UK Board Result 2025: उत्तराखंड 10th बोर्ड के टॉपर की मार्कशीट आ गई सामने, नंबर देख बोल उठेंगे गजब!
UKboard result 2025: उत्तराखंड बोर्ड 10वीं के परिणाम जारी कर दिए हैं. इस साल हाईस्कूल (uk board result 10th) की परीक्षा में बागेश्वर के रहने वाले कमल सिंह चौहान और हल्द्वानी के जतिन जोशी ने एक साथ टॉप किया है यानी दोनों संयुक्त रूप से टॉपर बने हैं. बता दें जतिन ने 10वीं में 99.20% अंक प्राप्त किए हैं.
ADVERTISEMENT

UK Board 10th Result 2025: उत्तराखंड बोर्ड का हाईस्कूल यानी 10वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है. इस साल हाईस्कूल (uttarakhand board result) एग्जाम में 1 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स शामिल हुए, इनमें से 99 हजार से अधिक स्टूडेंट्स ने सलफता पाई है. बता दें कि हाईस्कूल परीक्षा 2025 का कुल परिणाम 90.77 प्रतिशत रहा. इसमें से 88.20% छात्र और 93.23% छात्राओं को सफलता मिली.
यूके बोर्ड की 10वीं के एग्जाम में इस बार संयुक्त रूप से टॉपर बने हैं. इनमें बागेश्वर निवासी कमल सिंह चौहान और हल्द्वानी निवासी जतिन जोशी शामिल हैं. जतिन ने इस परीक्षा में चौकाने वाले नंबर हासिल किए हैं. उन्हें दो सब्जेक्ट में 100 में से 100 नंबर मिले हैं. जतिन का सपना इंजीनियर बनने का है. न्यूज़ तक से खास बातचीत में जतिन ने अपने टॉपर बनने कहानी शेयर की.
99.20% अंक लाकर बने टॉपर
बता दें जतिन जोशी हल्द्वानी के हरगोविंद सुयाल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज (कुसुमखेड़ा) के छात्र हैं. उन्होंने हाईस्कूल (uk board result 10th) में 500 में से 496 अंक यानी 99.20 फीसदी नंबर हासिल किए हैं. जतिन ने हिंदी में 100 में से 100, इंग्लिश में 100 में 98, मैथमेटिक्स में 100 में 99, साइंस में 100 में से 99, सोशल साइंस में100 में से 100 और आईटी में 100 में से 76 अंक प्राप्त किए.
यह भी पढ़ें...
खुद बनाए नोट्स
उत्तराखंड बोर्ड के दसवीं कक्षा (uttarakhand 10th result 2025) के टॉपर जतिन ने बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने हाईस्कूल (uttarakhand board result 10th class) की पढ़ाई बिना किसी कोचिंग के की. उन्होंने कहा कि वो रोज स्कूल जाते थे और वहीं पढ़ते थे जो टीचर पढ़ाते थे. इस दौरान वो इसके नोट्स भी तैयार करते थे. उन्होंने कहा कि सिर्फ स्कूल की पढ़ाई के बल पर ही उन्होंने टॉप किया है. हालांकि, वो बताते हैं कि पढाई के दौरान उन्हें जब भी कुछ समझ नहीं आता था, तो वे अपने टीचर्स या माता पिता की हेल्प लेते थे.
माता-पिता व शिक्षकों ने किया गाइड
जतिन ने कहा कि उनके माता-पिता ने मार्क्स को लेकर कभी दबाव नहीं डाला, बल्कि उन्होंने हमेशा गाइड किया. जतिन ने कहा कि उनके माता-पिता ने उन्हें स्वतंत्र रूप से पढ़ाई करने दी. इस दौरान उनके टीचर्स ने भी बहुत सपोर्ट किया, खासतौर पर उनके क्लास टीचर गोकुल सर ने. जतिन ने बताया, “गोकुल सर ने हमें 9वीं से ही यह सिखाना शुरू कर दिया था कि 10th (uttarakhand board result) में कैसे अच्छे नंबर लाए जा सकते हैं. उनकी गाइडेंस से ही तैयारी मजबूत हुई और हमारी पूरी क्लास का रिजल्ट अच्छा रहा.”
पिता कॉन्ट्रैक्टर, मां गृहिणी
जतिन के परिवार में माता-पिता के अलावा दो बहनें हैं. एक बड़ी बहन और एक छोटी बहन. उनके पिता एक कॉन्ट्रैक्टर हैं और मां गृहिणी हैं. जतिन ने बताया कि उनका सपना इंजीनियर बनने का है. यही वजह है कि वो 11th में साइंस स्ट्रीम लेना चाहते हैं.
यूट्यूब का भी लिया सहारा
जतिन के अनुसार उन्होंने पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया का इस्तेमाल न के बराबर किया. इस पर उन्होंने कहा, “मैंने केवल यूट्यूब पर एजुकेशनल कंटेंट देखा, बाकी किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लॉगिन तक नहीं किया.”
चेस और क्रिकेट के हैं शौकीन
अपनी हॉबीज के बारे में जतिन ने बताया कि उन्हें चेस और क्रिकेट खेलना पसंद है. इसके अलावा वे खाली समय में विषय से जुड़ी किताबें पढ़ते हैं, जो उनकी पढ़ाई में भी मदद करती हैं.