पिछले साल बने नए जिलों पर गहराया संकट? सीएम भजनलाल सरकार लेने जा रही है बड़ा फैसला!
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अब राजस्थान सरकार एक्शन मोड में नजर आ रही है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पिछली गहलोत सरकार के कामों को रिव्यू करने की तैयारी कर चुके हैं. इस कड़ी में पहला काम पिछले साल गठित नए जिले और संभाग के फैसले की समीक्षा का आदेश जारी किया गया है.
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लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अब राजस्थान सरकार एक्शन मोड में नजर आ रही है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पिछली गहलोत सरकार के कामों को रिव्यू करने की तैयारी कर चुके हैं. इस कड़ी में पहला काम पिछले साल गठित नए जिले और संभाग के फैसले की समीक्षा का आदेश जारी किया गया है. जिसके तहत नवगठित तीन संभाग और 17 जिलों की समीक्षा की जाएगी. समीक्षा के लिए डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के संयोजन में एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित कर दी गई है. यह कमेटी इन संभागों और जिलों के प्रशासनिक क्षेत्राधिकार, संचालन, प्रशासनिक आवश्यकता व वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के संबंध में समीक्षा करेगी.
बता दें कि राजस्थान (Rajasthan) सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 23 मई 2023 को गठित 17 जिलों और तीन संभागों के प्रशासनिक दृष्टिगत क्षेत्राधिकार, सुचारू संचालन, प्रशासनिक आवश्यकता, वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता आदि के संबंध में मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की जाती है.
दरअसल, राजस्थान में पहले कुल 33 जिले और 7 संभाग थे. जिसके बाद 17 नए जिले गठित होने से जिलों की कुल संख्या 50 हो गई थी. इस दौरान पाली, सीकर और बांसवाड़ा को संभाग बनाने से कुल 10 संभाग हो गए थे. पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में इन जिलों के नोटिफिकेशन को मंजूरी दी गई. जिसके बाद जयपुर और जोधपुर को बांटकर दो-दो जिले बने. इनके नगर निगम क्षेत्र को जयपुर, जोधपुर और इससे बाहर वाली तहसीलों को जयपुर ग्रामीण और जोधपुर ग्रामीण में शामिल किया गया है.
ये हैं नए जिले, जिनका रिव्यू करेगी सरकार
नए जिलों की लिस्ट में उदयपुर, जयपुर, जोधपुर, अलवर समेत कई जिलों के क्षेत्र शामिल थे. जिन्हें जिलों का दर्जा दे दिया गया था. अनूपगढ़, जोधपुर ग्रामीण, फलौदी, बालोतरा, सांचौर, सलूंबर, शाहपुरा, गंगापुर सिटी, डीग, खैरथल तिजारा, कोटपुतली-बहरोड़, नीम का थाना, डीडवाना-कुचामन, केकड़ी, ब्यावर, जयपुर ग्रामीण और दूदू को नया जिला बनाया गया था.