Chhindwara Loksabha Result: छिंदवाड़ा हारने के बाद पहली बार सामने आए कमलनाथ, दिया चौंकाने वाला बयान

पवन शर्मा

Chhindwara Loksabha Result: मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट सुर्खियों में है. छिंदवाड़ा में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद कमलनाथ का पहला बयान सामने आया है. 

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Kamalnath Statement After Chhindwara Loksabha Result: मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट सुर्खियों में है. दरअसल, नाथ परिवार का गढ़ कहे जाने वाले छिंदवाड़ा में बीजेपी के विवेक बंटी साहू ने कांग्रेस के नकुलाथ को करारी शिकस्त दी है. छिंदवाड़ा में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद कमलनाथ का पहला बयान सामने आया है. 

नकुलनाथ के चुनाव में हारने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा हार की समीक्षा करने के लिए पहुंचे हैं. उन्होंने इमलीखेड़ा हवाई पट्टी पर मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि "छिंदवाड़ा जिले की जनता ने जो फैसला दिया है, वह स्वीकार है और जिस तरीके से उन्होंने 44 साल छिंदवाड़ा जिले की सेवा की है आगे भी करते रहेंगे."

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विवेक बंटी साहू को मिली ऐतिहासिक जीत

कमलनाथ ने आगे कहा कि किन कारणों से चुनाव में नकुलनाथ की हार हुई है वे समीक्षा कर रहे हैं. बता दें कि 2019 में छिंदवाड़ा एकमात्र ऐसी सीट थी, जहां बीजेपी को हार और कांग्रेस को जीत मिली थी. 2024 में भी कांग्रेस को यहां जीत की पूरी उम्मीद थी, लेकिन विवेक बंटी साहू ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. 

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अगर एक उपचुनाव को छोड़ दें तो 73 सालों से छिंदवाड़ा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है, वहीं 44 साल से नाथ परिवार इस सीट पर काबिज है. पहले कमलनाथ छिंदवाड़ा सीट से सांसद रहे हैं, उनके विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद नकुलनाथ यहां से सांसद चुने गए थे. यही वजह है कि छिंदवाड़ा को कमलनाथ का गढ़ कहा जाता है. लेकिन इस बार नकुलनाथ को हार का सामना करना पड़ा है. 

बीजेपी ने कैसे जीती छिंदवाड़ा की लड़ाई

इस चुनाव में बीजेपी ने छिंदवाड़ा को जीतने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी थी. शाह से लेकर पीएम मोदी तक ने मेहनत की थी. यही कारण है कि यह सीट अब बीजेपी पाले में आई है. टिकट की घोषणा के पहले से ही इस सीट पर बीजेपी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी थी. विधानसभा चुनाव के परिणामों के दूसरे दिन ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा पहुंचकर समीक्षा की थी. जिसके बाद बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने यहां डेरा डाला था. छिंदवाड़ा से कमलनाथ के करीबी नेताओं ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी का दामन थाम लिया था. 

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