दोपहर 1 बजे तक के मतदान ने क्यों बढ़ा दी BJP की टेंशन, बढ़ती वोटिंग के मायने समझें
दोपहर एक बजे तक जिस तरह से मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर मतदाताओं में उत्साह देखा जा रहा है और वोटिंग प्रतिशत बढ़ता हुआ दिख रहा है, उसे लेकर कई तरह के संकेत निकलकर सामने आ रहे हैं
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MP Election 2023: दोपहर एक बजे तक जिस तरह से मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर मतदाताओं में उत्साह देखा जा रहा है और वोटिंग प्रतिशत बढ़ता हुआ दिख रहा है, उसे लेकर कई तरह के संकेत निकलकर सामने आ रहे हैं. दोपहर एक बजे तक मध्यप्रदेश में 45.40 प्रतिशत मतदान हो चुका है. कई जिलों में यह आंकड़ा दोपहर एक बजे ही 50 फीसदी के पार भी जा चुका है.
आपको बता दें कि पहली बार मध्यप्रदेश का विधानसभा चुनाव इस लेवल पर हो रहा है जहां कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है और इस कारण ग्राउंड पर एक दर्जन से अधिक जिलों से हिंसा, हंगामा, गोलीबारी, पथराव हाेने की खबरें सामने आई हैं. लेकिन इसका असर वोटिंग प्रतिशत पर होता हुआ नहीं दिख रहा है. वोटिंग प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है.
सुबह 11 बजे तक ही मध्यप्रदेश में वोटिंग का प्रतिशत 28.32 प्रतिशत हो गया था. जबकि सुबह 11 बजे तक मुरैना, भिंड, इंदौर, झाबुआ, सीधी सहित एक दर्जन से अधिक जिलों में हिंसा की घटनाएं भी हुई हैं लेकिन इसके बावजूद जनता के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है और उत्साहपूर्वक लोग वोट डालने के लिए मतदान केंद्रों की तरफ जा रहे हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक धनंजय प्रताप सिंह बताते हैं कि बीजेपी ने चुनाव से पहले अपना टारगेट सेट किया था कि दोपहर 12 बजे तक 50 फीसदी के आंकड़े को छूना है. कहीं न कहीं बीजेपी इसमें सफल होती दिख रही है. ग्राउंड पर महिलाओं की बड़ी संख्या मतदान केंद्रों पर दिख रही है, इसका मतलब है कि लाड़ली बहना योजना ग्राउंड पर काम करती दिख रही है, जिसकी वजह से ही मध्यप्रदेश में मतदान का ग्राफ बढ़ता हुआ दिख रहा है. धनंजय प्रताप सिंह मानते हैं कि यहां जिस तरह से मतदान का प्रतिशत बढ़ रहा है, उससे बीजेपी को फायदा हो सकता है.
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वहीं ग्वालियर-चंबल के राजनीतिक विश्लेषक डाॅ.जगमोहन द्विवेदी का कहना है कि वोटिंग का प्रतिशत ग्वालियर में अभी भी कम जा रहा है. यहां पर वोटिंग का प्रतिशत दोपहर एक बजे तक 35 प्रतिशत के आसपास रहा है. वहीं भिंड में भी वोटिंग का प्रतिशत 34 प्रतिशत के आसपास रहा है. सिर्फ एक दिमनी सीट को छोड़ दें ,जहां पर बड़े पैमाने पर हिंसा और हंगामा हुआ, वहां पर इसके बाद भी वोटिंग प्रतिशत 45 प्रतिशत तक पहुंच गया, उसे छोड़कर शेष सभी सीटों पर वोटिंग का प्रतिशत कम रहा है. ऐसे में ये आंकड़े कांग्रेस के फेवर में जाते हुए दिख रहे हैं.
कुल मिलाकर वोटिंग प्रतिशत के आंकड़े बढ़ने को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों के अलग-अलग मत हैं लेकिन वोटिंग का बढ़ना निर्वाचन आयोग के लिए खुशी की खबर है. 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में वोटिंग का प्रतिशत 75 प्रतिशत तक रहा था लेकिन जिस तरह से इस बार विधानसभा चुनाव में वोटिंग हो रही है, उसके हिसाब से लग रहा है कि इस बार ये रिकॉर्ड भी टूट सकता है. वोटिंग शाम 6 बजे तक चलेगी.
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