बारामती में बहन सुप्रिया के खिलाफ पत्नी को लड़ाकर गलती की! अजित पवार ने क्यों कही ये बात?

अभिषेक

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Ajit Pawar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(NCP) प्रमुख और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार महाराष्ट्र में 'जन सम्मान यात्रा' निकाले हुए है. इस यात्रा के दौरान आज उन्होंने एक बड़ी बात कह दी है. अजीत पवार ने 'राजनीति को घरों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए' कहते हुए कहा कि, लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी को चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ खड़ा करके गलती की है. हालांकि उन्होंने कहा कि, सुनेत्रा पवार के बारामती से चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी ने किया था जो गलत फैसला था. आइए आपको बताते हैं क्या-क्या कहा अजीत पवार ने और क्या है इसके मायने. 

पहले जानिए अजीत पवार ने क्या कहा?

महाराष्ट्र में अपनी 'जन सम्मान यात्रा' एक मराठी समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में अजित पवार ने कई बातें कही. उन्होंने कहा कि, लोकसभा चुनाव में पत्नी सुनेत्रा पवार के बारामती से चुनाव लड़ने NCP संसदीय बोर्ड द्वारा लिया गया निर्णय गलत था. अजीत पवार ने कहा, 'मैं अपनी सभी बहनों से प्यार करता हूं. किसी को भी राजनीति को घरों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. मैंने अपनी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ सुनेत्रा को मैदान में उतारकर गलती की. ऐसा नहीं होना चाहिए था लेकिन संसदीय बोर्ड (एनसीपी) ने इसका फैसला किया था जो अब मुझे लगता है कि वह गलत था.

अजीत पवार ने शरद पवार को लेकर कहा कि, 'शरद पवार एक वरिष्ठ नेता और अपने परिवार के मुखिया हैं'. उन्होंने कहा कि, वे अपने चाचा के उनकी की गई किसी भी आलोचना का जवाब नहीं देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि, जब हम साथ बैठते हैं तो मैं अपनी राय व्यक्त करता हूं. वहीं NCP के सहयोगी भाजपा और शिवसेना के शरद पवार पर बार-बार किए जा रहे हमलों के बारे में पूछे जाने पर, अजीत पवार ने कहा कि महायुति के घटकों को समझना चाहिए कि वे क्या बोल रहे हैं. 

बारामती के चुनाव में क्या हुआ था?

बारामती लोकसभा सीट से सुप्रिया सुले और सुनेत्रा पवार ननद-भौजाई दोनों ने एकदूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ था. हालांकि बारामती का चुनाव सुले और सुनेत्रा पवार के बीच था, लेकिन यह शरद पवार और अजीत पवार दोनों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई थी. नतीजों में सुप्रिया सुले की जीत हुई और सुनेत्रा पवार बाद में राज्यसभा के लिए चुनी गईं. 

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वैसे आपको बता दें कि, शरद पवार ने बारामती सीट 14 बार जीती है. पवार ने 1967 से इस निर्वाचन क्षेत्र को संभाला है. महा विकास अघाड़ी (MVA) ने महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को 48 लोकसभा सीटों में से 30 सीटें जीतकर चौंका दिया. अजीत पवार के नेतृत्व वाली NCP ने सिर्फ एक सीट रायगढ़ जीती, जबकि शरद पवार गुट ने आठ सीटें जीतीं. 

शरद पवार के प्रति सॉफ्ट क्यों दिख रहे हैं अजीत पवार 

लोकसभा चुनाव के बाद से ही अजीत पवार की सियासी स्थिति कुछ ठीक नहीं लग रही है. चुनाव में मिली हार से वो अलग-थलग पड़ गए है. चार सीटों पर चुनाव लड़कर वो सिर्फ एक सीट पर जीत पाए. खुद उनकी पत्नी तक चुनाव हार गई. चुनाव के बाद उनकी सहयोगी पार्टी बीजेपी के तरफ से बयानबाजी तक की गई कि, चुनाव में उसकी असफलता की वजह अजीत पवार थे. सूत्र ये भी बता रहे है कि, विधानसभा चुनाव में उनको या तो महायुती से अलग कर दिया जाएगा या बहुत कम सीटों पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया जाएगा. यहीं वजहें है कि, अजीत पवार हाल के दिनों में अपने चाचा शरद पवार के प्रति काफी सॉफ्ट दिखें है. हालांकि सियासत में आगे क्या होगा ये तो देखने वाली ही बात होगी. 

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