कर्पूरी ठाकुर के बाद अब लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान, पीएम मोदी ने कही ये बात
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म अविभाजित भारत के कराची प्रांत में 1927 में हुआ था. यह अब पाकिस्तान का हिस्सा है. 1947 में भारत विभाजन के बाद आडवाणी दिल्ली आ गए.
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Baharat Ratna to Lal Krishna Advani: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 3 फरवरी शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की हैं. इससे पहले बिहार के 11वें मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर को पिछले महीने उनके 100वें जयंती पर भारत रत्न देने की घोषणा हुई थी. लालकृष्ण आडवाणी को यह सम्मान उस दौर में दिया जा रहा है जब उनका 30 साल से ज्यादा पुराना राम मंदिर का सपना साकार हुआ है, आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन गया है. आइए आपको बताते हैं राम मंदिर के लिए 1990 के दशक में देश के स्तर पर पहली बार कोई जनआन्दोलन करने वाले आडवाणी के बारे में.
पहले जानिए पीएम मोदी ने आडवाणी के लिए क्या लिखा
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में शामिल लालकृष्ण आडवाणी का भारत के विकास में महान योगदान है. उन्होंने अपने जीवन में जमीनी स्तर पर काम करने से शुरुआत कर उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की. प्रधानमंत्री ने कहा कि, मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि, आडवाणी जी को यह सम्मान दिया जाएगा. पीएम मोदी ने आडवाणी से बात की और उन्हें इस बात की बधाई दी.
I am very happy to share that Shri LK Advani Ji will be conferred the Bharat Ratna. I also spoke to him and congratulated him on being conferred this honour. One of the most respected statesmen of our times, his contribution to the development of India is monumental. His is a… pic.twitter.com/Ya78qjJbPK
— Narendra Modi (@narendramodi) February 3, 2024
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अब लालकृष्ण आडवाणी के बारे में जान लीजिए
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म अविभाजित भारत के कराची प्रांत में 1927 में हुआ था. यह अब पाकिस्तान का हिस्सा है. 1947 में भारत विभाजन के बाद आडवाणी दिल्ली आ गए. विभाजन के वक्त उन्होंने शरणार्थियों के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के राहत प्रयासों में सक्रिय रूप से भाग लिया. उनकी राजनीतिक यात्रा कम उम्र से ही शुरू हो गई थी. आडवाणी 1951 में भारतीय जनसंघ में शामिल हो गए. आडवाणी की सियासी पकड़ ने भारतीय जनसंघ में उन्हें एक अलग पहचान दी. उन्होंने जनसंघ में कई दायित्वों को निभाया. पार्टी की विचारधारा के प्रति समर्पण और लोगों से जुड़ने की उनकी कला ने उन्हें जनसंघ में सर्वोच्च स्थान दिलाया. 1980 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के गठन में अडवाणी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
आडवाणी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने उल्लेखनीय मुकाम हासिल किये. उन्होंने कुशलतापूर्वक पार्टी की चुनावी रणनीतियों को तैयार किया. अडवाणी ने हिंदू राष्ट्रवादी विषयों पर जोर दिया और मतदाताओं के एक बड़े वर्ग को आकर्षित किया. उनके तीखे भाषणों और करिश्माई व्यक्तित्व ने जनता के बीच एक अलग पहचान बनाई.
लालकृष्ण आडवाणी सबसे लंबे समय तक भाजपा के अध्यक्ष रहे. आडवाणी को 90 के दशक में भाजपा के उदय का श्रेय दिया जाता है, जब वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकारों की प्रमुख पार्टी के रूप में पहली बार सत्ता में आई थी.साल 1999 में अटल जी नेतृत्व में बनी बीजेपी की सरकार में उन्हें देश का उप-प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला.
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