Hisaab Kitab: ट्रंप की धमकी से पेट्रोल-डीजल के भाव में आएगा बड़ा उछाल?
ट्रंप की धमकी से भारत की सस्ती रूस तेल खरीद पर असर पड़ सकता है. इससे पेट्रोल-डीजल के रेट में 8-12 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ोतरी हो सकती है.
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डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति के रूप में दूसरी टर्म में सबको हिला रखा है. रोज कोई ना कोई नया फैसला या नयी धमकी दे जाते हैं. रूस को 50 दिन में यूक्रेन के साथ युद्ध खत्म ना करने पर सेकेंडरी टैरिफ लगाने की धमकी दी है. यानी जो देश रूस के साथ कारोबार करते रहेंगे उन पर अमेरिका 100% टैरिफ लगा देगा. भारत अभी रूस से अपनी जरूरत का 35-40 फीसदी कच्चा तेल खरीदता है. ट्रंप की धमकी के कारण यह रुक गया तो पेट्रोल डीजल 8-12 रुपये प्रति लीटर महंगा हो सकता है.
इंडिया टुडे ग्रुप के तक चैनल्स के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर ने अपने साप्ताहिक सीरीज 'हिसाब-किताब' में ट्रंप की धमकी के बाद भारत पर पड़ने वाले असर खासकर पेट्रोल-डीजल की कीमतों के बढ़ने की संभावनाओं पर बात की है.
ट्रंप ने क्या कहा है?
राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप दुनिया भर में लड़ाई रुकवाने में लगे हैं. फिर भी यूक्रेन और रूस की लड़ाई रोकने में कामयाबी नहीं मिली है. पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति का व्हाइट हाउस में अपमान किया . मदद रोक दी , लेकिन जल्द समझ में आ गया कि झगड़े की जड़ रूस है. उन्होंने 14 जुलाई को धमकी दी है कि 50 दिन के अंदर रूस ने युद्ध नहीं रोका तो वो सेकेंडरी टैरिफ लगा देंगे. यह डेडलाइन 2 सितंबर को खत्म होगी. रूस ने ट्रंप की धमकी पर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी है , उसे गंभीरता से नहीं लिया है.
2022 में भी रूस पर लगे थे प्रतिबंध
आपको याद होगा कि रूस ने 2022 में यूक्रेन पर हमला बोला था तो अमेरिका और यूरोप के देशों ने आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे. उन्हें लगा था कि रूस दबाव में आ जाएगा. इससे उलट रूस ने भारत और चीन जैसे देशों के साथ कारोबार बढ़ा दिया. भारत 2022 से पहले 100 में से 2 बैरल कच्चा तेल रूस खरीदता था.
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अब वो हिस्सा बढ़ कर 35-40 बैरल तक पहुंच गया है. भारत को शुरुआती दिनों में तो रूस का तेल बाकी देशों के मुकाबले 10-12 डॉलर प्रति बैरल सस्ता पड़ता था. अब यह अंतर 3-4 डॉलर पर आ गया है. रूस से सस्ता तेल मिलने के कारण ही युद्ध का बुरा असर भारत की अर्थव्यवस्था पर नहीं पड़ा. महंगाई काबू में रही.
पेट्रोलियम मंत्री ने भी दिया ये इशारा
भारत अकेले रूस पर कच्चे तेल के लिए निर्भर नहीं है. 35-40 देशों से कच्चा तेल खरीदता है. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि अमेरिका ने सेकेंडरी टैरिफ लगा दिया तो कच्चे तेल के दाम 140 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकते हैं. उनका कहना है कि रूस दुनिया की जरूरत का 10 फीसदी उत्पादन करता है . यह तेल बाजार में नहीं आएगा तो दाम बढ़ जाएंगे.
अब क्या हो सकता है भारत का रुख
भारत नहीं चाहेगा कि रूस से सस्ते तेल के चक्कर में अमेरिका से पंगा लें. वो दूसरे देशों से ही तेल खरीदना चाहेगा. अनुमान है कि रूस से भारत को कच्चा तेल मिलना बंद हो जाए और कच्चे तेल के दाम 140 डॉलर प्रति बैरल हो जाए तो पेट्रोल डीजल की कीमतें प्रति लीटर 8-12 रुपये बढ़ सकती है. कुल मिलाकर अभी तो अमेरिका की ट्रेड डील फंसी हुई थी, उसमें अब ये नया सिरदर्द आ गया है.
ट्रंप की धमकी से भारत की सस्ती रूस तेल खरीद पर असर पड़ सकता है. इससे पेट्रोल-डीजल के रेट में 8-12 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ोतरी हो सकती है.
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