सीएम नीतीश के भरोसेमंद IAS दिनेश राय ने लिया VRS, JDU के टिकट पर लड़ सकते हैं चुनाव
Dinesh Rai VRS news: JDU से विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर है. कुर्मी समुदाय में मजबूत पकड़ रखने वाले राय, रोहतास समेत कई सीटों से संभावित उम्मीदवार माने जा रहे हैं.
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Dinesh Rai VRS news: बिहार की राजनीति और प्रशासन के गलियारों में इन दिनों एक नाम लगातार चर्चा में है दिनेश कुमार राय. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे करीबी और भरोसेमंद IAS अधिकारी रहे दिनेश राय ने 15 जुलाई 2025 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले ली है. अब चर्चा है कि जनता दल (यूनाइटेड) यानी JDU की टिकट पर वे जल्द ही विधानसभा चुनाव के मैदान में उतर सकते हैं.
रोहतास जिले में उनके भव्य स्वागत ने पहले ही साबित कर दिया है कि जनता के बीच उनकी लोकप्रियता किसी नेता से कम नहीं. आइए जानते हैं, नीतीश के इस लाडले अफसर की नई सियासी पारी की कहानी.
नीतीश के विश्वासपात्र से JDU के संभावित उम्मीदवार तक
रोहतास जिले के करगहर प्रखंड के एक साधारण किसान परिवार से निकले दिनेश राय ने अपनी मेहनत और ईमानदारी के दम पर बिहार प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) तक का सफर तय किया. 2010 में IAS में पदोन्नति के बाद वे नीतीश कुमार के निजी सचिव बने. यह वह पद है, जहां सिर्फ नीतीश के सबसे भरोसेमंद अफसरों को जगह मिलती है. उनकी नीतिगत समझ और जमीनी कार्यशैली ने उन्हें मुख्यमंत्री का खास बना दिया. अब VRS के बाद JDU उनकी इस छवि को सियासी मैदान में भुनाने की तैयारी में है.
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कुर्मी वोट बैंक के लिए JDU का दांव
बिहार में कुर्मी समुदाय JDU का परंपरागत वोट बैंक रहा है, और दिनेश राय का इस समुदाय से गहरा जुड़ाव पार्टी के लिए एक बड़ा मौका है. उनकी साफ-सुथरी छवि, जनता से सीधा संवाद और प्रशासनिक अनुभव उन्हें JDU का मजबूत उम्मीदवार बनाते हैं. सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार की रणनीति है कि राय जैसे विश्वसनीय चेहरों के जरिए कुर्मी वोटों को और मजबूत किया जाए. उनकी संभावित उम्मीदवारी को JDU की नई रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है.
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बेतिया में लिखी जनसेवा की मिसाल
बेतिया के जिलाधिकारी के रूप में दिनेश राय ने प्रशासन को जनता के करीब लाने का काम किया. वे फाइलों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याएं सुनीं. विकास योजनाओं को गति देने और प्रशासनिक सुधारों के जरिए उन्होंने बेतिया में अपनी छाप छोड़ी. उनकी यह जमीनी लोकप्रियता JDU के लिए विधानसभा चुनाव में बड़ा हथियार साबित हो सकती है.
VRS और सियासी पारी की शुरुआत
15 जुलाई 2025 को सामान्य प्रशासन विभाग ने दिनेश राय के VRS को मंजूरी दी. उस समय वे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव के रूप में कार्यरत थे. VRS की अधिसूचना जारी होने के साथ ही बिहार के सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई. माना जा रहा है कि JDU उन्हें रोहतास या आसपास की किसी विधानसभा सीट से उतार सकती है. उनकी सादगी, जनसंपर्क और नीतीश के साथ पुराना रिश्ता उन्हें पार्टी का एक मजबूत चेहरा बनाता है.
नीतीश की रणनीति का हिस्सा?
JDU के लिए यह समय नए और विश्वसनीय चेहरों को मैदान में उतारने का है. ऐसे में दिनेश राय जैसे अनुभवी और लोकप्रिय अफसर की एंट्री पार्टी के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है. नीतीश कुमार की अगुवाई में JDU न केवल कुर्मी वोट बैंक को साधने की कोशिश में है, बल्कि राय की प्रशासनिक विश्वसनीयता को भी वोटों में बदलने की रणनीति बना रही है.
क्या होगा अगला कदम?
दिनेश राय की VRS और उनकी संभावित सियासी एंट्री ने बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है. अब सबकी नजर इस बात पर है कि JDU उन्हें किस सीट से मैदान में उतारेगी और क्या वे अपनी प्रशासनिक लोकप्रियता को सियासी कामयाबी में बदल पाएंगे.
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