पिता को मिला इंसाफ: लोक शिकायत निवारण ने दिलाई बेटे की बीमा राशि, बिहार में 17 लाख लोगों को राहत

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Bihar News: बेटे की मौत के बाद पिता को मिला इंसाफ, लोक शिकायत निवारण अधिनियम से 10 लाख की बीमा राशि. बिहार में अब तक 17 लाख को मिल चुका है समाधान.

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तस्वीर- आधिकारिक वेबसाइट
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Bihar News: पटना के एक पिता ने अपने जवान बेटे को खोने का दर्द सहा, लेकिन हार नहीं मानी. कामेश्वर प्रसाद आर्य ने बिहार के लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम (आरटीपीजीआर) की मदद से न सिर्फ अपने बेटे की बीमा राशि हासिल की, बल्कि यह भी दिखाया कि सही मंच और संवेदनशील शासन से न्याय संभव है. 5 जून 2016 से लागू इस अधिनियम ने बिहार में अब तक 17 लाख से ज्यादा लोगों को उनकी शिकायतों का समाधान दिलाया है. आइए, इस प्रेरक कहानी और इस नीति को विस्तार से जानते है.

कामेश्वर प्रसाद की संघर्ष भरी कहानी

पटना के अनीसाबाद निवासी कामेश्वर प्रसाद आर्य ने अपने बेटे प्रभात शंकर को 14 अगस्त 2023 को एक दर्दनाक रेल दुर्घटना में खो दिया. प्रभात बख्तियारपुर प्रखंड में पंचायत रोजगार सेवक थे. इस दुख की घड़ी में परिवार को बीमा राशि की आस थी, जो बिहार रूरल डेवलपमेंट सोसायटी (बीआरडीएस) और एचडीएफसी बैंक के समझौते के तहत मिलनी थी. लेकिन, महीनों तक बीमा कंपनी से कोई जवाब नहीं मिला. हताश कामेश्वर ने लोक शिकायत निवारण अधिनियम का सहारा लिया, जिसने उनके लिए न्याय का रास्ता खोला.

लोक शिकायत निवारण ने दिखाई ताकत

लोक शिकायत निवारण कार्यालय में मामला उठने के बाद कार्रवाई तेज हुई. विभागीय पदाधिकारी ने बीआरडीएस से रिपोर्ट मांगी और ग्रामीण विकास विभाग के आयुक्त मनरेगा ने इसे गंभीरता से लिया. उन्होंने बीआरडीएस और एचडीएफसी बैंक को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रभात के परिवार को जल्द से जल्द बीमा राशि दी जाए. नतीजा यह हुआ कि एचडीएफसी बैंक ने प्रभात के आश्रितों के खाते में 10 लाख रुपये की बीमा राशि जमा कर दी. यह राशि न सिर्फ परिवार के लिए आर्थिक राहत बनी, बल्कि यह भी साबित किया कि यह अधिनियम आम लोगों की आवाज को ताकत देता है.

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17 लाख लोगों को मिला न्याय

5 जून 2016 से लागू लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम बिहार में गवर्नेंस का एक मजबूत स्तंभ बन चुका है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस विजन ने अब तक 17 लाख से ज्यादा लोगों की शिकायतों का समाधान किया है. इस अधिनियम के तहत शिकायतों का निपटारा 60 कार्यदिवसों के भीतर किया जाता है. चाहे बीमा हो, सरकारी योजनाएं हों या अन्य समस्याएं, यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि हर नागरिक की आवाज सुनी जाए.

घर बैठे दर्ज करें शिकायत

इस अधिनियम की सबसे बड़ी खासियत है इसकी आसानी. शिकायत दर्ज करने के लिए आपको कार्यालय जाने की जरूरत नहीं. आप घर बैठे ऑनलाइन पोर्टल (https://lokshikayat.bihar.gov.in/) या जन समाधान मोबाइल ऐप के जरिए अपनी समस्या दर्ज कर सकते हैं. शिकायतकर्ता और संबंधित अधिकारी आमने-सामने बैठकर मामले का निपटारा करते हैं, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी और तेज होती है.

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