पंजाब: भगवंत मान सरकार का बड़ा फैसला, सभी सरकारी स्कूलों में 1 अगस्त से 'नशा विरोधी सेलेबस'

News Tak Desk

Punjab News: 1 अगस्त 2025 से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए शुरू होने वाले इस सेलेबस को नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी की टीम द्वारा तैयार किया है.

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तस्वीर: AAP पंजाब के सोशल मीडिया X से.
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पंजाब की बात आते ही लहलहाते हुए खेत, वहां की सस्कृति और भांगड़ा के रंग नजरों के सामने घूम जाते हैं. पिछले कुछ दशक से इस रंग-बिरंग राज्य को ऐसी नजर लगी कि यहां की युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में आकर बर्बाद होने लगी. हालांकि भगवंत मान सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कई महत्वर्पूण कदम उठाए हैं. उनके से एक है स्कूलों में नशा विरोधी पाठ्यक्रम को शामिल करना. 

1 अगस्त से पंजाब के सभी सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को अब नशा विरोधी पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा. इस सेलेबस को नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. अभिजीत बनर्जी की टीम ने तैयार किया है. अनेक शिक्षा विशेषज्ञों ने इस सेलेबस की सराहना भी की है. 

ऐसे होगी इसकी पढ़ाई

  • 27 हफ्तों तक हर 15वें दिन 35 मिनट की क्लास लगेगी.
  • छात्रों को सिखाया जाएगा कि नशे को कैसे 'ना' कहें. 
  • इसके लिए फिल्मों, प्रश्नोत्तरी, पोस्टर और इंटरेक्टिव गतिविधियों से पढ़ाई की जाएगी. 
  • नशे को लेकर बच्चों के कई भ्रम तोड़े जाएंगे. बच्चों की सोच को मजबूत किया जाएगा. 
  • करीब 8 लाख छात्र और 6,500 से ज्यादा प्रशिक्षित शिक्षक इस मिशन से जुड़ेंगे. 

पायलट प्रोजेक्ट के नतीजे भी चौंकाने वाले

इस सेलेबस को अमृतसर और तरनतारन के 78 स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया गया. 9,600 छात्रों को सेलेबस के साथ शामिल किया गया. इसमें से 90 फीसदी छात्रों ने माना कि ड्रग्स का सेवन एक बार भी करना खतरनाक है. इस बात से पता चला कि शिक्षा से सोच बदल सकती है और सोच से समाज.

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 'युद्ध नशे विरुद्ध' में अब तक क्या? 

मार्च 2025 से शुरू 'युद्ध नशे विरुद्ध' अभियान में 23,000 से ज्यादा तस्कर जेल भेजे गए. 
1,000 किलो से अधिक हेरोइन जब्त हो चुकी है. 
करोड़ों की संपत्तियां सीज हो चुकी हैं. 

भगवंत मान सरकार मानती है कि केवल कार्रवाई से समस्या खत्म नहीं होगी. असली बदलाव तो तब होगा जब बच्चा खुद कहे– मुझे नशा नहीं, शिक्षा चाहिए. यह केवल शिक्षा नीति नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति भी है.

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