राजनीति से संन्यास लेंगी वसुंधरा राजे सिंधिया? ऐसा बयान कि आया सियासी भूचाल
वसुंधरा राजे के एक बयान ने राजस्थान की सियासत में एक बड़ी बहस छेड़ दी है. बहस इस बात की, कि क्या वसुंधरा राजे संन्यास लेने वाली हैं.
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![राजनीति से संन्यास लेंगी वसुंधरा राजे सिंधिया? ऐसा बयान कि आया सियासी भूचाल राजनीति से संन्यास लेंगी वसुंधरा राजे सिंधिया? ऐसा बयान कि आया सियासी भूचाल](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/nwtak/images/story/202311/vasundhara-raje-pd-07032021-11-1920x1080.jpg?size=948:533)
Vasundhara Raje News: वसुंधरा राजे के एक बयान ने राजस्थान की सियासत में भूचाल ला दिया है. असल में राजस्थान चुनाव के प्रचार के दौरान झालावाड़ में वसुंधरा राजे ने कुछ ऐसा कह दिया, जिसके खूब चर्चे हैं. वसुंधरा ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘हां, मुझे लग रहा है कि अब मैं रिटायर हो सकती हूं. आज मेरे पुत्र, सांसद साहब को सुनकर मुझे लगा कि आप लोगों ने उन्हें अच्छी तरह से सिखाकर ऐसे रास्ते पर लगा दिया है कि मेरे को इनके पीछे अब पड़ने की जरूरत ही नहीं.’ अब राजस्थान से लेकर दिल्ली तक वसुंधरा के इस संन्यास वाले बयान पर ही चर्चा है. क्या महारानी वाकई राजनीति से संन्यास ले रही हैं? या फिर ये चेतावनी है आलाकमान को?
वसुंधरा राजे के इस बयान को यहां नीचे दिए गए न्यूज एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) के ट्वीट में देखा और सुना जा सकता है.
VIDEO | "After listening to my son (MP Dushyant Singh), I feel that I should retire as you all have trained him so well that I don't need to keep pushing him. All the MLAs are here and I feel that there's no need to keep an eye on them as they will do the work for the people on… pic.twitter.com/IasIXAJlv1
— Press Trust of India (@PTI_News) November 3, 2023
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राजस्थान के चुनाव में अगर ये बड़ा सवाल है कि सरकार किसकी बनेगी, तो रोचक सवाल ये भी है कि बीजेपी में वसुंधरा राजे की पोजिशन अभी कहां है? बीजेपी ने उनको सीएम क्यों नहीं प्रोजेक्ट किया? अगर सरकार बनी तो वसुंधरा राजे फिर सीएम बनेगी या नहीं? ऐसी चर्चाओं पर वसुंधरा राजे ने तो कभी कुछ नहीं बोला, लेकिन अब जो बोला है वो किसी धमाके से कम नहीं है. अपने गढ़ झालावाड़ में बीजेपी का प्रचार करते-करते वसुंधरा ने संन्यास की ही बात छेड़ दी है.
वसुंधरा राजे मध्य प्रदेश के सिंधिया राजघराने की बेटी हैं. माधवराव सिंधिया की बहन और ज्योतिराज सिंधिया की बुआ हैं. शादी हुई राजस्थान में हुई, तो फिर यहीं की हो गईं. पिछले 20-25 साल से राजस्थान में बीजेपी की राजनीति को वसुंधरा राजे लीड करती रहीं. 2018 में बीजेपी सरकार जाने के बाद वो धीरे-धीरे पीछे दिखने लगीं. इसी दौर में वसुंधरा-गहलोत की मिलीभगत की चर्चाओं ने भी जोर पकड़ा.
बाकी बहुत सारे नेताओं की तरह वसुंधरा राजे ने भी एक काम बढ़िया किया. अपने बेटे दुष्यंत सिंह को राजनीति में बढ़िया से जमा दिया. वसुंधरा के गढ़ झालावाड़ से दुष्यंत सिंह सांसद हैं. चार बार चुनाव जीत चुके हैं औऱ हर चुनाव में पिछला रिकॉर्ड तोड़ते हुए जीत हासिल की.
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झालावाड़ की सभा में समर्थक विधायकों को साक्षी मानते हुए वसुंधरा ने जब संन्यास का जिक्र किया, तो इशारा ये भी किया कि अब वो दुष्यंत सिंह को अपने हिसाब से काम करने के लिए छोड़ रही हैं. एक मां ये कह रही थी कि बेटा बड़ा हो गया है. मुझे अब उस पर हर समय नजर रखने की जरूरत नहीं. राजनीति में रिटायरमेंट पर वसुंधरा राजे की अपनी थ्योरी रही है और समय-समय पर अपनी राय बताती भी रही हैं. 2018 में इंडिया टुडे के ही एक कार्यक्रम में वसुंधरा राजे ने कहा था कि नेता आसानी से राजनीति में रिटायर नहीं होते.
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बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की जो लिस्ट अब तक जारी की है, उसमें कई ऐसे नेताओं का पत्ता साफ कर दिया गया है, जो राजे के वफादार थे. महज कहने भर को ही महारानी के करीबियों को टिकट में तरजीह मिली है, क्योंकि जिन्हें टिकट मिला है उनके सियासी रिश्ते वसुंधरा से काफी अच्छे हैं और बीजेपी आलाकमान के लिए भी वफादार हैं.
वसुंधरा राजे 2003 में पहली बार सीएम तब बनीं जब बीजेपी अटल-आडवाणी की हुआ करती थी. 5 साल सरकार चलाने के बाद 2008 में सत्ता अशोक गहलोत के हाथ चली गई. 2013 में राजस्थान की राजनीति फिर पलटी. 2013 में वसुंधरा राजे ने बीजेपी की सत्ता वापसी करा दी. वसुंधरा राजे को फिर सीएम बनने का मौका मिला लेकिन 2018 में फिर अशोक गहलोत बाजी मार ले गए. परम्परा और अतीत के हिसाब से अबकी बार सत्ता बदलनी चाहिए और सरकार बीजेपी की बननी चाहिए. चुनाव से पहले अनुमानों में थोड़े-थोड़े संकेत ऐसे आने लगे हैं. सचमुच अगर ऐसा हुआ तो क्या वसुंधरा राजे कमान संभालेंगी या संन्यास के पथ पर ही रहेंगी. पता चलेगा 3 दिसंबर को नतीजे आने के बाद.
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