BJP से टिकट नहीं मिला तो वसुंधरा राजे के करीबी ने भर दिया नामांकन, पार्टी के लिए खड़ी की मुश्किल!
Bhawani singh rajawat filed nomination: राजस्थान विधानसभा चुनाव (rajasthan election 2023) को लेकर बीजेपी (bjp) की तीसरी लिस्ट जारी होने की संभावना जताई जा रही है. वहीं, कई दावेदारों की बेचैनी भी बढ़ गई हैं. इस बीच कोटा से एक तस्वीर ऐसी सामने आई है जहां टिकट मिलने से पहले ही बीजेपी नेता से नामांकन […]
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Bhawani singh rajawat filed nomination: राजस्थान विधानसभा चुनाव (rajasthan election 2023) को लेकर बीजेपी (bjp) की तीसरी लिस्ट जारी होने की संभावना जताई जा रही है. वहीं, कई दावेदारों की बेचैनी भी बढ़ गई हैं. इस बीच कोटा से एक तस्वीर ऐसी सामने आई है जहां टिकट मिलने से पहले ही बीजेपी नेता से नामांकन भर दिया. कोटा के लाड़पुरा से पूर्व विधायक और वसुंधरा राजे (vasundhara raje) के खास भवानी सिंह राजावत ने बीजेपी से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है.
इस दौरान राजावत अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ में नामांकन दाखिल करने के लिए पहुंचे. नामांकन रैली के दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सभी सर्वे में मैं नंबर वन पर हूं और सर्वे के आधार पर टिकट मुझे ही मिलना चाहिए. इस आधार पर मैंने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है.

वसुंधरा गुट को दरकिनार करने का लगा चुके हैं आरोप
उन्होंने पिछले महीने ही बीजेपी को चुनौती दी थी. उन्होंने टिकट कटने की आशंका जाहिर करते हुए इसे पार्टी को पत्र लिखा. राजावत ने कहा कि इसीलिए मैंने चिट्ठी लिखकर पार्टी से मांग की है कि मुझे टिकट दिया जाए. ऐसा नहीं हुआ तो मैं निर्दलीय ही चुनाव लड़ूंगा. साथ ही कहा कि दूसरी पार्टी से भी अगर मुझे ऑफर आता है तो मैं दूसरी पार्टी में शामिल होऊंगा. उन्होंने पार्टी पर आरोप लगाया कि वसुंधरा गुट को दरकिनार किया जा रहा है.
बीजेपी नेतृत्व को लिखा पत्र
उन्होंने पार्टी को लिखे पत्र में कहा था कि “मुझे लगातार 3 बार विधायक बनाने वाले ऐसे देवता स्वरूप कार्यकर्ताओं की दुर्दशा मैं नहीं देख सकता. इसलिए जन भावनाओं का आदर करते हुए मैंने भी लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र से पूर्ण निर्दलीय अथवा किसी अन्य दल के सिंबल पर चुनाव लड़ने का मन बना लिया है. साथ ही कहा कि मेरा आपसे अनुरोध है कि क्षेत्र में पार्टी के सर्वे में जनता की इच्छा के अनुरूप मुझे पार्टी का प्रत्याशी बनाने की कृपा करें. अन्यथा मुझे अपनी मां रूपी पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ने को विवश होना पड़ेगा.”