अली खान की गिरफ्तारी पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा 'उनकी गलती उनका नाम', मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
Ali Khan Mahmudabad News: ऑपरेशन सिंदूर पर पोस्ट लिखने पर प्रोफेसर अली खान की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला. प्रोफेसर की गिरफ्तारी का ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है.
ADVERTISEMENT

Ali Khan Mahmudabad News: हरियाणा पुलिस के द्वारा अशोका यूनिवर्सिटी के पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट के प्रमुख अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है. पार्टी ने कहा है कि एक 'सोच-समझकर लिखे गए' पोस्ट के लिए एक प्रोफेसर को गिरफ्तार किया गया, जबकि भाजपा नेताओं पर सेना का अपमान करने के आरोप के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, "उनकी गलती सिर्फ इतनी है कि उन्होंने यह पोस्ट लिखा और दूसरी गलती उनका नाम है. यही है मोदी सरकार के न्यू इंडिया की सच्चाई." आपको बता दें कि महमूदाबाद को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर फेसबुक पर की गई टिप्पणी के चलते दो FIR दर्ज होने के बाद रविवार को गिरफ्तार किया गया. उन पर राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं.
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने X पर लिखा, "एक इतिहासकार और प्रोफेसर को इसलिए जेल में डाला गया क्योंकि उसने हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई, न कि हिंसा को भड़काया. उसका अपराध? सत्ता को आईना दिखाना और बीजेपी के 'छाती ठोकने वाले राष्ट्रवाद' की पोल खोलना."
यह भी पढ़ें...
खेड़ा ने यह भी कहा कि जब बीजेपी के मंत्री और उपमुख्यमंत्री सेना को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां करते हैं, तब कोई एफआईआर नहीं होती, कोई गिरफ्तारी नहीं होती. यही है 'डबल स्टैंडर्ड'.
खेड़ा मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह और डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा के विवादित बयानों का ज़िक्र कर रहे थे. कांग्रेस का दावा है कि देवड़ा ने कहा था कि "पूरी भारतीय सेना मोदी के चरणों में नतमस्तक है", जबकि विजय शाह को पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों के धर्म से कर्नल सोफिया कुरैशी को जोड़ने पर माफी मांगनी पड़ी थी.
यहां देखिए पूरा पोस्ट
सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला
इसी बीच, अली खान महमूदाबाद ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने उनकी ओर से याचिका दायर करते हुए कहा कि प्रोफेसर ने ‘पूरी तरह से देशभक्ति से प्रेरित’ बयान दिया था. FIR दर्ज करना और गिरफ्तारी करना संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर 20 या 21 मई को सुनवाई करने की सहमति जताई है.
क्या था मामला ?
आपको बता दें कि अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कुछ टिप्पणियां की थीं, जो विवादों का कारण बन गई. प्रोफेसर अली खान ने पाकिस्तान के खिलाफ की गई सैन्य कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' से जुड़ी एक प्रेस ब्रीफिंग में शामिल कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. उन्होंने इन दोनों महिला अधिकारियों के संबंध में कुछ ऐसी टिप्पणियां कीं थी, जिन्हें कई लोग आपत्तिजनक मान रहे हैं.