IAS की बेटी से छेड़छाड़ के आरोपी विकास बराला को हरियाणा सरकार ने नियुक्त किया सरकारी वकील! मंत्री ने दी सफाई
Haryana News: हरियाणा सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के बेटे विकास बराला को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल (AAG) नियुक्त किया है. यह नियुक्ति 18 जुलाई 2025 को जारी एक सरकारी अधिसूचना के तहत हुई.
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Haryana News: हरियाणा सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के बेटे विकास बराला को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल (AAG) नियुक्त किया है. यह नियुक्ति 18 जुलाई 2025 को जारी एक सरकारी अधिसूचना के तहत हुई. हालांकि, यह फैसला विवादों में घिर गया है, क्योंकि विकास बराला 2017 के एक हाई-प्रोफाइल मामले में यौन उत्पीड़न, पीछा करने और अपहरण के प्रयास जैसे गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं.
क्या हैं आरोप?
5 अगस्त 2017 को चंडीगढ़ में एक IAS अधिकारी की बेटी ने विकास बराला और उनके दोस्त आशीष कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. पीड़िता ने आरोप लगाया कि देर रात दोनों ने उनकी गाड़ी का पीछा किया और जबरन उनकी कार में घुसने की कोशिश की. भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354D (पीछा करना), धारा 341 (गलत तरीके से रोकना), धारा 365 (अपहरण का प्रयास), धारा 511 और नशे में गाड़ी चलाने के तहत मामला दर्ज हुआ.
उस समय सुभाष बराला हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष थे, और राज्य में भाजपा की सरकार थी. शिकायत के आधार पर 9 अगस्त 2017 को विकास और आशीष को गिरफ्तार किया गया. अक्टूबर 2017 में उनके खिलाफ आरोप तय हुए. विकास उस समय कानून का छात्र थे और दिसंबर 2017 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने उन्हें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी थी. जनवरी 2018 में उन्हें जमानत मिल गई, और तब से वे चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल से बाहर हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 2 अगस्त 2025 को होनी है.
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नियुक्ति पर क्या कहती है सरकार?
हरियाणा सरकार ने 18 जुलाई 2025 को 97 नए वकीलों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की. इसमें विकास बराला को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल के साथ-साथ डेप्यूटी एडवोकेट जनरल, सीनियर डेप्यूटी एडवोकेट जनरल और एडिशनल एडवोकेट जनरल के पदों पर नियुक्त किया गया है. इस भूमिका में वे हरियाणा सरकार को कानूनी सलाह देंगे और कोर्ट में सरकार का पक्ष रखेंगे.
भाजपा सरकार के मंत्री रणबीर गंगवा ने इस नियुक्ति का बचाव किया. उन्होंने कहा, “विकास बराला की नियुक्ति एक कमेटी की जांच के बाद हुई है. उनकी योग्यता को देखते हुए यह फैसला लिया गया. विपक्ष को भाई-भतीजावाद का आरोप लगाने का कोई हक नहीं है. इस नियुक्ति को हटाने का कोई विचार नहीं है.”
विपक्ष ने नियुक्ति पर उठाए सवाल
विकास बराला की नियुक्ति ने कई सवाल खड़े किए हैं. विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस, ने इसे भाई-भतीजावाद का उदाहरण बताया है. उनका कहना है कि गंभीर आरोपों का सामना कर रहे व्यक्ति को इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देना उचित नहीं है. दूसरी ओर, भाजपा का दावा है कि यह नियुक्ति पूरी तरह योग्यता के आधार पर हुई है.
कांग्रेस विधायक जस्सी पेटवार ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, "कैपेबिलिटी तो विकास बराला की पूरा हरियाणा जानता है, उनका चरित्र सही नहीं है. भाजपा और CM को इसपर जवाब देना चाहिए, इस लिस्ट की जांच होनी चाहिए, यह कांग्रेस की मांग है."