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बांग्लादेशी भाई-बहन बॉर्डर पर तार के नीचे से पहुंचे अजमेर, CID को शक हुआ तो हो गया ये खुलासा
Bangladeshi infiltrators arrested: बांग्लादेशी भाई-बहन बॉर्डर पर तार के नीचे से अजमेर पहुंच गए जिसके बाद सीआईडी को उन पर शक हो गया.
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Bangladeshi Infiltrators Arrested: अजमेर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बांग्लादेशी घुसपेठिये भाई-बहन को अरेस्ट किया है. यह दोनों भाई बहन दलाल को 15 हजार रुपये की रिश्वत देकर बांग्लादेश सीमा से तार के नीचे से अजमेर (Ajmer News) पहुचे थे. पुलिस पूछताछ में सामने आया कि वह दोनों करीब दो माह पूर्व चोरी छिपे अजमेर में आ गए थे. तब से यहां पर खजाना गली में रह रहे हैं. वह यहां पर कपड़ा सिलाई का काम करके गुजारा कर रहे थे. सीआईडी (CID) को कुछ दिन पहले दोनों पर शक हो गया था. जब उनके बारे में जानकारी जुटाई गई तो सही निकली जिसके बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया गया.
अजमेर के नला बाजार क्षेत्र से फर्जी आईडी के साथ दोनों घुसपैठिये भाई-बहन को सीआईडी जोन व दरगाह थाना पुलिस ने दबोच लिया. दोनों को पूछताछ के बाद डिटेंशन सेन्टर भेज दिया. पुलिस के अनुसार, घुसपैठिया महिला गंशीगंज, बांग्लादेश निवासी महमूदा अख्तर (30) और उसका भाई नाहिद हुसैन (21) है. दोनों ने पूछताछ में स्वयं को भाई-बहन बताया है.
फर्जी आईडी से किराए पर लिया मकान
घुसपैठिए भाई-बहन ने चौबीस परगना पश्चिम बंगाल निवासी नाहिद शेख और नादिया शेख नाम की फर्जी आईडी बनाकर अजमेर में किराए पर मकान ले लिया. दोनों से उनकी असली आईडी भी बरामद की गई है. दोनों से गहनता से पूछताछ के बाद उन्हें पुलिस सुरक्षा में अलवर स्थित डिटेंशन सेन्टर भेज दिया गया. दोनों ने प्रारंभिक पूछताछ में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर दलाल को 15 हजार रुपए देकर भारत में आना स्वीकार किया है.
घुसपैठिया महिला ने बताई भारत आने की वजह
बांग्लादेशी महिला महमूदा अख्तर ने बताया कि वह पूर्व में भी भारत आ चुकी है. वह यहां पर पहले एक दुकान पर नौकरी करती थी. फिर वह कुछ समय के लिए वापस बांग्लादेश लौट गई. लेकिन वहां पर उसे काम नहीं मिल रहा था. इसलिए परेशान होकर रोजगार की तलाश में पुनः भारत आ गई. इस बार यहां पर उसने नौकरी करने की जगह खुद का ही सिलाई का काम शुरू कर दिया जो सही चलने लगा था.