राजस्थान में 'व्हाइट हाउस' की इतनी चर्चा क्यों, SI भर्ती पेपर लीक में हनुमान बेनीवाल ने किस मंत्री पर आरोप लगाए?
Hanuman Beniwal News: जयपुर में सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 का पेपर लीक मामला फिर से गरमा गया है. मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के बाद अब आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने भी इस मामले में अपनी आवाज उठाई है. उन्होंने पेपर लीक का कनेक्शन जोधपुर के व्हाइट हाउस से बताया
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Hanuman Beniwal News: जयपुर में सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 का पेपर लीक मामला फिर से गरमा गया है. मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के बाद अब आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने भी इस मामले में अपनी आवाज उठाई है. उन्होंने परीक्षा रद्द करने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.
1 मई को बेनीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसओजी का एक कथित पूछताछ नोट सार्वजनिक किया. इस नोट में गिरफ्तार महिला आरोपी संतोष ने केके विश्नोई पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जिसका संबंध बेनीवाल ने जोधपुर के व्हाइट हाउस से कनेक्ट किया. बेनीवाल ने कहा कि सब-इंस्पेक्टर भर्ती 2021 पेपर लीक का व्हाइट हाउस से कनेक्शन है. जो मंत्री केके बिश्नोई का आवास है.
केके बिश्नोई ने दिए थे डमी कैंडिडेट को 6 लाख रुपये
हनुमान बेनीवाल ने मीडिया को बताया कि एसओजी की पूछताछ में संतोष ने खुलासा किया कि डमी कैंडिडेट छम्मी विश्नोई को दिए गए 6 लाख रुपये केके विश्नोई ने ही दिए थे. बेनीवाल ने कहा कि यह खुलासा उनकी तरफ से नहीं, बल्कि एसओजी के पूछताछ नोट में दर्ज है. उन्होंने आरोप लगाया कि केके बिश्नोई की संलिप्तता से युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है. टोंक के सांवरलाल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बिना परीक्षा दिए ही वह थानेदार बन गया. यह एक सुनियोजित साजिश है, जिसमें मंत्री, अधिकारी और दलाल शामिल हैं.
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बेनीवाल ने सरकार से की ये चार बड़ी मांगें
जयपुर के शहीद स्मारक पर चल रहे धरने में पांच दिनों से शामिल हो रहे बेनीवाल ने मुख्यमंत्री से पूछा कि वे ऐसे भ्रष्ट मंत्री को क्यों बचा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि एसओजी अधिकारियों पर भी दबाव डाला जा रहा है, ताकि आरोपियों के नाम हटाए जा सकें और फाइलों को दबाया जा सके. नाम हटाने के लिए 1-1 करोड़ रुपये की मांग की जा रही है.
आरएलपी ने सरकार से चार मांगें रखी हैं:
- मंत्री केके विश्नोई को तुरंत बर्खास्त किया जाए.
- एसआई भर्ती 2021 को रद्द करके दोबारा पारदर्शी परीक्षा कराई जाए.
- एसओजी की जांच सार्वजनिक की जाए और सीबीआई से जांच कराई जाए.
- दोषी अधिकारियों, दलालों और लाभार्थियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और योग्य अभ्यर्थियों को न्याय मिले.