धौलपुर: कांग्रेस के गढ़ में वसुंधरा राजे ने बिगाड़ी गणित, विधानसभा चुनाव में क्या रहेगी तस्वीर? जानिए रिपोर्ट कार्ड
Vidhansabha candidates in dholpur: राजस्थान (rajasthan) के पूर्वी छोर पर चम्बल के किनारे बसा जिला धौलपुर (dholpur news), जिसकी उत्तर में यूपी के आगरा जिला से और दक्षिण में मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से सीमा जुड़ी हुई है. इस जिले की विशेषता के साथ ही यहां की सियासत भी खास है. इस जिले से […]
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Vidhansabha candidates in dholpur: राजस्थान (rajasthan) के पूर्वी छोर पर चम्बल के किनारे बसा जिला धौलपुर (dholpur news), जिसकी उत्तर में यूपी के आगरा जिला से और दक्षिण में मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से सीमा जुड़ी हुई है. इस जिले की विशेषता के साथ ही यहां की सियासत भी खास है. इस जिले से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (vasundhara raje) का भी नाता रहा. उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से ही लड़ा. इसके अलावा स्वर्गीय जगन्नाथ पहाड़िया, उप राष्ट्रपति स्वर्गीय भैरोसिंह शेखावत, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोहन प्रकाश, पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा समेत कई नेता इस पृष्ठभूमि से हैं.
यूं तो कभी इसे कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था, लेकिन राजे की एंट्री के बाद से इस गढ़ में सेंध लगनी शुरू हो गई. कांग्रेस के तीनो विधायकों में भी गुटबाजी हावी है. धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह ने भी बीजेपी से निष्कासित होने के बाद उन्होंने कांग्रेस की तरफ रुख कर लिया हैं और अब कांग्रेस से टिकट की दावेदार हैं. सियासी तस्वीर की बात करें तो पूर्व सीएम के समर्थक और वर्तमान बीजेपी संगठन के कार्यकर्ता अलग-अलग नजर आ रहे हैं. जिसका खामियाजा बीजेपी को उठाना पड़ सकता हैं.
राजे ने अपनी सियासी शुरुआत साल 1993 में कांग्रेस के बनवारी लाल शर्मा ने हराकर की. इसके बाद पूर्व उप राष्ट्रपति स्वर्गीय भैरोसिंह शेखावत, शिवराम कुशवाह, शोभारानी कुशवाह और अब्दुल सगीर खान भी मैदान में उतर चुके हैं. धौलपुर जिले में चार में से तीन सीट पर कांग्रेस और एक पर बीजेपी काबिज थी. लेकिन धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह के पार्टी से निष्कासन के बाद बीजेपी की गणित गड़बड़ा गई.
शहर की सीट से कांग्रेस अब तक 7 बार विजयी रही है. वहीं, बीजेपी 1 उपचुनाव समेत 7 बार, बीएसपी और सोशलिस्ट 1-1 सीट जीत चुकी है. जबकि राजाखेड़ा में 10 बार कांग्रेस, 2 बार बीजेपी और 2 बार निर्दलीय चुनाव जीते हैं. बाड़ी विधानसभा क्षेत्र में 10 बार कांग्रेस के अलावा 1-1 बार बीजेपी और बीएसपी के बाजी हाथ लगी. जबकि 3 बार निर्दलीय विधायक रह चुके हैं.
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क्या है धौलपुर शहर का हाल?
धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार दो बार बीजेपी से शोभारानी कुशवाह विधायक बनी हुई हैं. अब कांग्रेस की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं. साथ ही पूर्व प्रधान देवेंद्र उर्फ मोनू जादौन, प्रशांत उर्फ प्रिंस हुंडावाल, अमित मुदगल, सेवादल की जिलाध्यक्ष समृद्धि दीक्षित, पीसीसी सदस्य धर्मेंद्र शर्मा, धनेश जैन, शालिनी शर्मा, राजेंद्र सिंह गुर्जर, इसरार खान, डॉ.जाहिदा शवनम, पूर्व सभापति कमल कंषाना, आजाद खान, दिनेश त्यागी और हाजी अजमेरी खान भी टिकट की दौड़ में हैं.
बात बीजेपी की करें तो पार्टी से डॉ. शिवचरण कुशवाह, विवेक सिंह बोहरा, सीपी शर्मा, हरिनिवास प्रधान, गोरेलाल कुशवाह और विशम्भर दयाल शर्मा जैसे नामों के साथ दावेदारों की लंबी कतार है. बीएसपी ने यहां से पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा के भतीजे रितेश शर्मा को प्रत्याशी घोषित कर दिया हैं. इस विधानसभा सीट पर ब्राह्मण और कुशवाहा वोट बैंक सबसे अधिक होने के चलते दोनों ही समाज से प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई है.
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बाड़ी में बीएसपी से जीते मलिंगा कांग्रेस के दावेदार
बाड़ी विधानसभा सीट से कांग्रेस के गिर्राज सिंह मलिंगा विधायक हैं और लगातार 3 बार से इस सीट पर कब्जा बनाए हुए हैं. गिर्राज सिंह मलिंगा साल 2008 में बीएसपी की टिकट पर चुनाव जीत कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. कांग्रेस से गिर्राज सिंह मलिंगा प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. जबकि भाजपा की तरफ से पूर्व विधायक जसवंत सिंह गुर्जर, प्रशांत परमार, विष्णु सिंघल और जगवीर सिंह गुर्जर का नाम चल रहा है.
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राजाखेड़ा में प्रद्युम्न सिंह के पुत्र रोहित बोहरा विधायक हैं. वर्तमान में भी कांग्रेस की तरफ से रोहित बोहरा ही प्रबल दावेदार हैं. जबकि बीजेपी की ओर से दिवगंत अशोक शर्मा की पत्नी नीरजा शर्मा, एमपी के पूर्व डीजीपी पुलिस पवन जैन, बाचाराम बघेल, सोवरन सिंह गलेथा, राजपाल टिकट की दौड़ में हैं.
जबकि बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र में दो बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस ने परचम फहराया हैं. एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी बैरवा अपने टिकट को लेकर आश्वस्त हैं. लेकिन इसी क्षेत्र से सांसद प्रत्याशी रहे संजय जाटव भी कांग्रेस से दावा ठोंक रहे हैं. वहीं, बीजेपी के पूर्व विधायक सुखराम कोली, पूर्व विधायक रानी सिलोटिया, बबलू कोली, गुड्डी मौर्य और चंद्रशेखर मौर्य का नाम भी दौड़ में शामिल है.
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