खास पूजा के लिए रॉयल लुक में नजर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया, बेटे ने भी पहनी खास पोशाक
Gwalior News: ग्वालियर रियासत अपने रीति रिवाज और परंपराओं को मनाने में काफी आगे माना जाता है. इसी क्रम में नवमी पर सिंधिया घराने की विशेष पूजा होती है. ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके बेटे पूरे रॉयल लुक के साथ शाही पोशाक पहनकर अपने महल जय विलास पैलेस से निकले. महाआर्यमन सिंधिया भी शाही पोशाक में […]
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Gwalior News: ग्वालियर रियासत अपने रीति रिवाज और परंपराओं को मनाने में काफी आगे माना जाता है. इसी क्रम में नवमी पर सिंधिया घराने की विशेष पूजा होती है. ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके बेटे पूरे रॉयल लुक के साथ शाही पोशाक पहनकर अपने महल जय विलास पैलेस से निकले. महाआर्यमन सिंधिया भी शाही पोशाक में नजर आए. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने महाराज बाड़ा स्थित देवघर पहुंचकर देवी-देवताओं की विशेष पूजा की और इसके बाद मांढरे की माता पर पहुंचकर कुलदेवी का आशीर्वाद लिया. नवरात्रि के नौवें दिन परंपरा के अनुसार सिंधिया परिवार का मुखिया गोरखी देवघर में पूजा करता है.
सिंधिया इस खास पूजा में शाही अंदाज में नजर आए. सिंधिया घराने की शाही पोशाक पहनकर सिंधिया जब महल से बाहर आए तो उनको देखने के लिए लोगों की खासी भीड़ उमड़ गई. ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उनके सुपुत्र महाआर्यमन सिंधिया भी शाही पोशाक पहने उनके साथ मौजूद थे.
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वर्षों से चली आ रही सिंधिया राजघराने की ये परंपरा
बता दें सिंधिया राजघराने की कुलदेवी की पूजा सालों से होती आ रही है. इसी कारण हर साल ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके पूरे परिवार के सदस्य नवमी के दिन ग्वालियर में मौजूद रहते हैं. इस पूजा की खास बात यह है कि इसमें सिंधिया राजघराना अपनी पारंपरिक वेशभूषा में मौजूद रहता है. सिंधिया राज परिवार के राजशाही प्रतीक चिन्ह और हथियारों की सिंधिया पूजा करते हैं. इस दौरान सिंधिया राजवंश की परंपरा के अनुरूप महाराज के तौर पर अपने देवघर में अपने देवताओं और पूर्वजों का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं.
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देवी पूजन में दिखी सिंधिया की परंपरा
सिंधिया पूरी तरह राजशाही अंदाज में दिखाई देते हैं. उनके लिए पूजा अर्चना के बाद राजशाही परंपराओं के अनुरूप, गद्दी लगाई जाती है, 200 वर्ष से अधिक समय से सिंधिया राजवंश के लोग हर वर्ष दशहरे के दिन अपने देवघर में पूजा अर्चना करते हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने देवघर पहुंचकर अपने देवी-देवताओं का पूजन किया. यहां शाही परंपराओं के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूजन किया. इस दौरान उन्होंने अपने बेटे महाआर्यमन सिंधिया के साथ देवी-देवताओं का पूजन एवं आरती भी उतारी.
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