केरल ब्लास्ट मामले में डोमिनिक मार्टिन नाम के शख्स ने किया सरेंडर, विस्फोट की जिम्मेदारी ली

देवराज गौर

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केरल में हुए ब्लास्ट में हमास समर्थित चरमपंथियों का हांथ माना जा रहा है. इससे एक दिन पहले हमास चीफ ने केरल में एक सभा को वर्चुअली संबोधित किया था.
केरल में हुए ब्लास्ट में हमास समर्थित चरमपंथियों का हांथ माना जा रहा है. इससे एक दिन पहले हमास चीफ ने केरल में एक सभा को वर्चुअली संबोधित किया था.
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केरल ब्लास्टः रविवार की सुबह केरल में कलामासेरी के जमरा कनवेंशन में हुए धमाकों में दो लोगो की जान चली गई है. वहीं करीब 51 लोग घायल हैं. केरल के डीजीपी ने बताया है कि धमाके में IED का इस्तेमाल हुआ है. वहीं केंद्र सरकार ने आतंकरोधी राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी (NIA) को वहां के लिए रवाना कर दिया है. यह घटना उस जगह हुई जहां ईसाई समुदाय का प्रार्थना स्थल है. इस मामले में त्रिशूर जिले की पुलिस के सामने एक शख्स ने सरेंडर किया है. इसका नाम डोमिनिक मार्टिन है. डोमिनिक ने इस ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली है. वह खुद को ‘यहोवा के साक्षी’ ईसाई धार्मिक समूह का अनुयायी होने का भी दावा कर रहा है. इस समूह की स्थापना 19वीं शताब्दी में अमेरिका में हुई थी.

इस घटना को लेकर लोग सोशल मीडिया पर कई तरह के रिएक्शन दे रहे हैं.

मुख्यमंत्री दिल्ली में दे रहे थे धरना

कनवेंशन सेंटर में करीब 2 हजार लोग प्रार्थना कर रहे थे. इसी दौरान यहां 5 मिनट के भीतर लगातार तीन धमाके हुए. जब केरल में यह धमाके हो रहे थे उस समय केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन दिल्ली में इजरायल द्वारा गाजा पर किए गए हमले के विरोध में धरना दे रहे थे. वह हमले की जानकारी मिलने के बाद भी वहीं मौजूद रहे. सूत्रों के मुताबिक उन्होंने राज्य के डीजीपी शेख दरवेश से बात कर जानकारी ली.

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दो दिन पहले हमास के समर्थन में हुई थी सभा

इस घटना के दो दिन पहले केरल के मल्लपुरम में फिलिस्तीन के समर्थन में एक सभा हुई थी. जिसे जमात-ए-इस्लामी यूथ विंग ने आयोजित किया था, जिसमें पूर्व हमास प्रमुख खालेस मशाल ने वर्चुअली लोगों को संबोधित किया था. केरल में पिछले कई दिनों से मुस्लिम संघठन फिलिस्तीन और गाजा के समर्थन में रैलियां निकाल रहे हैं. कुछ दिने पहले एर्नाकुलम में हमास के समर्थन में भी एक रैली आयोजित की गई थी. बीजेपी ने इसकी घोर आलोचना की है. केरल बीजेपी प्रमुख ने कहा है कि चरमपंथी गुट के नेताओं को भारत के लिए वीजा नहीं मिलेगा इसलिए वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभाओं को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसकी जांच केंद्रीय एजेंसियों को करनी चाहिए.

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