BSNL को लगने वाला है बड़ा झटका? सकंट में हजारों कर्मचारियों की नौकरी
दूरसंचार विभाग (DoT) भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) में दूसरी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) लागू करने के लिए वित्त मंत्रालय से मंजूरी लेने की तैयारी में है.
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दूरसंचार विभाग (DoT) भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) में दूसरी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) लागू करने के लिए वित्त मंत्रालय से मंजूरी लेने की तैयारी में है.

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35% कर्मचारियों की संख्या घटाने की योजना: एक रिपोर्ट के मुताबिक, BSNL अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए कर्मचारियों की संख्या में 35% तक कटौती करना चाहता है. इस योजना के तहत करीब 18,000 से 19,000 कर्मचारियों की छंटनी की जा सकती है. इसके लिए कंपनी ने VRS पहले के लिए ₹15,000 करोड़ का फंड मांगा है.

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वेतन खर्च में होगी कमी: यह कदम BSNL के सालाना वेतन खर्च को ₹7,500 करोड़ से घटाकर ₹5,000 करोड़ करने की दिशा में उठाया जा रहा है. अभी BSNL का वेतन खर्च उसके कुल राजस्व का 38% है. अधिकारियों का कहना है कि यह योजना कंपनी की बैलेंस शीट को मजबूत करेगी और 4G सेवाओं के विस्तार में मदद करेगी.

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कैबिनेट की मंजूरी बाकी: BSNL के बोर्ड ने इस VRS योजना को पहले ही मंजूरी दे दी है. अब वित्त मंत्रालय की स्वीकृति मिलने के बाद इसे संचार मंत्रालय के जरिए कैबिनेट से पास कराया जाएगा. हालांकि इस पर अभी चर्चा जारी है, और अंतिम फैसला आना बाकी है.

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BSNL का मौजूदा राजस्व और कर्मचारी संख्या: वित्त वर्ष 2024 में BSNL का राजस्व ₹21,302 करोड़ रहा, जो पिछले साल की तुलना में मामूली सुधार दिखाता है. कंपनी के पास वर्तमान में 55,000 से अधिक कर्मचारी हैं. जानकारी के अनुसार कंपनी अपना करीब 35 फीसदी कार्यबल कम करना चाह रही है.

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यह पहली बार नहीं है जब BSNL ने इस तरह के बदलाव किए हैं. 2019 में, सरकार ने BSNL और MTNL के लिए ₹69,000 करोड़ के पैकेज को मंजूरी दी थी. उस समय 93,000 से अधिक कर्मचारियों ने VRS का विकल्प चुना था, जिसकी लागत सरकार को ₹17,500 करोड़ पड़ी थी.

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2022 में, BSNL की बैलेंस शीट सुधारने और 4G सेवाओं को तेजी से शुरू करने के लिए ₹1.64 लाख करोड़ का पैकेज घोषित किया गया.

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BSNL अब नए बदलावों के जरिए अपनी वित्तीय स्थिति को स्थिर करने और टेलीकॉम सेक्टर में अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास कर रहा है.