चार राज्यों की 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान: 19 जून को वोटिंग, 23 को आएंगे नतीजे
भारत निर्वाचन आयोग (EC) ने रविवार को गुजरात, केरल, पंजाब और पश्चिम बंगाल में विधानसभा उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया है. इन चार राज्यों में विधानसभा की पांच खाली सीटों पर 19 जून को मतदान होगा और 23 जून को नतीजे आएंगे.
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By Elections: भारत निर्वाचन आयोग (EC) ने रविवार को गुजरात, केरल, पंजाब और पश्चिम बंगाल में विधानसभा उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया है. इन चार राज्यों में विधानसभा की पांच खाली सीटों पर 19 जून को मतदान होगा और 23 जून को नतीजे आएंगे.
गुजरात में दो सीटों पर उपचुनाव
गुजरात में दो विधानसभा सीटों - कादी और विसावदर पर उपचुनाव होंगे. कादी सीट भाजपा विधायक करसनभाई पंजाबभाई सोलंकी के इस वर्ष फरवरी में निधन के कारण खाली हुई थी. विसावदर सीट आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक भयानी भूपेंद्रभाई गंडूभाई के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी. भूपेंद्र भायानी ने 2023 में AAP से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था.
साल 2022 में भाजपा के हारे हुए प्रत्याशी हर्षद रीबडिया ने गुजरात हाई कोर्ट में भूपत भायानी की जीत को चुनौती दी थी. मार्च महीने में हर्षद रीबडिया ने अपनी याचिका वापस ले ली थी, जिसके बाद उपचुनाव का रास्ता साफ हुआ. वीसावदर सीट पर आम आदमी पार्टी ने अपने पूर्व अध्यक्ष गोपाल इटालिया को उम्मीदवार घोषित किया है. AAP और कांग्रेस के बीच दोनों सीटों पर गठबंधन नहीं होगा, इसका ऐलान पहले ही कांग्रेस कर चुकी है. वर्तमान में गुजरात विधानसभा में भाजपा के 161 विधायक हैं, कांग्रेस के 11, और AAP के 4 विधायक हैं. इसके अलावा, 3 निर्दलीय और 1 सपा का विधायक है.
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केरल, पंजाब और पश्चिम बंगाल में एक-एक सीट पर उपचुनाव
- केरल: नीलांबुर निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव होगा. यह सीट एलडीएफ समर्थित विधायक पीवी अनवर के जनवरी में इस्तीफे के बाद खाली हुई थी. उन्हें तृणमूल कांग्रेस (TMC) की केरल इकाई का संयोजक नियुक्त किया गया था.
- पंजाब: लुधियाना पश्चिम सीट पर उपचुनाव होगा. यह सीट विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी के निधन के बाद खाली हुई थी.
- पश्चिम बंगाल: कालीगंज सीट पर उपचुनाव होगा. यह सीट नसीरुद्दीन अहमद के इस साल फरवरी में हृदयाघात से निधन के बाद खाली हुई थी.
चुनाव आयोग के नए निर्देश: मोबाइल फोन और प्रचार नियम
इससे पहले 23 मई को, मतदान प्रतिशत बढ़ाने और वोटिंग वाले दिन व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से, चुनाव आयोग ने कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए थे.
मोबाइल फोन जमा करने की सुविधा: आयोग ने मतदान केंद्रों के ठीक बाहर मतदाताओं के लिए अपने मोबाइल जमा करने की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है. मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में ही मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति होगी, वह भी स्विच्ड ऑफ करके. मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार के पास बहुत ही साधारण पिजनहोल बॉक्स या जूट बैग उपलब्ध कराए जाएंगे, जहां मतदाताओं को अपने मोबाइल फोन जमा करने होंगे. हालांकि, रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा प्रतिकूल स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर कुछ मतदान केंद्रों को इस प्रावधान से छूट दी जा सकती है.
चुनाव प्रचार के मानदंड: आयोग ने चुनाव प्रचार के मानदंडों को युक्तिसंगत बनाने के लिए दो और व्यापक निर्देश जारी किए हैं. ये निर्देश जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और निर्वाचन संचालन नियम, 1961 के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुरूप हैं.
चुनाव आयोग का यह कदम शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मोबाइल फोन के बढ़ते उपयोग और कवरेज के साथ-साथ मतदान के दिन मतदाताओं, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांग मतदाताओं को मोबाइल फोन रखने में आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखकर लिया गया है. मतदान केंद्र के भीतर मतदान की गोपनीयता सुनिश्चित करने वाले नियम 49एम का सख्ती से पालन जारी रहेगा.