B.Ed vs BSTC केस में सुप्रीम ने सुनाया अहम फैसला, राजस्थान सरकार को मिली बड़ी राहत

राजस्थान तक

B.Ed vs BSTC Supreme Court Judgement: सुप्रीम कोर्ट (SC) से राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) को बीएसटीसी-बीएड (BSTC-B.Ed) मामले में बड़ी राहत मिली है. शुक्रवार को BSTC-B,ED मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने आदेश दिए हैं, जिसमें प्राथमिक वर्ग (Level-1) भर्ती के लिए […]

ADVERTISEMENT

राजस्थान: B.Ed vs BSTC केस में सुप्रीम ने सुनाया अहम फैसला, राजस्थान सरकार को मिली बड़ी राहत
राजस्थान: B.Ed vs BSTC केस में सुप्रीम ने सुनाया अहम फैसला, राजस्थान सरकार को मिली बड़ी राहत
social share
google news

B.Ed vs BSTC Supreme Court Judgement: सुप्रीम कोर्ट (SC) से राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) को बीएसटीसी-बीएड (BSTC-B.Ed) मामले में बड़ी राहत मिली है. शुक्रवार को BSTC-B,ED मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने आदेश दिए हैं, जिसमें प्राथमिक वर्ग (Level-1) भर्ती के लिए बीएड योग्यता धारियों को अपात्र माना गया है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजस्थान मे लंबे समय से चल रहा बीएसटीसी-बीएड विवाद अब खत्म हो गया है. SC के आदेश के बाद अब प्रदेश के लाखों बीएड धारी को झटका लगा है. वह अब रीट परीक्षा में लेवल-1 के लिए पात्र नहीं होंगे.

राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराया

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राजस्थान सरकार को राहत मिली है, इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की पॉलिसी को सही ठहराया है. राजस्थान सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील मनीष सिंघवी ने कोर्ट में पक्ष रखा था.  इस आदेश केंद्र सरकार, एनसीटीई (नेशनल काउन्सिल ऑफ टीचर्स एड्युकेशन) और बीएड योग्यता धारक कैंडिडेट्स की एसएलपी को खारिज करते हुए दिया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के 25 नंबवर 2021 को फैसले को सही ठहराया है, जिसमें एनसीटीई के नोटिफिकेशन को रद्द किया था.

यह भी पढ़ें...

क्या है मामला

एनसीटीई (NCTE) ने 28 जून 2018 को एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती में लेवल-1 में बीएड डिग्रीधारकों को पात्र माना गया था. लेवल-1 में पात्र बीएड डिग्रीधारकों को इसके लिए नियुक्ति मिलने से 6 महीने में एक ब्रिज कोर्स करने की बात कही थी. लेकिन 25 नवंबर 2021 को हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए एनसीटीई नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया था. हालांकि रीट परीक्षा में सरकार ने लेवल-1 में बीएड डिग्रीधारकों को बैठने की छूट दी थी. जिसके बाद करीब 9 लाख कैंडिडेट्स ने रीट लेवल-1 परीक्षा में हिस्सा लिया था.

लेवल-1 में बीएसटीसी कैंडिडेट्स ही पात्र

इसके बाद बीएसटीसी कैंडिडेट्स की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. जिस पर हाईकोर्ट ने 25 नवंबर 2021 को एनसीटीई का नोटिफिफेशन रद्द करते हुए. लेवल-1 के लिए सिर्फ बीएसटीसी धारकों को ही योग्य माना था. इस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. जिसमें शुक्रवार को राज्य सरकार के फैसले को बरकार रखा गया है.’

यह भी पढ़ें: गहलोत से बेरोजगार युवाओं की मांग- रीट कराओ, सरकार बनाओ, ट्वीटर पर हुआ ट्रेंड

    follow on google news
    follow on whatsapp