कर्नाटक में प्री-मानसून बारिश ने तोड़ा 125 साल का रिकॉर्ड, 71 की मौत, IMD का फिर नया अलर्ट आया

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Pre-Monsoon Rain: कर्नाटक में इस साल प्री-मानसून बारिश ने 125 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. अप्रैल से मई तक हुई भारी बारिश ने राज्य में भारी तबाही मचाई, जिसमें 71 लोगों की जान चली गई.

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Pre-Monsoon Rain: कर्नाटक में इस साल प्री-मानसून बारिश ने 125 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. अप्रैल से मई तक हुई भारी बारिश ने राज्य में भारी तबाही मचाई, जिसमें 71 लोगों की जान चली गई. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के कार्यालय ने बताया कि मई में सामान्य से लगभग तीन गुना अधिक बारिश दर्ज की गई. मौसम विभाग ने आने वाले मानसून में भी सामान्य से अधिक बारिश की चेतावनी दी है, जिसके लिए राज्य सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.

रिकॉर्ड तोड़ बारिश

मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, मई में सामान्यतः 74 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार 219 मिमी बारिश हुई, जो 197% अधिक है. पूरे प्री-मॉनसून सीजन (1 मार्च से 31 मई) में 286 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य 115 मिमी से 149% ज्यादा है. इस दौरान पूरे कर्नाटक में तेज हवाओं और गरज के साथ भारी बारिश हुई.

जानमाल और संपत्ति का नुकसान

प्री-मॉनसून बारिश ने कर्नाटक में भारी नुकसान पहुंचाया. अब तक कुल 71 लोगों की जान चली गई है. जिसमें, बिजली गिरने से 48, पेड़ गिरने से 9, घर ढहने से 5, डूबने से 4 और भूस्खलन से 4 लोगों की मौत हुई. एक व्यक्ति की मौत बिजली के झटके से हुई. मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है.

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पशुधन और घरों में भी नुकसान हुआ है, जिसमें 702 पशुओं की मौत हुई, जिनमें से 698 मामलों में मुआवजा वितरित किया गया. इसके अलावा, 2,068 घर क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 75 पूरी तरह नष्ट हुए. प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने की प्रक्रिया जारी है.

इसके अलावा, 15,378 हेक्टेयर से अधिक फसलें नष्ट हुईं, जिसमें 11,915 हेक्टेयर कृषि फसलें और 3,462 हेक्टेयर बागवानी फसलें शामिल हैं. मुआवजे की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

मानसून की तैयारी और मौसम का अनुमान

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि जून से सितंबर तक कर्नाटक में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है. जून में कुछ दक्षिणी जिलों को छोड़कर पूरे राज्य में भारी बारिश की संभावना है. 
NDRF और आपातकालीन सेवाएं: कोडगु, दक्षिण कन्नड़, उडुपी और उत्तर कन्नड़ में चार NDRF टीमें तैनात की गई हैं. बेंगलुरु में भी एक टीम मौजूद है. इसके अलावा, अग्निशमन विभाग और SDRF बचाव कार्यों के लिए तैयार हैं.

जलाशयों की स्थिति: 31 मई तक, राज्य के 14 प्रमुख जलाशयों में 316.01 टीएमसी पानी जमा हुआ, जो कुल क्षमता का 35% है. पिछले साल इस समय यह मात्र 20% था. मई के अंत में भारी बारिश के कारण जलाशयों में पानी का प्रवाह बढ़ा है.

मानसून का आगमन

मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने कर्नाटक में तेजी पकड़ ली है. इसकी उत्तरी सीमा अब कालाबुरागी सहित कई क्षेत्रों तक पहुंच चुकी है. अगले 2-3 दिनों में कर्नाटक, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में मानसून के और सक्रिय होने की उम्मीद है.

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