कमलनाथ सरकार गिराने वाले इन सिंधिया समर्थक विधायकों का क्यों कटा पत्ता? जानें
MP Chunav 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव इसी महीने की 17 नवंबर को होने हैं. इसके लिए भारतीय जनता पार्टी ने 230 सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी हो गई है. बीजेपी ने आगामी चुनाव के लिए सिंधिया समर्थक कई विधायकों के टिकट काट दिए हैं, ये वही […]
ADVERTISEMENT

MP Chunav 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव इसी महीने की 17 नवंबर को होने हैं. इसके लिए भारतीय जनता पार्टी ने 230 सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी हो गई है. बीजेपी ने आगामी चुनाव के लिए सिंधिया समर्थक कई विधायकों के टिकट काट दिए हैं, ये वही विधायक हैं, जिन्होंने 2020 में सिंधिया के समर्थन में कांग्रेस छोड़ दी थी, जिसकी वजह से कमलनाथ की 15 महीने पुरानी सरकार धराशायी हो गई थी. हालांकि बीजेपी ने ज्यादातर विधायकों को टिकट देकर मैदान में उतारा है. इसमें प्रमुख नामों इमरती देवी शामिल हैं, जो पिछले चुनाव में डबरा से चुनाव हार गई थीं.
बात साल 2020 में मार्च महीने 20 तारीख की है, जब मध्यप्रदेश के 15 महीने पुराने मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दिया था. जिसके बाद कांग्रेस की सरकार गिर गई थी. कमलनाथ की सरकार गिरने की मुख्य वजह थे ज्योतिरादित्य सिंधिया. सिंधिया और उन्हें समर्थन करने वाले विधायकों ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था.
अब फिर से विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, जिसमें बीजेपी ने सभी 230 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं. 2020 में जिन सिंधिया समर्थक विधायकों के कारण कांग्रेस की सरकार गिरी थी, 2023 में बीजेपी में उनमें से ज्यादातर विधायक और मंत्रियों को टिकट दिया है, लेकिन कईयों के टिकट काट भी दिए हैं.
कहीं खुशी कहीं गम
सिंधिया समर्थक प्रद्युमन सिंह तोमर को पार्टी ने ग्वालियर से टिकट दिया है, जबकि रघुराज सिंह कंसाना को मुरैना, कमलेश जाटव को अंबाह, जजपाल सिंह जज्जी को अशोकनगर से मैदान में उतारा है. उपचुनाव हार चुकी इमरती देवी को डबरा से फिर से मौका दिया गया है. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री रहे प्रभुराम चौधरी को सांची से, इंदौर जिले के सांवेर से तुलसीराम सिलावट और पोहरी से सुरेश धाकड़ टिकट पाने में कामयाब रहे हैं.
यह भी पढ़ें...
सिंधिया समर्थक महेंद्र सिंह सिसोदिया को बमोरी, गोविंद सिंह राजपूत को सुरखी, हरदीप सिंह डंग को सुवासरा से टिकट मिला है. बृजेंद्र सिंह यादव को मुंगावली से प्रत्याशी बनाया गया है. भाजपा ने भितरवार से सिंधिया समर्थक मोहन सिंह राठौड़ को टिकट दिया है, जबकि बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को टिकट मिला है. अनूपपुर से बिसाहू लाल साहू और सुमावली से एदल सिंह कंसाना को टिकट मिला है, मनोज चौधरी को हाटपिपलिया से चुनाव मैदान में उतारा गया है.
ये भी पढ़ें: स्थापना दिवस पर CM शिवराज ने जनता से की भावुक अपील, जानें कमलनाथ क्या बोले?
कौन-कौन से सिंधिया समर्थक विधायकों ने दिया था इस्तीफा
मार्च 2020 में ‘ऑपरेशन लोटस’ के बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी. ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद उनके समर्थन में 22 विधायकों ने भी अपनी विधानसभा सदस्यता और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. बाद में सिंधिया की मौजूदगी में सभी विधायकों ने बीजेपी की सदस्यता ली थी. 2020 में ही उपचुनाव हुए थे इस उपचुनाव में बीजेपी ने उन सभी विधायकों को उम्मीदवार बनाया गया था.
ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसौदिया, जसपाल सिंह जज्जी, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, ओपीएस भदौरिया, मुन्ना लाल गोयल, रघुराज सिंह कंसाना, कमलेश जाटव, बृजेंद्र सिंह यादव, सुरेश धाकड़, गिर्राज दंडौतिया, रक्षा संतराम सिरौनिया, रणवीर जाटव, जसवंत जाटव, मनोज चौधरी, बिसाहू लाल साहू, एदल सिंह कंसाना और हरदीप सिंह डंग ने इस्तीफे दिए थे.
ये भी पढ़ें: कमलनाथ और दिग्विजय ने क्यों कहा ‘सिंधिया के जाने से कांग्रेस हुई ग्वालियर-चंबल में मजबूत’ जानें
2023 में किन नेताओं को नहीं मिला टिकट
2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कई स्तरों पर कराए गए सर्वे के आधार पर दावेदारों को टिकट बांटे हैं. इस चुनाव में बीजेपी का फोकस केवल जिताऊ कैंडिडेट्स था. 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ जो नेता बीजेपी में शामिल हुए थे, उनमें से मुन्नालाल गोयल, ओपीएस भदौरिया, रक्षा संतराम सिरौनिया, जसवंत जाटव और रणवीर जाटव को टिकट नहीं दिया है. वहीं, सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हुए करीब 20 नेताओं को फिर से टिकट दिया गया है. इसमें मंत्री भी शामिल हैं. इस बार बीजेपी ने ग्वालियर-चंबल के बाहर भी सिंधिया समर्थक नेताओं को टिकट दिया है.