हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई में कोताही बरतना पड़ा भारी, हटाए गए डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन
MP News: भोपाल में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में कराने के लिए मेडिकल की हिंदी भाषा की किताबों के वितरण और प्रिंटिंग में देरी के मामले में संचालक चिकित्सा शिक्षा (DME) डॉ. जितेन शुक्ला को चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने पद से हटा दिया है. उनके स्थान पर गांधी मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी डिपार्टमेंट […]
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MP News: भोपाल में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में कराने के लिए मेडिकल की हिंदी भाषा की किताबों के वितरण और प्रिंटिंग में देरी के मामले में संचालक चिकित्सा शिक्षा (DME) डॉ. जितेन शुक्ला को चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने पद से हटा दिया है. उनके स्थान पर गांधी मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. एके श्रीवास्तव को नया डीएमई बनाया गया है. इसके आदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग की अवर सचिव बबीता वसुनिया से जारी किए हैं.
बता दें कि ये वही जितेन शुक्ला हैं, जिन्हें दो साल पहले डॉक्टर अरुणा को हटाकर जीएमसी का डीन बनाया गया है. बाद में उन्हें पदोन्नति देकर डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन बना दिया गया था.
जितेन शुक्ला को हटाने से पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्चास सारंग ने मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में कराने के प्रोजेक्ट की समीक्षा की. मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में कराने के प्रोजेक्ट की समीक्षा के दौरान मेडिकल काेर्सेस की किताबों की हिंदी में प्रिंटिंग और वितरण के मामले में डीएमई डॉ. जितेन शुक्ला के स्तर पर देरी होना पाया गया है. इससे मंत्री सारंग नाराज हो गए और उन्होंने डीएमई डॉ. शुक्ला को हटाने के आदेश दे दिए.
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हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई कराने वाला पहला राज्य है MP
मंत्री ने कहा कि हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई कराने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है और इस प्रोजेक्ट में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. बताया जा रहा है कि द्वितीय वर्ष एवं तृतीय वर्ष की हिंदी में पुस्तकों को तैयार करवाने में डॉ. जितेन शुक्ला ने कोई रुचि नहीं दिखाई. सूत्र बताते हैं कि डीएमई के बाद मेडिकल कॉलेजों के डीन के बदलाव की भी तैयारी है.
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