IAS अभिषेक सिंह पर लगे फर्जी डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट से लाभ लेने का आरोप, अब करना होगा जांच का सामना
Ex IAS Abhishek Singh: अभिषेक सिंह साल 2010 बैच के IAS अधिकारी है. जो वर्तमान में सर्विस में नहीं है. उन पर IAS की परीक्षा में फर्जी विकलांगता सर्टिफिकेट से लाभ लेने का आरोप लग रहा है.
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Ex IAS Abhishek Singh: महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी IAS पूजा खेडकर पर फर्जी डिसेबिलिटी और OBC दस्तावेजों से सिलेक्शन लेने के आरोपों बाद अब एक के बाद एक कई अधिकारियों पर सवाल उठ रहे है. उन्हीं में से एक नाम UP कैडर के पूर्व IAS अभिषेक सिंह का भी है. अभिषेक सिंह साल 2010 बैच के IAS अधिकारी है. जो वर्तमान में सर्विस में नहीं है. उन पर IAS की परीक्षा में फर्जी विकलांगता सर्टिफिकेट से लाभ लेने का आरोप लग रहा है. हालांकि अपने ऊपर लगे आरोपों पर उन्होंने ट्वीट कर जवाब भी दिया है. आइए आपको बताते हैं क्या है उनपर आरोप और उनकी सच्चाई?
UPSC रिजल्ट में LD कैटेगरी से खुला मामला
पूजा खेडकर पर लगे आरोपों के बाद सोशल मीडिया पर कई अधिकारियों के सिलेक्शन को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे है. IAS अभिषेक सिंह पर ऐसे ही आरोप लगे है. साल 2010 के UPSC रिजल्ट में अभिषेक सिंह के नाम के आगे Locomotive Disability(LD) लिखा हुआ है. इसका मतलब लोकोमोटिव विकलांगता होता है. इस तरह की विकलांगता में व्यक्ति को चलने-फिरने में अक्षमता, चीजों को उठाने/हिलाने/उठाने की क्षमता की कमी होती है. वहीं अभिषेक सिंह तो सोशल मीडिया पर जिम करते हुए, गानों में डांस करते हुए अपने अपने वीडियो और फोटो शेयर किए हुए है. इसी बात पर उन पर आरोप लग रहा है कि, उन्होंने नौकरी पाने के लिए फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र लगाए थे.

पूजा खेडकर मामले में किया था वीडियो जारी
अभिषेक सिंह ने पूजा खेडकर विवाद सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था. वीडियो में वो UPSC के चयन प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की मांग करते हुए दिखे थे. मामला तब बिगड़ गया जब कुछ यूजर्स ने उनकी ही चयन प्रक्रिया को लेकर ही कमेंटस करना शुरू कर दिया. उन पर ये आरोप तक लगाए गए कि, उन्होंने भी UPSC में चयन के लिए फर्जी सर्टिफिकेट लगाए थे. वैसे इससे पहले अभिषेक सिंह ने आरक्षण को लेकर भी बयान दिया था जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ.
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अभिषेक सिंह ने क्या दिया जवाब?
अभिषेक सिंह ने सोशल मीडिया X पर ट्वीट करते हुए अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब दिया है. उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार और साजिश बताया है. पढिए उन्होंने क्या-क्या लिखा है-
हालांकि उन्होंने अपने ट्वीट में कई बातें लिखी है लेकिन अपने ऊपर लगे लोकोमोटिव विकलांगता के फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर सिलेक्शन लेने वाले आरोप पर कोई जवाब नहीं दिया है.
अब पूर्व IAS अभिषेक सिंह के बारे में जान लीजिए?
अभिषेक सिंह मूल रूप से जौनपुर के रहने वाले है. उनके पिता कृपाशंकर सिंह भी उत्तर प्रदेश में IPS रहे है. उनकी पत्नी दुर्गा शक्ति नागपाल भी UP कैडर की IAS अधिकारी है. अभिषेक सिंह उस समय चर्चा में आए थे जब साल 2022 में उन्हें निर्वाचन आयोग की ओर से गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रेक्षक बनाया गया था. इस दौरान उन्होंने सरकारी कार के आगे फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर डाला था जिसके बाद उन्हें प्रेक्षक से हटा दिया गया था. गुजरात से लौटने के बाद वह वापस UP कैडर में आ गए.
अभिषेक सिंह को साल 2015 से तीन साल के लिए दिल्ली प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था. जिसे दो साल के लिए और बढा दिया गया, लेकिन इस दौरान वह मेडिकल लीव पर चले गए. दिल्ली सरकार ने अभिषेक को मूल कैडर यूपी में वापस भेज दिया. हालांकि लंबे समय तक उन्होंने ज्वाइन ही नहीं किया. बाद में 30 जून 2022 को ज्वाइन किया. इस दौरान उनको कुछ समय के लिए सस्पेंड भी किया गया. बाद में उन्होंने वर्ष 2023 में इस्तीफा दे दिया. वर्तमान में वह सामाजिक व राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में उनके चुनाव लड़ने की भी चर्चा चली थी हालांकि ऐसा नहीं हुआ.
कुल मिलाकर अभिषेक सिंह फर्जी विकलांगता सर्टिफिकेट मामले में घिरे हुए नजर आ रहे है. जानकारी के मुताबिक अब उन्हें जांच से गुजरना होगा. वैसे UPSC जैसी प्रतिष्ठित संस्था पर उठ रहे ऐसे सवालों से संस्था की साख दाव पर लगी हुई है. क्योंकि हाल के दिनों में NTA, राज्य लोक सेवा आयोग सहित लगभग कई संस्थाओं के पेपर लीक हुए, धांधली के आरोप लगे लेकिन UPSC पर अब तक ऐसे कोई आरोप सामने नहीं आए थे.