लोकसभा चुनाव के बीच कैलाश विजयवर्गीय को बड़ा झटका! हाई कोर्ट ने इस मामले में दिए जांच के आदेश
MP News: मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और इंदौर भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय की लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मुसीबत बढ़ सकती है
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MP News: मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और इंदौर भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय की लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मुसीबत बढ़ सकती है. दरअसल खरगोन में 2022 में हुए दंगों पर केबिनेट मंत्री और तत्कालीन भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा ट्वीट किए गए भ्रामक वीडियो को लेकर इंदौर हाई कोर्ट ने इंदौर पुलिस के तिलक नगर थाना पुलिस को 90 दिन में कार्रवाई करते हुए जवाब पेश करने के आदेश जारी किए हैं.
कांग्रेस नेता ने हाई कोर्ट में दाखिल की थी याचिका
दरअसल कांग्रेस प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी ने तत्कालीन भाजपा राष्ट्रीय महासचिव और वर्तमान में प्रदेश के नगरीय निकाय मंत्री द्वारा सोशल मीडिया और ट्वीटर पर एक वीडियो पोस्ट किया था. जो मध्यप्रदेश के खरगोन का ना होकर तेलंगाना का वीडियो था. जिसे लेकर हाईकर्ट एडवोकेट और कांग्रेस प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी ने 2022 में तिलक नगर थाना पुलिस को शिकायती आवेदन पेश किया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी.
जिसे लेकर उन्होंने इंदौर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करते हुए भ्रामक वीडियो पोस्ट करने पर कैलाश विजयवर्गीय पर कार्रवाई की मांग की थी. जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इंदौर पुलिस को आवेदन प्राप्त होने के 90 दिनों में कार्रवाई करते हुए जवाब पेश करने का आदेश दिया है.
इस आदेश की कॉपी लेकर आवेदक सूरी खुद तिलक नगर थाने पहुंचे और हाईकोर्ट के आदेश की प्रतिलिपि पुलिस को सौंपकर कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि उनका न्यायपालिका में पूर्ण विश्वास है. पुलिस हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी कार्रवाई नहीं करेगी. तो वे वापस कोर्ट में जवाब तलब करेंगे.
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ऐसे ही मामले में दिग्विजय पर दर्ज हुए थे 9 केस
खरगोन की इसी हिंसा को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ भी पुलिस ने भोपाल, ग्वालियर, नर्मदापुरम, जबलपुर, सतना, इंदौर, बैतूल आदि जिलों में 9 केस दर्ज किए थे. तब दिग्विजय ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था, जिसका कैप्शन था कि क्या खरगोन प्रशासन ने हथियारों के साथ जुलूस निकालने की इजाजत दी थी? सिंह के खिलाफ इस वीडियो की शिकायतों में इसे बिहार का बताया गया था.
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