जयपुर: श्मशान घाट में रात को चिताओं के बीच ‘मुन्नी बदनाम हुई’ पर डांस, खड़े हुए सवाल!
Jaipur: अक्सर लोग श्मशान घाट को अशुभ मानकर अपने मुंह से नाम लेना नहीं चाहते हैं. कुछ लोग तो दाह संस्कार में जाने भी डरते हैं. वहां नाटक देखने और करने का तो सपने में भी सोच नहीं सकते हैं लेकिन ऐसा पहली बार हुआ जब जयपुर में मंगलवार रात को किसी शमशान घाट में […]
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Jaipur: अक्सर लोग श्मशान घाट को अशुभ मानकर अपने मुंह से नाम लेना नहीं चाहते हैं. कुछ लोग तो दाह संस्कार में जाने भी डरते हैं. वहां नाटक देखने और करने का तो सपने में भी सोच नहीं सकते हैं लेकिन ऐसा पहली बार हुआ जब जयपुर में मंगलवार रात को किसी शमशान घाट में नाटक का मंचन हुआ. जहां एक युवक ‘मुन्नी बदनाम हुई’ और ‘दिल दीवाना’ जैसे फिल्मों गानों पर भी थिरकता नजर आया और उसे दिखने के लोग बड़ी संख्या में पहुंचे. आश्चर्यजनक बात यह हुई की मान्यताओं के अनुसार महिलाए श्मशान घाट नहीं जाया करती है. यहां पर महिलाएं नाटक देखने पहुंची बल्कि महिला कलाकार ने श्मशान घाट पर बने मंच पर अभिनय भी किया. जिसके बाद लोगों ने अब सोशल मीडिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
जयपुर के प्रताप नगर हल्दीघाटी मार्ग स्थित श्मशान घाट में मंगलवार रात को शुभ विचार संस्था द्वारा ‘श्मशान घाट’ नामक नाटक का मंचन हुआ. जिसकी परिकल्पना और निर्देशन शास्त्रीय संगीत और नाट्य के शोधार्थी रंगकर्मी जितेंद्र शर्मा ने किया. जितेंद्र शर्मा ने बताया श्मशान घाट रंगमंच के इतिहास का पहला नाटक है, जिसका मंचन श्मशान घाट पर हुआ है.
नाटक के द्वारा यह संदेश दिया गया है कि मनुष्य का छोटा सा जीवन कुविचारों और दुर्वव्यसनो से और छोटा हो जाता है, इसलिए इंसान को चाहिए वह अपने जीवन मे शुभविचार अपना कर शुभ कार्य करे. जिस से उसका छोटा सा जीवन भी बड़ा बन जाए और मनुष्य जीवन सार्थक हो जाए.
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नाटक की परिकल्पना और कहानी जितेन्द्र शर्मा की है, जो सच्ची घटनाओ आधारित है. इसमें दो दोस्त श्मशान घाट में रात को शराब पार्टी करने चले जाते हैं और नशे में सभी एक दूसरे के कुविचारों और दुर्वव्यसनो को बता कर एक दूसरे को अपमानित करते करते हैं. यहीं नहीं नेता, कलेक्टर और थानेदार तीनों मिलकर पैसा कमाने के लिये श्मशान घाट और गोचर की जमीन को बेचकर खा जाना चाहते हैं.
वहीं कहानी के एक भाग में फिल्म निर्माता निर्देशक अरमान अली पैसे कमाने के लिए अश्लील फिल्म बना कर उस मे हिन्दू धर्म की संस्कृति को पाखंड बता कर फिल्में बनाने की योजना बनाते हुए भी दर्शाया गया है. लेकिन रोचक बात यह हैं कि शमशान घाट पर बने नाटक के मंच पर नाटक की कहानी से प्रभावित होकर नाटक में अभिनय कर रहे कलाकार मुनिश सिंह चौहान और राहुल चौधरी ने अपनी धूम्रपान की लत को हमेशा के लिये छोड़ने का प्रण सब के सामने लिया, ताकि आने वाले जीवन को अच्छी राह पर लें जा सकें.
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