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल त्रिपाठी परेड में चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल हुए. उन्होंने आर्म्ड फोर्स में महिलाओं की बढ़ती मौजूदगी पर जोर दिया और बताया कि यह NDA से पास आउट होने वाली महिला कैडेट्स का दूसरा बैच था. उन्होंने कैडेट्स से कहा, "अवॉर्ड्स पर नहीं, अपनी ड्यूटी पर ध्यान दें." "अवॉर्ड्स आपकी काबिलियत बताते हैं - ड्यूटी के प्रति आपका कमिटमेंट बताता है."
क्या है NDA का एग्जाम?
आपको बता दें कि NDA (National Defence Academy) का एग्जाम UPSC साल में दो बार आयोजित करता है. ये देश की सबसे प्रतिष्ठित प्रवेश परीक्षा में से एक है. इसके जरिए 12वीं पास अविवाहित भारतीय युवा और युवतियां भारतीय थल सेना, वायु सेना और नौसेना में अधिकारी बनने के लिए चुने जाते हैं. इसके लिए सबसे पहले एक लिखित परीक्षा पास करनी होती है. इसके बाद एक SSB इंटरव्यू का एग्जाम होता है. फिर इसमें सफल होने वाले अभ्यर्थियों को पुणे की NDA एकेडमी में 3 साल की ट्रेनिंग के बाद संबंधित एकेडमी में चौथा साल पूरा कर कमीशन मिलता है. इसे बाद ये युवा देश की तीनों सेनाओं में से किसी एक में अफसर बनते हैं.
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