भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण घट गए चारधाम यात्रियों की संख्या, ये आंकड़े है चौंकाने वाले

Chardham Dham Yatra News: भारत-पाक तनाव के चलते चारधाम यात्रा में 31% की भारी गिरावट दर्ज, यात्रियों की संख्या में 3 लाख की कमी, SDC रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए.

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न्यूज तक

• 08:55 PM • 15 May 2025

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Chardham Dham Yatra News: उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा इस साल मुश्किल दौर से गुजर रही है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव का असर इस पवित्र यात्रा पर साफ दिखाई दे रहा है. एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल यात्रियों की संख्या में 31 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है.

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तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी कमी

SDC फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार, 30 अप्रैल से 13 मई 2025 के बीच केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धामों में केवल 6,62,446 तीर्थयात्री पहुंचे. पिछले साल यानी 10 मई से 23 मई 2024 की समान अवधि में यह संख्या 9,61,302 थी. इस तरह, इस साल लगभग 2,98,856 यात्री कम आए, जो करीब तीन लाख की गिरावट है.

भारत-पाक तनाव बना मुख्य वजह

देहरादून स्थित पर्यावरण संगठन SDC फाउंडेशन के प्रमुख अनुप नौटियाल ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ा सैन्य तनाव इस गिरावट का मुख्य कारण है. उन्होंने कहा, "लोगों में यात्रा को लेकर डर और असुरक्षा की भावना बढ़ी है, जिसने उनकी यात्रा की इच्छा को प्रभावित किया है. खासकर पंजाब, हरियॅाणा, दिल्ली और राजस्थान जैसे राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी कमी देखी गई है."

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अंतर्राज्यीय यात्रा पर पड़ा असर

नौटियाल ने बताया कि चारधाम यात्रा में अंतर्राज्यीय आवागमन और समूह यात्रा का बड़ा योगदान होता है, लेकिन मौजूदा हालात ने इसे बुरी तरह प्रभावित किया है. हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर भारत-पाक संबंधों में सुधार होता है, तो यात्रा की रफ्तार फिर से बढ़ सकती है. उन्होंने कहा, "पिछले साल के आंकड़े बताते हैं कि मई के दूसरे हफ्ते से जून के पहले हफ्ते तक यात्रा का पीक सीजन होता है."

सरकार से तत्काल कदम उठाने की अपील

अनुप नौटियाल ने उत्तराखंड सरकार से अपील की है कि वह चारधाम यात्रा को पटरी पर लाने के लिए तुरंत कदम उठाए. उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार जिला प्रशासन, मंदिर समिति, होटल व्यवसायी, खच्चर सेवा संचालक, यात्रा एजेंसियां, व्यापारी मंडल और स्थानीय संगठनों के साथ बैठक कर यात्रा व्यवस्था को बेहतर बनाए.

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