राहुल गांधी को लाल किले में पीछे बिठाने पर हंगामा, जानिए क्या कहता है प्रोटोकॉल

News Tak Desk

ADVERTISEMENT

NewsTak
social share
google news

Rahul Gandhi: दस साल में पहली बार, विपक्ष के नेता ने लाल किले में एंट्री की. सफेद कुर्ते-पायजामे में राहुल गांधी ने रेड कार्पेट पर चलते हुए वीआईपी गैलरी में प्रवेश किया. हालांकि, जब वह अपनी सीट पर पहुंचे, तो पाया कि उन्हें बहुत पीछे की सीट दी गई. राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं, जिन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है, लेकिन उन्हें वहां बिठाया गया जहां ओलंपिक में खेलने वाली भारतीय टीम के सदस्य बैठे थे. उनके आगे कई केंद्रीय मंत्री, मुख्य न्यायाधीश, और लोकसभा स्पीकर बैठे थे.

राहुल गांधी, जब सिर्फ सांसद थे, तो लाल किले पर जाते नहीं थे. लेकिन नए-नए नेता विपक्ष बने, तो लाल किला पहुंचे, पर उन्हें पीछे की पंक्ति में बिठा दिया गया. जब सोशल मीडिया पर हंगामा मचा, तो सरकार सफाई देने आ गई. सोशल मीडिया पर राहुल गांधी की तस्वीरें वायरल हुईं, जिससे सवाल उठने लगे कि कैबिनेट मंत्री के दर्जे के बावजूद उन्हें सामने की बजाय पीछे क्यों बिठाया गया.

LOP को पीछे बैठाने पर छिड़ा बवाल

संजय मीना नाम के एक यूजर ने ट्वीट किया, "राहुल गांधी, जो 233 सांसदों का नेतृत्व कर रहे हैं, उन्हें सबसे पीछे की पंक्ति में क्यों बिठाया गया?" कई और पोस्ट्स और ट्वीट्स भी इस मुद्दे पर सामने आए. तस्वीरों में साफ दिखा कि कुर्ता पहने राहुल गांधी सेकंड लास्ट रो में ओलंपियंस के साथ बैठे हैं. उनके साथ बैठे थे इंडिया की हॉकी टीम के फॉरवर्ड गुरजंत सिंह, और आगे की पंक्ति में ओलंपिक मेडलिस्ट मनु भाकर, सरबजोत सिंह, ओलंपिक ब्रॉन्ज विजेता हॉकी टीम के कैप्टन हरमनप्रीत सिंह, और पीआर श्रीजेश जैसे लोग बैठे थे.

ADVERTISEMENT

क्या कहता है प्रोटोकॉल?

प्रोटोकॉल के अनुसार, राहुल गांधी को फ्रंट रो में जगह मिलनी चाहिए थी, फिर उन्हें पीछे क्यों बिठाया गया? लोकसभा में नेता विपक्ष का दर्जा कैबिनेट मंत्री के समान होता है, तो उन्हें इस तरह पीछे क्यों बिठाया गया? जब सोनिया गांधी विपक्ष की नेता थीं, तो उन्हें हमेशा आगे की रो में बैठाया जाता था.

रक्षा मंत्रालय ने दी सफाई

राहुल गांधी की सीटिंग को लेकर सवाल उठने के बाद, रक्षा मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया. मंत्रालय के मुताबिक, ओलंपिक मेडल विजेताओं को आगे की पंक्ति में बैठाना था, इसलिए राहुल गांधी को पीछे की पंक्ति में शिफ्ट कर दिया गया. नहीं तो प्रोटोकॉल के तहत उन्हें आगे की पंक्ति में ही जगह मिलती.

ADVERTISEMENT

सूत्रों के अनुसार, रक्षा मंत्रालय के सेक्शन डी सेरेमोनियल्स पर राष्ट्रीय कार्यक्रमों के आयोजन और बैठने की व्यवस्था का जिम्मा रहता है और राहुल गांधी को उनकी सही आवंटित जगह पर ही बिठाया गया था. यह बात ध्यान देने योग्य है कि राष्ट्रीय कार्यक्रमों में बैठने की व्यवस्था रक्षा मंत्रालय द्वारा की जाती है.

अब सवाल यह है कि राहुल गांधी को पीछे क्यों शिफ्ट किया गया और ऐसा व्यवहार क्यों किया गया? 2014 से 2024 तक लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद खाली था, क्योंकि उस समय किसी भी विपक्षी दल के पास पर्याप्त सांसद नहीं थे. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सीटों की संख्या 99 तक पहुंचने के बाद, 25 जून को राहुल गांधी को नेता विपक्ष नियुक्त किया गया. लेकिन उनके साथ ऐसा व्यवहार होने पर सोशल मीडिया पर चर्चा हुई, जिसका जवाब रक्षा मंत्रालय ने दिया.

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT