बिहार के शहरों में महिलाओं के लिए बनेंगे ‘पिंक टॉयलेट’, सुरक्षा और स्वच्छता पर खास ध्यान
बिहार सरकार राज्य के 16 नगर निकायों में महिलाओं के लिए सुरक्षित और स्वच्छ पिंक टॉयलेट बना रही है, जिनका संचालन भी महिलाएं ही करेंगी. इन टॉयलेट्स में सैनिटरी पैड, साफ-सफाई, बिजली-पानी जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
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बिहार सरकार ने महिलाओं की सुविधा, स्वच्छता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य के 16 नगर निकायों में पिंक टॉयलेट बनाने की पहल शुरू की है. यह टॉयलेट खासतौर पर महिलाओं के लिए होंगे और इन्हें महिलाएं ही चलाएंगी . इसका मकसद महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर साफ-सुथरा, सुरक्षित और सुविधाजनक टॉयलेट मुहैया कराना है .
नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री श्री जिवेश कुमार ने बताया कि यह कदम महिलाओं के सम्मान, स्वास्थ्य और सशक्तीकरण की दिशा में एक नया और जरूरी प्रयास है. उन्होंने कहा कि पिंक टॉयलेट में बिजली, पानी, सफाई और सैनिटरी पैड जैसी सभी जरूरी सुविधाएं होंगी.
कहां बनेंगे पिंक टॉयलेट?
इस योजना के तहत स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के अंतर्गत 10 नगर निकायों में 70 सीटों के टॉयलेट बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा राज्य योजना से 6 नगर निकायों में 30 सीटों के टॉयलेट बनेंगे. कुल मिलाकर 100 सीटों के पिंक टॉयलेट बनाए जा रहे हैं, जिन पर करीब 2.5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
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जिन जगहों पर पिंक टॉयलेट बनाए जा रहे हैं, उनमें शामिल हैं:
गया, मुजफ्फरपुर, बिहारशरीफ, पूर्णिया, सासाराम, सीतामढ़ी, राजगीर, बोधगया, सुल्तानगंज, भभुआ, बड़हिया, बक्सर, जाले, सिंहवाड़ा, कमतौल-अहियारी और देव.
महिलाएं ही करेंगी संचालन
इन टॉयलेट्स की देखरेख और संचालन की जिम्मेदारी भी महिलाओं को दी जाएगी, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे . हर पिंक टॉयलेट में महिला केयरटेकर तैनात होंगी और हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध होगा ताकि जरूरत के समय तुरंत मदद मिल सके .
सैनिटरी पैड और निस्तारण की सुविधा
पिंक टॉयलेट में महिलाओं को सैनिटरी पैड की सुविधा भी दी जाएगी, और इस्तेमाल किए गए पैड्स के सुरक्षित निस्तारण की व्यवस्था भी होगी . यह खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों की महिलाओं के लिए बड़ी राहत की बात होगी .