Vijay Factor: अमेरिका में शशि थरूर का सधा हुआ वार, आतंकवाद पर दुनिया को दिया संदेश
All Party Delegation: शशि थरूर के अमेरिका में दिए भाषण ने भारत की लोकतांत्रिक छवि, धर्मनिरपेक्षता और कूटनीति को मजबूती से पेश किया, साथ ही पाकिस्तान को करारा जवाब भी दिया.
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Shashi Tharror in All Party Delegation:कांग्रेस नेता शशि थरूर के हालिया अमेरिका दौरे पर दिए गए भाषण की हर तरफ चर्चा हो रही है. उन्होंने न केवल भारत का मजबूती से प्रतिनिधित्व किया, बल्कि अपनी शालीन और सधी हुई बातों से विपक्ष की ताकत को भी दिखाया. हालांकि कुछ लोग कह रहे हैं कि इस भाषण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीति को बड़ा झटका दिया है. लेकिन शशि थरूर ने पूरे भाषण में भारत की लोकतांत्रिक छवि, धर्मनिरपेक्षता और मानवता की बात की.
विपक्ष का नेता, भारत का प्रतिनिधि
शशि थरूर ने अपने भाषण में साफ किया कि वह विपक्ष के नेता हैं, सत्ता पक्ष के नहीं. उन्होंने कहा, “हम पांच में से चार विपक्षी पार्टियां भारत का प्रतिनिधित्व करने आए हैं.” पूरे भाषण में उन्होंने सिर्फ एक बार 2015 के पठानकोट हमले के संदर्भ में मोदी का नाम लिया. इसके अलावा, उन्होंने भारत की एकता, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की बात की, जो राहुल गांधी के 'मोहब्बत की दुकान' जैसे विचारों से मेल खाती है.
पाकिस्तान को करारा जवाब
शशि थरूर ने नरम लहजे और सधी हुई अंग्रेजी में पाकिस्तान के आतंकवाद को पूरी दुनिया के सामने उजागर किया. उन्होंने कहा कि भारत ने 'हिट हार्ड, हिट स्मार्ट' की नीति अपनाई, जिसे लोग अलग-अलग तरीके से समझ रहे हैं. उनका इशारा था कि भारत ने स्मार्ट तरीके से आतंकवाद को जवाब दिया. उन्होंने कश्मीर में पर्यटकों की बढ़ती संख्या का जिक्र किया, लेकिन 'नॉर्मलसी' की बजाय 'खुशहाली' की बात की, जिससे बीजेपी के दावों पर सवाल उठे.
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शालीनता और कूटनीति की मिसाल
थरूर ने न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर साइट पर गुलाब चढ़ाकर आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुटता दिखाई. उन्होंने कहा, “हम आतंकवाद से गुजर चुके हैं, और हम इसे समझते हैं. हम आपको समझने और समझाने आए हैं.” उनकी यह बात कूटनीतिक और राजनयिक अंदाज की मिसाल रही. थरूर ने न तो कांग्रेस का नाम लिया, न राहुल गांधी का, लेकिन भारत के विचारों को मजबूती से रखा.
बीजेपी की रणनीति को झटका?
कुछ लोग मान रहे थे कि शशि थरूर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं या उन्हें विदेश मंत्री बनाया जा सकता है. लेकिन थरूर ने साफ किया, “मैं सत्ता पक्ष का हिस्सा नहीं हूं, मैं विपक्ष का हूं.” इस बयान ने बीजेपी की उन अटकलों को खारिज कर दिया, जो उन्हें कांग्रेस छोड़ने की बात कह रही थीं. उनके भाषण ने बीजेपी के कुछ नेताओं की उग्र और विवादास्पद बयानबाजी के उलट शालीनता का परिचय दिया.
धर्मनिरपेक्षता और एकता का संदेश
शशि थरूर ने अपने भाषण में हिंदू-मुस्लिम एकता, लोकतंत्र और सामाजिक सद्भाव की बात की. उन्होंने भारत की विचारधारा को 'आइडिया ऑफ इंडिया' के रूप में पेश किया, जो बीजेपी की कथित हिंदू-मुस्लिम विभाजन की राजनीति के उलट है. उन्होंने बिना आक्रामक हुए, बिना उग्रता दिखाए अपनी बात पूरी दुनिया तक पहुंचाई.
अमेरिका में भारतीय नेतृत्व की छाप
थरूर के भाषण ने अमेरिका के पत्रकारों और विचारकों को प्रभावित किया. जहां बीजेपी के कुछ नेता विवादास्पद बयानों में उलझे हैं, वहीं थरूर ने शालीनता से भारत की ताकत और एकता का संदेश दिया. उन्होंने साफ किया कि भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ ठोस जवाब देगा.
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