जैसलमेर का 'पठान खान' PAK के लिए कर रहा था जासूसी..भारत से गद्दारी के लिए ISI से मिले थे इतने पैसे! धरा गया
राजस्थान इंटेलिजेंस ने जैसलमेर के पठान खान को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पठान खान सोशल मीडिया और मोबाइल से गोपनीय जानकारी भेज रहा था. जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे...
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राजस्थान इंटेलिजेंस ने पाकिस्तान की आईएसआई (ISI) के लिए जासूसी करने वाले जैसलमेर निवासी पठान खान को ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत गुरुवार को गिरफ्तार किया है. जासूस पठान पिछले काफी लंबे समय से देश की गोपनीय सूचनाएं पाक खुफिया एजेंसी ISI को भेज रहा था. उससे गहन पूछताछ चल रही है. कुछ दिनों पहले भी पठान खान को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के संदेह में डिटेन करके ले जाया गया था, जहां उससे सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन सेंटर में पूछताछ की जा रही थी.
राजस्थान इंटेलिजेंस के महानिरीक्षक विष्णुकांत ने बताया कि राज्य विशेष शाखा, जयपुर द्वारा पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसियों की राज्य में की जाने वाली जासूसी गतिविधियों पर सतत निगरानी रखी जाती है. इसी क्रम में जैसलमेर जिले के सामरिक महत्व के अति संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र की निगरानी के दौरान जीरो आरडी मोहनगढ़, जैसलमेर निवासी पठान खान की गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं.
लंबे समय से भेजी जा रही थी गोपनीय सूचना
जैसलमेर, पाकिस्तान से लगती हुई अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सामरिक रूप से अत्यंत संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण क्षेत्र है. सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना का लगातार आवागमन होता रहता है और इस क्षेत्र में सेना द्वारा सैन्य अभ्यास हेतु लगातार ऑपरेशन किए जाते हैं. जासूस पठान खान द्वारा पिछले लंबे समय से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को देश की गोपनीय और सामरिक सूचनाएं भेजी जा रही थीं.
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2013 में पाकिस्तान गया था पठान
महानिरीक्षक विष्णुकांत ने बताया कि पठान खान वर्ष 2013 में पाकिस्तान गया था. वहां पाक खुफिया एजेंसी के अधिकारियों के संपर्क में आया. धन का प्रलोभन दिए जाने पर पाकिस्तान में जासूसी का प्रशिक्षण प्राप्त किया. 2013 के पश्चात भी पठान खान पाकिस्तान जाकर पाक खुफिया एजेंसी के अधिकारियों से मुलाकात करता रहा और धन के लालच में आकर पाक हैंडलर्स से मुलाकात के दौरान एवं सोशल मीडिया के माध्यम से जैसलमेर अंतरराष्ट्रीय सीमा की संवेदनशील एवं गोपनीय सूचनाएं उन्हें निरंतर साझा करता रहा. पठान खान द्वारा पाक खुफिया अधिकारियों को जासूसी उपयोग हेतु भारतीय सिम भी उपलब्ध करवाई गई थी. इसके बदले पठान खान को आईएसआई द्वारा विभिन्न माध्यमों से धन उपलब्ध करवाया जा रहा था.