अहमदाबाद विमान हादसे में मौत को मात देकर बचे फरीदाबाद के केशव, सुनाई अपनी आपबीती

न्यूज तक

Keshav Bhadana survivor story: 12 जून को अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज में हुए भयानक विमान हादसे में जहां सैकड़ों लोग मारे गए, वहीं फरीदाबाद के छात्र केशव भड़ाना ने मेस में लंच करते समय चमत्कारिक रूप से अपनी जान बचाई.

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Keshav Bhadana Survivor of Ahmedabad BJ Medical Plane Crash
केशव से खास बातचीत
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Keshav Bhadana survivor story: अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज में 12 जून को हुए दिल दहलाने वाले विमान हादसे ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया. इस हादसे में सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई, लेकिन फरीदाबाद के मेडिकल छात्र केशव भड़ाना ने मौत को मात देकर एक चमत्कारिक कहानी रच दी. एमबीबीएस के दूसरे वर्ष के छात्र केशव उस समय हॉस्टल की मेस में लंच कर रहे थे, जब एक Air India विमान उनकी बिल्डिंग पर आ गिरा. आइए, उनकी जुबानी जानते हैं कि कैसे उन्होंने इस भयावह हादसे से अपनी जान बचाई.

हादसे के वक्त का मंजर

केशव ने बताया कि हादसा दोपहर डेढ़ बजे के आसपास हुआ, जब वह और उनके साथी मेस में लंच कर रहे थे. अचानक एक जोरदार धमाके के साथ बिल्डिंग हिल गई. केशव ने बताया,

"पहले लगा जैसे तूफान आया, फिर लगा भूकंप है. लेकिन कुछ ही सेकंड में पूरी बिल्डिंग हमारे ऊपर गिर पड़ी. चारों तरफ अंधेरा, चीख-पुकार और डर का माहौल था".

मेस में उस समय करीब 50-60 छात्र खाना खा रहे थे. हादसे के बाद सिलेंडर ब्लास्ट होने लगे, जिससे आग और धुएं ने स्थिति को और भयावह बना दिया.

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मलबे में दबे, फिर भी नहीं हारी हिम्मत

केशव उस समय मलबे में दब गए थे. उनके सिर, हाथ, जांघ और कमर में गहरी चोटें आईं, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. "मैंने अपने चेहरे को हाथों से ढक लिया था, जिससे चोटें तो आईं, लेकिन जान बच गई. मेरा निचला शरीर मलबे में फंस गया था. मैंने पास पड़ा एक सूटकेस का कपड़ा निकालकर अपने सिर पर बांधा ताकि खून ज्यादा न बहे," केशव ने बताया. उन्होंने खुद को मलबे से निकाला और पास ही मौजूद लोगों की मदद से स्कूटी से दो किलोमीटर दूर अस्पताल पहुंचे.

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साथियों की मदद में जुटे, पर कई दोस्त खोए

केशव ने बताया कि वह अपने एक दोस्त को मलबे से निकालने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनकी हालत ऐसी थी कि वह सफल नहीं हो पाए. "मेरे कई बैचमेट्स और जूनियर उस हादसे में नहीं बच पाए. मेस में खाना बनाने वाली मासी और उनकी बेटी भी इस हादसे का शिकार हो गईं," केशव ने दुखी मन से कहा. मेस में मौजूद 50-60 लोगों में से कम से कम चार छात्रों और दो अन्य लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.

अस्पताल में थी तनावपूर्ण स्थिति

अस्पताल पहुंचने पर केशव ने देखा कि वहां पहले से ही कई मरीज पहुंच चुके थे. "इमरजेंसी कोड था, हर तरफ अफरा-तफरी थी. मरीज पहले भी आ रहे थे और मेरे बाद भी आए," उन्होंने बताया. केशव के सिर पर तीन टांके लगे, साथ ही उनके हाथ, जांघ और कमर में भी चोटें थीं. सौभाग्य से, उनके स्कैन में कोई फ्रैक्चर नहीं पाया गया.

"मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूं"

इस भयानक हादसे से बचने के बाद केशव खुद को बेहद भाग्यशाली मानते हैं. "मैंने अपने दोस्तों को खोया, जो मेरे साथ रोज खाना खाते थे. लेकिन मैं यहां आपके सामने अपनी कहानी सुना पा रहा हूं, यह भगवान की कृपा है," उन्होंने भावुक होकर कहा. केशव ने भगवान का शुक्रिया अदा किया कि वह इस त्रासदी से सुरक्षित निकल आए.

यहां देखें केशव का पूरा इंटरव्यू

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