जबलपुर की 100 साल पुरानी अंपायर टॉकीज पर चला बुलडोजर, अभिनेता प्रेमनाथ से जुड़ी हैं इस थिएटर की सुनहरी यादें

धीरज शाह

Jabalpur News: फिल्म अभिनेता प्रेमनाथ के सपनों का थिएटर कहे जाने वाली जबलपुर के अंपायर टॉकीज को गिरा दिया गया. 1918 में अंपायर टॉकीज का निर्माण कराया गया था, जिसे 1952 में फिल्म अभिनेता प्रेमनाथ ने खरीद लिया था.

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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शहर की सबसे पुरानी टॉकीज को जमींदोज कर दिया गया. 

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प्रेमनाथ के सपनों का थिएटर कहे जाने वाली अंपायर टॉकीज को गिरा दिया गया.

Jabalpur News: फिल्म अभिनेता प्रेमनाथ के सपनों का थिएटर कहे जाने वाली जबलपुर के अंपायर टॉकीज को गिरा दिया गया. भारी बारिश के चलते जर्जर भवनों को लेकर प्रशासन के चल रहे अभियान के तहत अंपायर टॉकीज को चिन्हित किया गया. इसके बाद प्रशासन की टीम बुलडोजर के साथ पहुंची और शहर की सबसे पुरानी टॉकीज को जमींदोज कर दिया गया. 

दरअसल, लगातार हो रही बारिश के चलते जबलपुर शहर में कई इमारतें ऐसी हैं, जो बहुत जर्जर हालत में पहुंच गई हैं. ऐसे में कभी भी यह भवन गिर सकते हैं और जनहानि हो सकती है. ऐसे हालात न बनें, इसके लिए जबलपुर प्रशासन ये एक्शन लिया. जबलपुर प्रशासन ने कई पुराने भवनों को चिन्हित किया है, जिसमें अंपायर टॉकीज भी शामिल थी. 

अंपायर टॉकीज और एक्टर प्रेमनाथ का रिश्ता

अंपायर टॉकीज की उम्र 100 साल से ज्यादा की हो चुकी है. 1918 में अंपायर टॉकीज का निर्माण कराया गया था, जिसे 1952 में फिल्म अभिनेता प्रेमनाथ ने खरीद लिया था. सालों तक यह टॉकीज जबलपुर की शान रही. लेकिन उसके बाद विवादों में पड़ गई और कैंटोनमेंट बोर्ड और प्रेमनाथ के परिवार के बीच चल रहे विवाद के कारण अंपायर टॉकीज खंडहर में तब्दील होती गई. कई दशकों से टॉकीज खंडहर के रूप में खड़ी हुई थी. हालत इतनी बुरी हो गई थी कि टॉकीज की दीवारों में पेड़-पौधे तक उग आए थे.

टॉकीज की पुरानी इमारत की हालत देखते हुए प्रशासन ने अंपायर टॉकीज को गिराने का फैसला लिया, ताकि आने वाले समय में बारिश के चलते टॉकीज ढहने जैसी स्थिति न आए और किसी तरह का नुकसान न हो सके.

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प्रेमनाथ के अंपायर टॉकीज खरीदने का किस्सा

बॉलीवुड अभिनेता प्रेमनाथ अपने दमदार अभिनय के लिए जाने जाते हैं. मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ और जबलपुर से उनका संबंध रहा है. प्रेमनाथ जब स्कूल में पढते थे तब एक बार वो एम्पायर टॉकीज की दीवार फांदकर बिना टिकट लिए पिक्चर देखने बैठ गए, लेकिन जब टिकिट चेकर टिकिट चेक करने आया तो प्रेमनाथ ने बताया कि वो बाउंड्री वॉल फांदकर अंदर आ गए. तब टॉकीज के टिकिट चेकर ने प्रेमनाथ को एक झापड़ मारा और पकडकर बाहर लाया. जाने के पहले प्रेमनाथ ने टिकिट चेकर से कहा कि देखना एक दिन मैं इस टाकीज को खरीद लूंगा. हुआ भी वैसा ही.

प्रेमनाथ ने एक्टर बनने के बाद 1952 में एंपायर टॉकीज खरीद लिया. उद्घाटन के बाद प्रेमनाथ ने टिकिट चेकर को कहा कि यदि तुमने मुझे झापड़ मार कर भगाया न होता तो आज मैं इस एम्पायर टाकीज का मालिक नहीं बनता. 

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