बंगाल में अकेले लड़ेंगी ममता तो कैसे टिकेगा INDIA, क्या राहुल की यात्रा के ऐलान ने छीना चैन?

रूपक प्रियदर्शी

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Rahul Gandhi, Mamata Banerjee
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Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (INDIA) को लेकर बड़ी बात कह दी है. उन्होंने प्रदेश के उत्तर 24 परगना जिले के चकला में अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस(TMC) की बैठक में ये लाइन क्लियर कर दिया कि पूरे देश में तो INDIA अलायंस होगा लेकिन बंगाल में TMC अकेले चुनाव लड़ेगी. ममता ने यह घोषणा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की न्याय यात्रा के अनाउन्स्मेन्ट के बाद की है. माना ये जा रहा है कि राहुल की न्याय यात्रा ने ममता का चैन छीना हुआ है. हो सकता है ये संयोग हो भी और नहीं भी लेकिन जैसे ही राहुल गांधी की ‘भारत न्याय यात्रा’ के बंगाल जाने का एलान हुआ, ममता बनर्जी ने कांग्रेस को झटका दे दिया.

राहुल की ‘भारत न्याय यात्रा’ का बंगाल मे न क्या है रूट

14 जनवरी से राहुल गांधी 14 राज्यों से होकर गुजरने वाली भारत न्याय यात्रा पर निकलने वाले है. राहुल मणिपुर से यात्रा की शुरुआत करते हुए मुंबई तक जाएंगे. राहुल अपनी यात्रा में पश्चिम बंगाल भी जाने वाले है. हालांकि कांग्रेस ने अभी तक इसका डिटेल शेयर नहीं किया है कि राहुल गांधी बंगाल में कब दाखिल होंगे, किस रुट से गुजरेंगे. वैसे ऐसी रिपोर्ट है कि कांग्रेस का फोकस उत्तरी बंगाल होने वाला है. प्रदेश में यात्रा कूचबिहार से एंट्री लेते हुए जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी, मालदा होते हुए बंगाल के 8 जिले कवर कर सकती हैं.

बंगाल में दशकों से लुटी-पिटी हालत में है कांग्रेस

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस पिछले 50 साल से लुटी-पिटी हालत में है. पार्टी प्रदेश में न सरकार बना पाई और न ही विपक्ष बन पाई. कभी कांग्रेस में रहीं ममता बनर्जी ने कांग्रेस के ही वोटों से नई पार्टी तृणमूल कांग्रेस खड़ी कर ली. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-तृणमूल का अलायंस था लेकिन 2019 में कांग्रेस अकेले चुनाव में उतरी थी. 2019 में मालदा और मुर्शिदाबाद जिले की सीटों पर ही कांग्रेस ने बढ़िया किया था पार्टी ने दो सीटें जीती थी. वैसे लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी भी बंगाल से ही आते है.

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बंगाल में कांग्रेस का हाल

राहुल की न्याय यात्रा से कांग्रेस की शायद पहली बार कोशिश होगी बंगाल में कांग्रेस कैडर को जगाने का लेकिन बंगाल की न्याय यात्रा राहुल गांधी को भी धर्मसंकट में डालेगी. राहुल बोलेंगे तो किसके खिलाफ? किसके खिलाफ लड़ने की हुंकार भरेंगे? बंगाल बचाने के लिए कार्यकर्ताओं को किससे बचाने के लिए कहेंगे? अब लेफ्ट भी INDIA अलायंस में है और ममता बनर्जी भी. 40 साल पहले कांग्रेस ने लेफ्ट के हाथों सत्ता गंवाई थी. लेफ्ट से सत्ता ममता बनर्जी के बाद गई.

ममता बनर्जी विपक्ष की उन नेताओं में से हैं जिन्होंने इंडिया जैसा गठबंधन बनाने में इंटरेस्ट दिखाया. हर बैठक में शामिल रहीं. लगभग हर बैठक में सोनिया गांधी के साथ बैठीं लेकिन कांग्रेस को बार-बार झटका दे रही हैं. दिल्ली वाली बैठक में उन्होंने सबको हैरान करते हुए पीएम फेस के लिए मल्लिकार्जुन खरगे का नाम पेश कर दिया. ये जानते हुए भी कि कांग्रेस राहुल के फेस के भरोसे है.

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वैसे बंगाल की लड़ाई में ममता वर्सेज बीजेपी के अलावा कोई तीसरा दल टक्कर में नहीं है. पिछले दिनों लोकसभा चुनाव की औपचारिक तैयारी वाली पहली बैठक करने बीजेपी के चाणक्य अमित शाह, जेपी नड्डा को लेकर कोलकाता गए थे. वहां उन्होंने 2024 के चुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रदेश की 42 में से 35 सीटें लाने का टारगेट भी दे दिया.

बंगाल में बीजेपी का बढ़ रहा लगातार ग्राफ

बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस को किनारा करके ममता बनर्जी ने बड़ा रिस्क लिया है. बंगाल में बीजेपी का प्रभाव चुनाव दर चुनाव बढ़ रहा है. वही तृणमूल कांग्रेस लगभग अपनी जगह पर है. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 42 में से 18 सीटें जीत ली वही 2014 के मुकाबले तृणमूल कांग्रेस की 22 सीटें कम हो गईं. हालांकि 2021 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने बीजेपी को झटका देते हुए बंपर प्रदर्शन किया. पार्टी ने 215 सीटें जीतकर वापसी की लेकिन बीजेपी भी 3 से बढ़कर 77 सीटों तक पहुंच गई.

बंगाल में बीजेपी-तृणमूल की टक्कर

हाल में आए ओपिनियन पोल ने भी बीजेपी-तृणमूल में कड़ी टक्कर का अनुमान लगा है. एबीपी न्यूज सी-वोटर का अनुमान है कि प्रदेश की 42 लोकसभा सीटों में से तृणमूल कांग्रेस को 23-25 सीटें मिल सकती हैं जबकि बीजेपी को 16 से 18 सीटें मिलने का अनुमान है. यानी दोनों दल अपनी-अपनी जगह बरकरार रह सकते हैं लेकिन इसमें कांग्रेस कही दिख नहीं रही है. हां ये जरूर हो सकता है कि राहुल की न्याय यात्रा से कुछ चीजें बदल जाए.

बंगाल का ओपिनियन पोल(सोर्स: ABP न्यूज़-सी वोटर)

सुनी-सुनाई बात ये है कि ममता अगर बहुत फैक्सिबल हुई तब भी कांग्रेस के लिए बहरमपुर, मालदा दक्षिण, रायगंज जैसी 2-3 सीटें ही छोड़ेंगी. वैसे इससे कांग्रेस को कोई बहुत फायदा नहीं होने वाला. एक पेच लेफ्ट को लेकर भी है. अगर INDIA अलायंस के हिसाब से सीट शेयरिंग हुई तो लेफ्ट से भी तालमेल बिठाना पड़ेगा. हालांकि इसमें न तो लेफ्ट का इंटरेस्ट है, न ममता का.

 

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