केंद्र-MP में बीजेपी की सरकार, फिर कमलनाथ पर एक्शन क्यों नहीं? गृहमंत्री ने दिया ये जवाब
MP Election 2023: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भोपाल में BJP सरकार के साढ़े 18 साल का रिपोर्ट कार्ड (BJP 18 Years Report Card) पेश किया. यह 32 पेज की बुकलेट है, जिसमें उमा भारती, बाबूलाल गौर (Uma Bharti-Babulal Gaur) से लेकर शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) तक के कार्यकाल में हुए विकास […]
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MP Election 2023: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भोपाल में BJP सरकार के साढ़े 18 साल का रिपोर्ट कार्ड (BJP 18 Years Report Card) पेश किया. यह 32 पेज की बुकलेट है, जिसमें उमा भारती, बाबूलाल गौर (Uma Bharti-Babulal Gaur) से लेकर शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) तक के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों की विस्तार से चर्चा हुई है. कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बेहद मेहनती बताया. उन्होंने कहा, ‘हमने एक बीमारू राज्य को देश के सबसे विकसित राज्य में पहुंचाने का प्रयास किया.’
गृह मंत्री शाह (Amit Shah) ने बोफोर्स समेत 24 घोटालों का जिक्र करते हुए कहा, ‘बंटाधार और कमलनाथ इधर-उधर की बात नहीं करिए. मध्यप्रदेश का काफिला क्यों लुटा? इसका जवाब दीजिए. यह कांग्रेस के समय में लुटा है.’ विधानसभा चुनाव के बाद मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि यह पार्टी का काम है, पार्टी को काम करने दीजिए.
तेज हो सकती है कमलनाथ की जांच: शाह
इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने पत्रकारों के सवालों के जवाब भी दिए. इस दौरान उसने पूछा गया कि एमपी में पिछले बीस साल से बीजेपी की सरकार है और केंद्र में 9 साल से मोदी सरकार है, कमलनाथ पर आरोप लगाने के बावजूद ऐसी क्या वजह है जो आपको उन पर एक्शन लेने से रोक रही है? इस पर अमित शाह ने कहा- जांच की एक गति होती है और जांच चल रही है. कांग्रेस के किसी भी नेता का भाषण सुनिए तो हाय तौबा करते दिखेंगे, वो जांच है. फिर बोले- अगर ये सवाल कमलनाथ जी की तरफ से आया है तो जांच की गति भी तेज हो सकती है. फिर उन्होंने ऐसी बात कह दी कि सभी हंसने लगे.
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सरकार आने पर शिवराज सीएम बनेंगे?
अगले चुनाव में बहुमत मिलता है तो क्या शिवराज जी ही मुख्यमंत्री होंगे? इस सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा- ऐसा है कि शिवराज जी मुख्यमंत्री हैं ही, अभी शिवराज जी मुख्यमंत्री हैं. हम चुनाव में हैं, पार्टी का काम पार्टी ही तय करेगी.
उनके (दिग्विजय) के मन में जो चलता है, वही वो बोलते हैं…
कांग्रेस के 15 महीने की सरकार के कामकाज पर सवाल किए जाने पर अमित शाह ने कहा कि 2018 में कांग्रेस ने एक सोची समझी रणनीति के तहत जाति का जहर घोलने का काम किया था. इस बार जनता ने उनके 15 महीने का कामकाज देख लिया है. वहीं, नूंह हिंसा पर किए गए सवाल पर शाह ने कहा कि उनके मन में जो चलता है वही बोलते हैं. एक महीने बाद पता चल जाएगा कि देंगे नहीं हुए तब आप पूछ लेना कि दंगे क्यों नहीं हुए.
BJP में परिवारवाद पर क्या कहना है?
शाह ने कहा कि परिवारवाद की जब हम बात करते हैं तो पार्टी की मिल्कियत की बात करते हैं. आप क्या कह सकते हैं कि BJP मध्यप्रदेश की मिल्कियत कोई परिवार की है. आप मुझे बताइए, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट), मैं नेताओं के नाम नहीं लेना चाहता… परिवारवाद का मतलब है सरकार और शासन में एक ही परिवार के व्यक्ति आएंगे. कहीं इक्का-दुक्का किसी के परिवार को योग्यता के आधार पर टिकट दिया, ये परिवारवाद का मुद्दा डाइल्यूट करना है. परिवारवाद मतलब- पार्टी की मिल्कियत, सत्ता की मिल्कितय एक परिवार के हाथ में रहना.
2023 और 2024 विकास के मुददे पर ही चुनाव में आएंगे?
शाह ने कहा, हम चाहते हैं कि चुनाव विकास के मुद्दे पर हों. कांग्रेस की परंपरा जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टीकरण के आधार पर चुनाव को घसीटकर ले जाना. मोदी जी ने पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस की नई परंपरा शुरू की है. हमने हमारे सारे एजेंडे को भी समाप्त किया है. धारा 370 को भी समाप्त किया है. राम मंदिर का निर्माण भी तेजी से हो रहा है. यहां महाकाल लोक भी बना है. हम जरूर चाहेंगे कि चुनाव डेवलपमेंट और गरीब कल्याण के मुद्दे पर हो. हमने चुनाव के समय कोई योजना की घेाषणा नहीं की है. गरीब को भी पता है कि एक लाख का मकान देने को भुलाकर कोई 200 रूपये की बिजली माफ करने वाले को वोट नहीं देगा.