कर्नाटक में ‘September Kranti’? क्या नवंबर में सिद्धारमैया की होगी विदाई, डीके शिवकुमार बनेंगे नए सीएम!
नवंबर से पहले कर्नाटक की सत्ता में बड़ा उलटफेर तय माना जा रहा है. कांग्रेस हाईकमान के संकेत, सिद्धारमैया का यू-टर्न और डीके शिवकुमार का 'हाईकमान कार्ड' सब कुछ बदल सकता है.
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कर्नाटक में ये चर्चा अरसे से बहुत जोरशोर से हो रही है कि नवंबर तक सीएम सिद्धारमैया की विदाई हो जाएगी. डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार प्रमोट होकर सीएम बनेंगे. ऐसा मई 2023 में सीएम चुनते समय हुए एग्रीमेंट के तहत होगा. जैसे-जैसे नवंबर नजदीक आ रहा है, सत्ता परिवर्तन की चर्चाएं तेज है लेकिन सिद्धारमैया कोई मौका नहीं छोड़ रहे ये बताने का कि वो कहीं नहीं जा रहे हैं.
सिद्धारमैया के अड़ जाने के बाद सोशल मीडिया पर सीएम इन वेटिंग डीके शिवकुमार ने ये बयान वायरल है जिसमें उन्होंने कहा कि मेरे पास उनके पास ऑप्शन क्या है. मुझे हाईकमान की बात माननी होगी, सिद्धारमैया का समर्थन करना होगा. उनका फोकस 2028 के चुनावों पर है. हो सकता है ये डीके शिवकुमार का मास्टरस्ट्रोक हो जिसका असर दिखने लगा है. अब अचानक जो हुआ वो हाईकमान की ओर से पहला सिग्नल माना जाने लगा सिद्धारमैया की विदाई और डीके की ताजपोशी का.
राहुल गांधी की ओबीसी पॉलिटिक्स
राहुल गांधी की पॉलिटिक्स का सारा फोकस ओबीसी सेंट्रिक हो गया है. बड़ी प्लानिंग के तहत अनिल जयहिंद की अध्यक्षता में कांग्रेस का ओबीसी डिपार्टमेंट नए सिरे से बना. उसी डिपार्टमेंट के अंदर ओबीसी सलाहकार परिषद बनी है. दावा किया जा रहा है कि सिद्धारमैया को परिषद की अध्यक्षता सौंपी गई है. 15 जुलाई को बैंगलोर में कांग्रेस का बड़ा ओबीसी मंच सजने वाला है जिसकी मेजबानी सीएम सिद्धारमैया को करनी है. अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, सचिन पायलट जैसे देश भर से कांग्रेस के बड़े-बड़े ओबीसी नेता बुलाए गए हैं.
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हाईकमान का सिग्नल या भ्रम?
कांग्रेस हाईकमान के इसी मूव को सिग्नल मान लिया गया है कि सिद्धारमैया आगे न सीएम नहीं रहेंगे, कर्नाटक की राजनीति में रहेंगे. उनका इस्तेमाल नेशनल पॉलिटिक्स में किया जाएगा. जैसे ही ये हल्ला मचा, सिद्धारमैया ने एकदम पलटी मार दी. कहा कि बैंगलोर के कार्यक्रम का तो पता है लेकिन अध्यक्ष बनाने के बारे में पार्टी से कोई बात नहीं हुई. मुझे सदस्य बनने का पता है, अध्यक्ष बनने का नहीं. बिना पार्टी से बात किए कुछ कन्फर्म नहीं कर सकते. सिद्धारमैया ने दो और बात जोड़ी कि उन्होंने नेशनल लेवल पर किसी पोजिशन की मांग नहीं की. दूसरा नेशनल पॉलिटिक्स में जाने का कोई सवाल नहीं है.
अनिल जयहिंद की पोस्ट से चर्चा तेज
24 जून को कांग्रेस के ओबीसी विभाग के अध्यक्ष अनिल जयहिंद ने एक्स पर फोटो के साथ फोटो डाली थी जिसमें वो सीएम सिद्धारमैया के साथ मीटिंग करते दिखे. मीटिंग में AICC के प्रशासनिक मामले के हेड गुरदीप सप्पल और बीके हरिप्रसाद भी बैठे थे. एक और फोटो डायनिंग टेबल पर लंच या डिनर की डाली. अनिल जयहिंद ने लिखा-सिद्धारमैया जी का संपूर्ण जीवन एक समाजिक न्याय के यौद्धा का जीवन रहा है. आज उनसे मिलकर ओबीसी विभाग के आंदोलन को लेकर परामर्श किया.
दिल्ली भेजे जा रहे हैं सिद्धारमैया
सिद्धारमैया का दावा सही है या ओबीसी काउंसिल का अध्यक्ष बनाने की खबर सही? इस पर कुछ क्लियर नहीं है. सिद्धारमैया को कर्नाटक से निकालने के लिए गेट पास बना है या डीके की ताजपोशी का? ये अभी भी सस्पेंस बना है. वहीं, मोदी सरकार में मंत्री और कर्नाटक बीजेपी के बड़े नेता प्रह्लाद जोशी ने दावा किया कि सिद्धारमैया को राज्य की राजनीति छोड़ने, दिल्ली जाने का संदेश दिया गया है.
सीएम पद छोड़ने के लिए ही ओबीसी सेल में लाया गया है. जोशी ने भविष्यवाणी कर दी कि सिद्धारमैया से राज्य नहीं संभला. नेशनल लेवल पर ओबीसी पॉलिटिक्स में भी कुछ नहीं कर पाएंगे. अकेले जोशी नहीं, पूरी कर्नाटक बीजेपी यही कह रही है कि सिद्धारमैया को सीएम पद छोड़ने के लिए कहा गया है.
“सितंबर क्रांति” की सुगबुगाहट
कर्नाटक कांग्रेस में ''सितंबर क्रांति'' की चर्चा खूब चल रही है. सितंबर क्रांति सीएम बदलने के लिए कही जा रही है. हालांकि कर्नाटक के प्रभारी महासचिव रणदीप सुरजेवाला कह चुके हैं कि ऐसी कोई बात नहीं हो रही है लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ही कहा था कि फैसला हाईकमान करेगा.
सिद्धारमैया का भविष्य राहुल गांधी से जुड़ा
सिद्धारमैया का भविष्य राहुल गांधी की ओबीसी पॉलिटिक्स से बंध रही है. साथ होंगे तो तब भी सीएम पद छोड़ना होगा, साथ नहीं आए तब भी नुकसान हो सकता है. हालांकि कर्नाटक की राजनीति में सिद्धारमैया की ब्रैंडिंग केवल ओबीसी नेता की नहीं रहे. बहुत पहले दलितों, मुस्लिमों और पिछड़ों की अहिंदा पॉलिटिक्स को आगे बढ़ाकर चमके थे सिद्धारमैया.
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