बिहार: क्या तेजस्वी ने भी खेल दिया माई-बहन मान योजना से मास्टरस्ट्रोक, हर महीने महिलाओं को देंगे 2500 रुपए
मुख्यमंत्री नीतीश के खेमे से महिला वोटर छिटकाने के लिए तेजस्वी यादव ने खेला बड़ा दांव, क्या बिहार चुनाव में दिखेगा इसका कमाल?
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न्यूज़ हाइलाइट्स

तेजस्वी यादव ने जीतने के बाद महिलाओं को हर माह 2500 देने का किया वादा.

महाराष्ट्र, एमपी, छत्तीसगढ़ और झारखंड की तर्ज पर बड़ा दांव खेल गए तेजस्वी?
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियां अपने मैनिफेस्टो पर काम कर रही हैं. तेजस्वी यादव योजनाओं के ऐलान करने के क्रम में सबसे आगे निकल गए हैं. तेजस्वी यादव ने अपनी यात्रा के दौरान माई-बहन मान योजना का ऐलान किया है. इस योजना के तहत अगर महागठबंधन की सरकार बनती है तो सभी आय-वर्ग की महिलाओं को 2500 रुपये हर महीने दिए जाएंगे.
अब आप सोच रहे होंगे की तेजस्वी यादव का यह ऐलान क्यों हैं. दरअसल महिला मतदाता अभी भी नीतीश कुमार के साथ जुड़ी हैं. नीतीश कुमार की अगली यात्रा जिसे महिला संवाद यात्रा कहा जा रहा है उसका उद्देश्य भी आधी आबादी का मन टटोलने का है. जेडीयू लगातार नीतीश कुमार का नाम लेकर महिलाओं से जुड़ी योजनाओं का जिक्र करती रही है.
MP, CG, महाराष्ट्र और झारखंड से सबक
महिला योजना की चर्चा इसलिए तेज हुई है क्योंकि बीते दिनों कई राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड का चुनाव परिणाम आया जहां बाजी महिलाओं के लिए लुभावनी घोषणाएं करने वाले पार्टियों के हाथ लगी है. अगर नीतीश कुमार की बात करें तो साइकिल-पोशाक, छात्रवृत्ति-मेधा सम्मान के साथ पंचायत चुनाव और सरकारी नौकरी में आरक्षण की व्यवस्था ने महिलाओं के बीच लोकप्रिय बनाया है. वहीं शराबबंदी करके तो नीतीश कुमार ने इस वोट बैंक पर कब्जा ही कर लिया है.
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तेजस्वी ने नीतीश को पछाड़ने खेला यो दांव?
तेजस्वी यादव ने अलग-अलग चुनावों के दौरान NY से अपने नारों को बदल कर माई-बाप तक ले गए. नतीजा ये रहा कि सत्ता तक नहीं पहुंचा पाए और महिला वोटरों से जुड़ाव भी जाति से इतर हो नहीं पाया. इन्हीं कारणों से तेजस्वी ने माई-बहन मान योजना का ऐलान किया है. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार की सरकार भी जल्द ही महिलाओं को लेकर योजना का ऐलान कर सकती है. अभी चार राज्यों में महिलाओं को सीधे कैश ट्रांसफर जैसी योजनाएं चल रही हैं. छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना, मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना, झारखंड में चुनाव के दौरान मइया सम्मान योजना का ऐलान हुआ और महाराष्ट्र में माझी लड़ती-बहिन योजना. इन चारों राज्यों में चुनाव में जीत हार का फैसले में महिलाओं वाले योजनाओं की काफी हद तक भूमिका रही.
बिहार में निर्णायक रहीं महिला मतदाता
बिहार में लगभग 3.5 करोड़ महिला मतदाता हैं, जबकि कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 7.5 करोड़ है. अगर चुनावों की बात करें तो 2020 में महिलाओं का मतदान 59.7 फीसदी रहा, जबकि पुरुषों का 54.7 फीसदी. वहीं 2015 में यह संख्या 60.5 और 53.3 फीसदी रहा..
साल 2010 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो 59.6 प्रतिशत महिलाओं की तुलना में मात्र 54.9 प्रतिशत पुरुषों ने मतदान किया था. 2015 में जब नीतीश कुमार ने शराबबंदी का वादा किया तो महिलाओं ने वोट से उनकी झोली भर दी. इसी लालसा में सभी दल अपने-अपने तरीके से महिलाओं को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं. अब देखना है कि तेजस्वी की योजना का ऐलान उन्हें फायदा दिलाता है या नीतीश कुमार इसका तोड़ निकाल कर आधी आबादी के लिए कोई नया ऐलान करेंगे.
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